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दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच मर गया कोरोना संक्रमित

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराती नजर आ रही हैं. सरकार के भले ही लाख दावे हों लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है. राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में एक मरीज ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. मौत के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया.

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Published : Apr 10, 2021, 4:31 AM IST

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में शुक्रवार सुबह कोरोना पॉजिटिव मरीज ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. मृतक के बेटे ने स्टाफ पर ऑक्सीजन न लगाने का आरोप लगाया. इसे लेकर बेटे ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. मामले की सूचना पाकर अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया. मरीज का ऑक्सीजन लेवल बेहद गिरता जा रहा था. इलाज के अभाव में मरीज की मौत हो गई. बेटे ने स्टाफ पर ऑक्सीजन न देने का आरोप लगाया है.

इलाज के अभाव में मरीज ने तोड़ा दम

उन्नाव के रहने वाले रामकुमार (62 वर्ष) बीते माह 29 मार्च को अस्पताल में सामान्य बीमारी को लेकर भर्ती हुए थे. पहले उनका कोरोना टेस्ट कराया गया. डेढ़ हफ्ते पहले ही रिपोर्ट पाॅजिटिव आ गई. अस्पताल मरीज को भर्ती कराने के लिए सीएमओ और कोविड कमांड सेंटर पर सूचना भेजकर भूल गया. पॉजिटिव होने पर मरीज को डॉक्टर व स्टाफ ने इमरजेंसी के अलग वार्ड में रख दिया. इसके बाद से कोई भी डॉक्टर और स्टाफ मरीज का हाल लेने नहीं गए. ऐसे में मरीज की हालत लगातार गिरती जा रही थी. बेटा बलरामपुर के निदेशक डॉ. राजीव लोचन और सीएमओ ऑफिस की दौड़ लगाता रहा मगर मरीज को कोविड अस्प्ताल में शिफ्ट नहीं कराया गया. शुक्रवार सुबह मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम होता चला गया. बेटे ने स्टाफ से ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा मगर कोई भी स्टाफ वार्ड में नहीं गया. इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया. बेटे ने लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में जमकर हंगामा किया. अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन के नंबर पर इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की. उनके नंबर पर मैसेज भी किए गए लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में शुक्रवार सुबह कोरोना पॉजिटिव मरीज ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. मृतक के बेटे ने स्टाफ पर ऑक्सीजन न लगाने का आरोप लगाया. इसे लेकर बेटे ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. मामले की सूचना पाकर अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया. मरीज का ऑक्सीजन लेवल बेहद गिरता जा रहा था. इलाज के अभाव में मरीज की मौत हो गई. बेटे ने स्टाफ पर ऑक्सीजन न देने का आरोप लगाया है.

इलाज के अभाव में मरीज ने तोड़ा दम

उन्नाव के रहने वाले रामकुमार (62 वर्ष) बीते माह 29 मार्च को अस्पताल में सामान्य बीमारी को लेकर भर्ती हुए थे. पहले उनका कोरोना टेस्ट कराया गया. डेढ़ हफ्ते पहले ही रिपोर्ट पाॅजिटिव आ गई. अस्पताल मरीज को भर्ती कराने के लिए सीएमओ और कोविड कमांड सेंटर पर सूचना भेजकर भूल गया. पॉजिटिव होने पर मरीज को डॉक्टर व स्टाफ ने इमरजेंसी के अलग वार्ड में रख दिया. इसके बाद से कोई भी डॉक्टर और स्टाफ मरीज का हाल लेने नहीं गए. ऐसे में मरीज की हालत लगातार गिरती जा रही थी. बेटा बलरामपुर के निदेशक डॉ. राजीव लोचन और सीएमओ ऑफिस की दौड़ लगाता रहा मगर मरीज को कोविड अस्प्ताल में शिफ्ट नहीं कराया गया. शुक्रवार सुबह मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम होता चला गया. बेटे ने स्टाफ से ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा मगर कोई भी स्टाफ वार्ड में नहीं गया. इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया. बेटे ने लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में जमकर हंगामा किया. अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन के नंबर पर इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की. उनके नंबर पर मैसेज भी किए गए लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.


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