लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ का आंदोलन राजधानी लखनऊ में स्थित शक्ति भवन पर लगातार जारी है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी अपनी कई मांगों को लेकर 18 अक्टूबर से आंदोलनरत हैं. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले संविदा कर्मचारी पिछले काफी समय से सामान कार्य सामान वेतन की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा मानदेय में वृद्धि, संविदा कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति, प्रमाणित परिचय पत्र दिए जाने सहित कई मांगे भी लंबित हैं. आंदोलन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तब तक धरने से पीछे नहीं हटेंगें.
उन लोगों ने यह भी बताया कि 8 अक्टूबर को लोगों ने कैंडल मार्च निकाला था लेकिन इसके बाद ही समाधान नहीं हुआ और उन लोगों ने इको गार्डन आलमबाग में धरने को जारी रखते हुए 20 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से के घर के बाहर धरना देने वाले रहे थे लेकिन प्रशासन तरफ से उन्हें इजाजत नहीं मिली और उन लोगों ने धरना नहीं दिया था.
अपनी तमाम मांगो को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि उन लोगों से ठेकेदारों द्वारा 440 बोल्ट और 11,000 बोल्ट की की चलती लाइन पर काम कराया जाता है, जो घातक है. इसके चलते कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं. इसके बावजूद उन्हें मात्र 8000 रुपये वेतन दिया जा रहा है. वे लोग चाहते हैं कि उनके वेतन को बढ़ा कर 18000 कर दिया जाए.
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन की गलत कार्य प्रणाली और सुरक्षा उपकरण ना देने के चलते हर साल करीब 600 कर्मचारी काम करते दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इनमें से अधिकतर कर्मचारियों की मौत हो जाती है. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन के अधिकारियों और संविदा कारों की मिलीभगत से प्रत्येक माह ईएसआई में करोड़ों रुपये का घोटाला भी किया जा रहा है.आंदोलनकारियों का कहना है कि अगर उन लोगों की मांगों को नहीं मानी जाती तो वे लोग कार्य बहिष्कार भी करेंगे.
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