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Corona Effect: मानसिक तनाव और अकेलेपन से गंभीर समस्या की चपेट में आ रही महिलाएं

कोरोना वायरस का प्रभाव (Corona Effect) महिलाओं के मासिक चक्र या पीरियड्स (menstrual cycle) में बदलाव का बड़ा कारण बन रहा है. राजधानी के अस्पतालों में इन दिनों मासिक चक्र या पीरियड्स में बदलाव की समस्या से परेशान कई महिलाएं अपना इलाज कराने पहुंच रही हैं. महिला रोग विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में ये समस्या सही डाइट और पौष्टिक आहार नहीं लेने के कारण ही होती है.

effect of coronavirus
कोरोना वायरस का प्रभाव
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Published : Jun 19, 2021, 9:44 AM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण महिलाएं पहले के मुकाबले घर और परिवार की देखभाल अधिक कर रही हैं. जिसके चलते उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानियों (mental and physical problems) का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे माहौल में बहुत सारी महिलाएं ज्यादा तनाव लेती हैं, जिनके मासिक चक्र (menstrual cycle) में बदलाव की वजह से यह समस्या हो रही है. राजधानी के महिला अस्पतालों में मासिक चक्र की समस्या से परेशान अनेकों महिलाएं डॉक्टर से परामर्श लेने आती हैं.

महिला रोग विशेषज्ञों के अनुसार, ओपीडी (OPD) में कोविड काल के दौरान पीरियड्स की समस्या से परेशान कई महिलाएं आ रही हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना काल ने घरों में रहने के बावजूद महिलाओं के मानसिक और शारीरिक तौर पर दुष्प्रभाव डाला है. महिलाएं इससे अभी तक उभर नहीं पाईं हैं. डॉक्टर के बताया कि अस्पताल में ओपीडी शुरू हुए महज दो सप्ताह हुआ है, लेकिन ऐसे मरीजों की संख्या अधिक है.

ये 3 चीजें करती हैं महिलाओं को परेशान

हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 50 से 70 महिलाएं आ रही हैं, जिसमें 10 से 15 महिलाएं को पीरियड्स से जुड़ी समस्या रहती है. जिसमें कुछ युवा लड़की तो कुछ डिलीवरी के बाद से पीरियड्स की फेरबदल से महिलाएं परेशान शामिल रहती हैं. डॉ. रंजना खरे ने बताया कि कोरोना काल में महिलाओं को परेशान करने वाली तीन चीजें हैं. पहला- कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खौफ. दूसरा- नौकरी और कारोबार करने वाली महिलाओं में नौकरी की अनिश्चितता. तीसरा- लॉकडाउन (Lockdown) के कारण उनके जीवन में आया अकेलापन.

खून की कमी, कमजोरी से होती है समस्या

केजीएमयू (KGMU) के मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके दलाल बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई. घर में पति, बच्चे, सास-ससुर की जिम्मेदारियों के बोझ तले महिलाएं इतनी दब गईं हैं कि वह अपने सेहत का ध्यान नहीं रख पा रहीं. सही डाइट और पौष्टिक आहार नहीं लेने के कारण ही पीरियड्स में फेरबदल होता है. शरीर में खून की कमी और कमजोरी होने के कारण पीरियड्स हर 10 दिन में ही आ जाता है.

बहुत सारी ऐसी महिलाएं होती हैं जो कामकाज के बाद पौष्टिक आहार (nutritious food) नहीं लेती और घर के किसी बात को लेकर सोचती रहती हैं. जिसके कारण वह अकेलेपन की शिकार हो जाती हैं. यही कारण है कि कोरोना काल में महिलाओं पर शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ रहा है.

ये करें उपाय-

  • खाने-पीने का समय निर्धारित करें.
  • अच्छी डाइट और पौष्टिक आहार लें.
  • दिमागी टेंशन बिल्कुल भी न लें.
  • अपने घर वालों से खुलकर बातचीत करें.
  • व्यवहार में चिड़चिड़ापन न लाएं.
  • हमेशा खुश रहें.
  • फल, मेवा का सेवन करें.
  • व्यायाम करें.

इसे भी पढ़ें- Horoscope today 19 june 2021 राशिफल : मेष, कर्क, सिंह, धनु राशि वालों को मिलेगी काम में सफलता

लखनऊ: कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण महिलाएं पहले के मुकाबले घर और परिवार की देखभाल अधिक कर रही हैं. जिसके चलते उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानियों (mental and physical problems) का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे माहौल में बहुत सारी महिलाएं ज्यादा तनाव लेती हैं, जिनके मासिक चक्र (menstrual cycle) में बदलाव की वजह से यह समस्या हो रही है. राजधानी के महिला अस्पतालों में मासिक चक्र की समस्या से परेशान अनेकों महिलाएं डॉक्टर से परामर्श लेने आती हैं.

महिला रोग विशेषज्ञों के अनुसार, ओपीडी (OPD) में कोविड काल के दौरान पीरियड्स की समस्या से परेशान कई महिलाएं आ रही हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना काल ने घरों में रहने के बावजूद महिलाओं के मानसिक और शारीरिक तौर पर दुष्प्रभाव डाला है. महिलाएं इससे अभी तक उभर नहीं पाईं हैं. डॉक्टर के बताया कि अस्पताल में ओपीडी शुरू हुए महज दो सप्ताह हुआ है, लेकिन ऐसे मरीजों की संख्या अधिक है.

ये 3 चीजें करती हैं महिलाओं को परेशान

हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 50 से 70 महिलाएं आ रही हैं, जिसमें 10 से 15 महिलाएं को पीरियड्स से जुड़ी समस्या रहती है. जिसमें कुछ युवा लड़की तो कुछ डिलीवरी के बाद से पीरियड्स की फेरबदल से महिलाएं परेशान शामिल रहती हैं. डॉ. रंजना खरे ने बताया कि कोरोना काल में महिलाओं को परेशान करने वाली तीन चीजें हैं. पहला- कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खौफ. दूसरा- नौकरी और कारोबार करने वाली महिलाओं में नौकरी की अनिश्चितता. तीसरा- लॉकडाउन (Lockdown) के कारण उनके जीवन में आया अकेलापन.

खून की कमी, कमजोरी से होती है समस्या

केजीएमयू (KGMU) के मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके दलाल बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई. घर में पति, बच्चे, सास-ससुर की जिम्मेदारियों के बोझ तले महिलाएं इतनी दब गईं हैं कि वह अपने सेहत का ध्यान नहीं रख पा रहीं. सही डाइट और पौष्टिक आहार नहीं लेने के कारण ही पीरियड्स में फेरबदल होता है. शरीर में खून की कमी और कमजोरी होने के कारण पीरियड्स हर 10 दिन में ही आ जाता है.

बहुत सारी ऐसी महिलाएं होती हैं जो कामकाज के बाद पौष्टिक आहार (nutritious food) नहीं लेती और घर के किसी बात को लेकर सोचती रहती हैं. जिसके कारण वह अकेलेपन की शिकार हो जाती हैं. यही कारण है कि कोरोना काल में महिलाओं पर शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ रहा है.

ये करें उपाय-

  • खाने-पीने का समय निर्धारित करें.
  • अच्छी डाइट और पौष्टिक आहार लें.
  • दिमागी टेंशन बिल्कुल भी न लें.
  • अपने घर वालों से खुलकर बातचीत करें.
  • व्यवहार में चिड़चिड़ापन न लाएं.
  • हमेशा खुश रहें.
  • फल, मेवा का सेवन करें.
  • व्यायाम करें.

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