लखनऊ: पूरे प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश में सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है. वहीं इस दूसरी लहर के संक्रमण के चलते जहां व्यापार प्रभावित हुआ हैं, वहीं परिवहन में कैब और टैक्सी कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.
घरों से कम निकल रहे हैं लोग
संक्रमण के चलते लोग घरों से कम निकल रहे हैं, तो वहीं अनावश्यक रूप से अब कहीं जाने से भी बच रहे हैं. राजधानी में नाइट कर्फ्यू के चलते पाबंदियां लग गई हैं, जिससे पंजीकृत 12 हजार टैक्सी परमिट के संचालक का कारोबार घटकर आधा रह गया है. ऐसे में वह सरकार से कुछ राहत पैकेज की उम्मीद भी कर रहे हैं.
राजधानी में दहशत में आए लोग
लखनऊ का कोरोना संक्रमण से सबसे बुरा हाल है. हर रोज राजधानी में 5 हजार से ज्यादा नए कोविड-केस निकल रहे हैं. ऐसे में व्यापारी संगठनों ने खुद ही लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है और उन्होंने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं. सरकार द्वारा लगाए गए नाइट कर्फ्यू के कारण होटल और टैक्सी कारोबार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. टैक्सी कारोबार से जुड़े मालिक और चालकों की आय भी प्रभावित हुई है. लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
कारोबार पर फिर कोरोना का कहर
कोविड-19 का कहर एक बार फिर से पूरे उफान पर है. जिसके चलते अब मुंबई-दिल्ली समेत सभी बड़ें राज्यों को कोरोना ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है. एक बार फिर से उद्योग धंधे बंद होने लगे हैं. उत्तर प्रदेश का भी बुरा हाल है. यहां हर रोज 20 हजार से ज्यादा नए कोविड के मरीज सामने आ रहे हैं. इससे लोगों में दहशत का माहौल है. वहीं कई कारोबारी कोरोना के संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. अब व्यापारियों ने अपने संगठन के माध्यम से खुद ही लॉकडाउन लगा लिया है. परिवहन कारोबार में सबसे ज्यादा असर पड़ा है. टैक्सी और ऑटो का संचालन घट गया है, क्योंकि सड़कों पर लोगों का निकलना अब कम हो गया है.
कम हो रही है बुकिंग
कैब टैक्सी चालक अरुण कुमार ने बताया कि अब लोग टैक्सी कम बुक कर रहे हैं और घरों में ही ज्यादा रहना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में लोग बुकिंग कम कर रहे हैं, जिससे हम लोगों की इंकम कम हो रही है. क्योंकि राजधानी में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के चलते लोगों में दहशत है. हम लोगों की अब रोजी-रोटी पर भी बुरा असर पड़ा है. धंधा पचास प्रतिशत कम हुआ है. ऐसी स्थिति में हम गाड़ी की किस्त और इंश्योरेंस कैसे देंगे यह सोचकर परेशान हैं.
टैक्सी कारोबार पर कोरोना का कहर
राजधानी में होटल, ओला-उबर के 12 हजार टैक्सी पंजीकृत हैं. लेकिन वर्तमान में होटल जहां खाली चल रहे हैं, वहीं ओला-उबर की बुकिंग भी प्रभावित हुई है. कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार उनके पास 50 फीसदी से कम बुकिंग आ रही है, जिसके चलते अब खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है. ओला उबर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके पांडे ने बताया कि कोरोनावायरस के दूसरे चरण के संक्रमण ने उनके कारोबार को बुरी तरह से प्रभावित किया है. पहले के मुकाबले इस समय 50 फीसदी कारोबार में गिरावट आई है.
ओला उबर ने गाड़ियां ली वापस
ओला उबर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके पांडे ने बताया कि जो ओला-उबर ने ईएमआई पर गाड़ियां दी थी. इसका काफी लोगों ने फायदा भी उठाया. लेकिन 2020 में जैसे ही कोरोना वायरस और लॉकडाउन लगा दिया गया, तो गाड़ियां खड़ी हो गई. इससे ईएमआई तक नहीं भरी जा सकी. जिसके बाद ओला उबर कंपनियों ने टैक्सी वापस ले ली थीं. सरकार को उनके लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.
ये कहते हैं परिवहन अधिकारी
राजधानी लखनऊ के संभागीय परिवहन अधिकारी आरपी द्विवेदी ने बताया की लखनऊ में 12 हजार गाड़ियां, टैक्सी पंजीकृत हैं. जानकारी के अनुसार फिलहाल काफी कम ही टैक्सी संचालित हो रही हैं. हालांकि इस कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते कारोबार पूरी तरह से प्रभावित है. इनके रोड टैक्स माफी को लेकर अभी कोई निर्देश सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है. अगर सरकार से कोई निर्देश प्राप्त होगा तो उसका अनुपालन किया जाएगा.