लखनऊ: कानून व्यवस्था के लिए हर पल मुस्तैद रहने वाली खाकी के जवान अपराधियों संग अब कोरोना से भी लोहा ले रहे हैं. शहर में कोरोना की चपेट में आए लोगों में 16 फीसदी मरीज खाकी वर्दी वाले ही हैं. हालांकि ज्यादातर जवान बेहद कम समय में ठीक होकर वापस भी आ गए हैं.
इन जवानों ने समय-समय पर कोरोना से लोहा लेना अभी भी बंद नहीं किया. चाहे रेलवे की पटरियों पर जीआरपी और आरपीएफ की तैनाती हो या पीएसी के जवान, सभी इस समय इस संक्रमण से लड़ रहे हैं. कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे डायल 112 हेल्पलाइन के पुलिस के जवानों को अपनी चपेट में लिया. खाकी के जवानों का लगातार कोरोना संक्रमित होना, खतरे की घंटी का संकेत है.
प्रवासियों के लौटने के दौरान रेलवे स्टेशनों पर राजकीय रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के जवान लगातार ड्यूटी कर रहे थे. इसी बीच 24 मई को सबसे पहले जीआरपी के 4 जवान संक्रमण की चपेट में आ गए थे. राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीज का आंकड़ा 900 के पार हो गया है. इनमें जीआरपी ,आरपीएफ, पुलिस कर्मी और पीएसी के 150 से अधिक सुरक्षाकर्मी के साथ-साथ इनके परिजन हैं.
आइए जानते हैं कब-कब कोरोना संक्रमण ने खाकी के जवानों पर हमला किया-
24 मई- जीआरपी के 4 जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
26 मई- जीआरपी के 37 और आरपीएफ के 6 जवान भी संक्रमित मिले.
11 जून- पारा में ठहरी पीएसी की 10 वीं बटालियन में 1 जवान में वायरस के लक्षण मिले.
15 जून- पॉलिटेक्निक कॉलेज और गौतम पल्ली में 47 वीं बटालियन का एक जवान कोरोना संक्रमित मिला.
16 जून- 47 वीं बटालियन के 43 जवान संक्रमित मिले.
18 जून- पुलिस हेड क्वार्टर और 12 वीं बटालियन में एक एक जवान की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
19 जून- पीएसी का एक जवान संक्रमित मिला.
20 जून- यूपी 112 में पांच पुलिसकर्मी संक्रमित पाए गए.
21 जून- 47 वीं बटालियन के 18 जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
24 जून- डीएवी कॉलेज में ठहरे जवानों में 25 संक्रमित मिले.
25 जून- पुलिस लाइन से 8 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए.