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अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा कोरोना मरीज, बेड नहीं मिलने से गई जान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीज बढ़ रहे है. अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी होती जा रही है. राजधानी में बेड और वेंटिलेटर की कमी के कारण एक मरीज की जान चली गई.

बेड नहीं मिलने से मौत
बेड नहीं मिलने से मौत
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Published : Apr 13, 2021, 7:22 AM IST

लखनऊ: राजधानी में कोरोना का कहर तेज होता जा रहा है. अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं. बढ़ते मरीजों के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा गई है. राजधानी में ताजा मामला 74 वर्षीय कृष्ण दत्त पांडेय का है. सीतापुर के मास्टर बाग निवासी कृष्ण दत्त पांडेय कोरोना से संक्रमित हो गए थे. ऑक्सीजन लेवल 80 के नीचे आ गया था. इसके बाद परिजनों ने कंट्रोल रूम में कई बार फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई.

इसे भी पढ़ें: ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल, स्ट्रेचर पर तड़प रहे मरीज

स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल

राजधानी में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ रहा है. अस्पतालों में बेड खाली नहीं बचे है. राजधानी में संधाधनों की कमी की वजह से एक मरीज की जान चली गई. सीतापुर के मास्टर बाग निवासी बुजुर्ग कृष्ण दत्त पांडेय की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उनका ऑक्सीजन लेवल 80 के नीचे आ गया था. परिजनों ने इसके बाद कंट्रोल रूम को कई बार फोन किया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस नहीं भेजी. मरीज की हालत बिगड़ते देख परिजन कृष्ण दत्त को केजीएमयू में भर्ती कराने पहुंचे. अस्पताल में डॉक्टरों ने बेड और वेंटिलेटर नहीं होने की बात कहकर लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन वेंटिलेटर और बेड मिलने की उम्मीद में कृष्ण दत्त को बलरामपुर अस्पताल ले गए. वहां भर्ती करने के कुछ मिनट बाद ही डॉक्टरों ने वेंटिलेटर नहीं होने की बात कहकर दूसरी जगह के लिए रेफर कर दिया. परिजन इसके बाद कृष्ण दत्त को सिविल अस्पताल में भर्ती कराने ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.

लखनऊ: राजधानी में कोरोना का कहर तेज होता जा रहा है. अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं. बढ़ते मरीजों के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा गई है. राजधानी में ताजा मामला 74 वर्षीय कृष्ण दत्त पांडेय का है. सीतापुर के मास्टर बाग निवासी कृष्ण दत्त पांडेय कोरोना से संक्रमित हो गए थे. ऑक्सीजन लेवल 80 के नीचे आ गया था. इसके बाद परिजनों ने कंट्रोल रूम में कई बार फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई.

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स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल

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