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सिविल अस्पताल में कोरोना जांच ठप, सौ से ज्यादा मरीज लौटे - सिविल अस्पताल

राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में कोरोना जांच ठप पड़ी है. इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ओपीडी में आने वाले मरीजों को जांच के लिए दूसरे सेंटर जाना पड़ रहा है.

सिविल अस्पताल
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Published : Mar 6, 2021, 7:01 PM IST

लखनऊ: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में कोरोना जांच ठप हो गई है. यहां जांच के लिए मरीज भटक रहे हैं. मरीज निजी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराने को मजबूर हैं.

बता दें कि सिविल अस्पताल में दो दिन से कोरोना जांच नहीं हो रही है. अस्पताल में रोजाना कोरोना की आशंका में ओपीडी व इरमजेंसी में भर्ती 100-140 मरीजों की जांच होती है. यह जांच मुफ्त है. दो दिनों से अस्पताल में आरटीपीसीआर किट का संकट खड़ा हो गया है. नतीजतन मरीजों को बिना जांच लौटाया जा रहा है.

भर्ती मरीजों की जरूरी है जांच
डॉक्टर व कर्मचारियों का कहना है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जांच जरूरी है. बिना जांच हेल्थ वर्कर संक्रमण की जद में आ सकते हैं. ओपीडी में तो दूर से मरीजों को देखकर काम चलाया जा सकता है, लेकिन भर्ती मरीजों में यह संभव नहीं है. इंजेक्शन से लेकर छोटे ऑपरेशन तक करने की जरूरत पड़ती है. चोट लगे मरीजों की ड्रेसिंग की जाती है. अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही किट मंगाने का दावा किया है.

यहां हो रही है जांच
केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान, बलरामपुर, डफरिन, झलकारीबाई, लोकबंधु, रानी लक्ष्मीबाई समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच की सुविधा है.

लखनऊ: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में कोरोना जांच ठप हो गई है. यहां जांच के लिए मरीज भटक रहे हैं. मरीज निजी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराने को मजबूर हैं.

बता दें कि सिविल अस्पताल में दो दिन से कोरोना जांच नहीं हो रही है. अस्पताल में रोजाना कोरोना की आशंका में ओपीडी व इरमजेंसी में भर्ती 100-140 मरीजों की जांच होती है. यह जांच मुफ्त है. दो दिनों से अस्पताल में आरटीपीसीआर किट का संकट खड़ा हो गया है. नतीजतन मरीजों को बिना जांच लौटाया जा रहा है.

भर्ती मरीजों की जरूरी है जांच
डॉक्टर व कर्मचारियों का कहना है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जांच जरूरी है. बिना जांच हेल्थ वर्कर संक्रमण की जद में आ सकते हैं. ओपीडी में तो दूर से मरीजों को देखकर काम चलाया जा सकता है, लेकिन भर्ती मरीजों में यह संभव नहीं है. इंजेक्शन से लेकर छोटे ऑपरेशन तक करने की जरूरत पड़ती है. चोट लगे मरीजों की ड्रेसिंग की जाती है. अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही किट मंगाने का दावा किया है.

यहां हो रही है जांच
केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान, बलरामपुर, डफरिन, झलकारीबाई, लोकबंधु, रानी लक्ष्मीबाई समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच की सुविधा है.

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