लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सियासत और उसमें अपना सिक्का चला रहे बाहुबली हमेशा चर्चा में ही रहते हैं. इस बार चर्चा में हैं बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह. वैसे तो बृजभूषण शरण सिंह इन दिनों महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप के मामले में सुर्ख़ियों में हैं, लेकिन बीते तीन दशकों से वो अपने तल्ख़ बयानों, बाहुबली छवि और मुकदमों के चलते चर्चा में रहे हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद ने अपने नामांकन करने के दौरान दिए गए एफिडेविट में खुद पर 4 मुकदमों का दर्ज होना बताया था. सांसद पर अंडरवर्ल्ड से रिश्ते होने का भी आरोप लगा. आइये जानते हैं कि गोंडा के कैसरगंज से छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की क्या रही है आपराधिक पृष्ठभूमि और कब-कब रहे हैं अपने बयानों के चलते चर्चा में.
बृजभूषण शरण सिंह का राजनीतिक सफर काफी लंबा है. राम मंदिर आंदोलन के समय पहली बार सांसद निर्वाचित हुए बृजभूषण अब तक छह बार के सांसद रह चुके हैं. साल 1994 में फैजाबाद के राम जन्मभूमि थाने में बृजभूषण पर पहला मुकदमा दर्ज होने के बाद देखते-देखते उनके खिलाफ IPC की चार गंभीर और सात कम गंभीर धाराओं में केस दर्ज हो गए, हालांकि सज़ा किसी भी मामले में नहीं हुई.
अयोध्या में दर्ज हुआ था केस : साल 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस हुआ तो उस वक़्त गोंडा के बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का भी नाम आरोपियों की लिस्ट में आया. उनके खिलाफ 1994 को रामजन्मभूमि थाने में आईपीसी के धारा 332, 338, 201, 395, 14 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया.
पूर्व मंत्री की हत्या का प्रयास करने का दर्ज हुआ मुकदमा : साल 1993 में गोंडा के नवाबगंज थाने के अंतर्गत बल्लीपुर गांव स्थित मारुति कार पर सवार होकर आए चार बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए यूपी के पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय पंडित सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर घायल कर दिया था और मरणासन्न हालत में छोड़कर फरार हो गए. इस मामले में पंडित सिंह के चाचा योगेंद्र सिंह ने नवाबगंज थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, बाद में विवेचना के दौरान बृजभूषण शरण सिंह का नाम मुकदमे में जोड़ दिया गया.
जब अंडरवर्ल्ड से जुड़ा नाम : बृजभूषण शरण सिंह राम मंदिर आंदोलन से जुड़े तो हीरो बन गए, लेकिन उन पर अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन के भी आरोप लगे. पाकिस्तान में छिपे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम कासकर की हत्या मुंबई के दूसरे डॉन अरूण गवली के दो शूटरों शैलेश हाल्दनकर और विपिन ने कर दी थी. दाऊद ने इन दोनों शूटरों को ठिकाने लगाने के लिए डॉन सुभाष ठाकुर और ब्रजेश सिंह को भेजा था. बृजभूषण पर दाऊद के इन दो शूटरों को शरण देने का आरोप लगा था, हालांकि इस संगीन आरोप में बृजभूषण को सीबीआई ने बाद में क्लीन चिट दे दी और साथ ही वे कोर्ट से भी बरी हो गए. अंडरवर्ल्ड के साथ रिश्ते के आरोप के बाद बृजभूषण टाडा कानून के तहत जेल में बंद रहे.
इंटरव्यू में हत्या करने की कबूली बात : बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने के दौरान एक हत्या करने की बात कबूल की थी. उन्होंने कहा कि 'रविंद्र सिंह, अवधेश सिंह और हम तीनों दोस्त थे. उस समय मैं ठेकेदारी की लाइन में था और उस समय मैंने रविंद्र को काम पर लगाया था. इसी समय हम एक पंचायत में गए थे. इस दौरान हर्रैया के रंजीत ने अपना माहौल बनाने के लिए मौके पर हवाई फायरिंग कर दी. वह गोली रविंद्र सिंह को लग गई थी और वह जमीन पर गिर पड़े. इसके बाद मैंने किंकर से अपना हाथ छुड़ाकर उसे गोली मारने वाले शख्स की पीठ में राइफल से गोली मार दी और वह वहीं पर मर गया.'
एसपी पर पिस्टल तानने का आरोप : साल 1987 को जिले के गन्ना समिति के चुनाव में बृजभूषण मैदान में थे. इसी दौरान वहां के तत्कालीन एसपी ने बृजभूषण को अपने ऑफिस बुलाया और उन्हें धमकाते हुए पर्चा वापस लेने के लिए कहा. बृजभूषण एक इंटरव्यू में बताते हैं, 'मैंने एसपी पर पिस्टल तान दी और उसे गालियां भी दीं.'
जब मायावती से भिड़ गए सांसद : बृजभूषण ने अपने जीवन में जो भी बयानबाजी की उसके बारे में वो विभिन्न चैनलों को दिए गए इंटरव्यू में कबूल भी करते रहे हैं. उन्होंने एक अखबार को इंटरव्यू देते हुए बताया था कि 'तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का गोंडा में एक राजनीतिक कार्यक्रम था. इस दौरान उन्होंने गोंडा का नाम बदलकर लोकनायक जयप्रकाश नगर करने की घोषणा कर दी. बृजभूषण बताते हैं कि 'घोषणा होते ही मैं मायावती से भिड़ गया. मैंने आंदोलन किया और इसकी तस्वीरें लेकर मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी के पास गया और उन्होंने एक फोन पर जिले का नाम बदलने से रोक दिया.' उन्होंने बताया कि 'हालांकि गोंडा का नया नामकरण संघ के एक बड़े नेता ने कराया था, जिससे फिर मेरा संघ में विरोध शुरू हो गया.'