लखनऊ: अस्पतालों में उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेथिंग प्रोजेक्ट (UPHSSP) के तहत तैनात संविदा कर्मियों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त हो रही हैं. यही नहीं ई-हॉस्पिटल्स में भी इसके तहत तैनात कर्मचारियों की सेवाएं इनके साथ समाप्त होंगी. इसको लेकर संविदा कर्मियों में काफी रोष देखने को मिल रहा है.
दरअसल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अप्रैल से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसकी झलक भी दिखनी शुरू हो चुकी है. प्रदेश के 51 अस्पतालों में संविदा पर कार्यरत हजारों कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त हो रही हैं. इसमें लगभग हर वर्ग के कर्मचारी शामिल हैं. इन संविदा कर्मचारियों में ई-हॉस्पिटल वाले अस्पतालों में एक कंपनी विशेष द्वारा तैनात किए गए पर्चे बनाने वाले कर्मचारियों के साथ ही UPHSSP के तहत तैनात सभी वर्ग के कर्मचारी शामिल हैं.
राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में सुबह पर्चे न बनने की वजह से ओपीडी दो घंटे देर से शुरू हुई. इससे पैथालॉजी में सैंपल कलेक्शन कार्य भी प्रभावित रहा. संविदा कर्मचारियों का कहना है कि जब नौकरी छीननी थी, तो नौकरी दी ही क्यों? बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने भी शासन से मांग की है कि कर्मचारियों की संविदा बढ़ाई जाए या अन्य कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएं. मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने सवालों का जवाब देना उचित नहीं समझा.