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आयुर्वेद कॉलेजों में होगी संविदा शिक्षकों की भर्ती, मिली अनुमति

शिक्षकों की कमी से स्नातक एवं परास्नातक की सीटें खो चुके आयुर्वेद कॉलेजों के लिए राहत भरी खबर है. नेशनल कमीशन ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम), नई दिल्ली द्वारा बीते दिन शुक्रवार को आयुर्वेद निदेशालय को दाखिले की अनुमति प्रदान कर दी गई है.

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Published : Dec 17, 2022, 10:43 AM IST

लखनऊ : शिक्षकों की कमी से स्नातक एवं परास्नातक की सीटें खो चुके आयुर्वेद कॉलेजों के लिए राहत भरी खबर है. नेशनल कमीशन ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम), नई दिल्ली ने आयुर्वेद निदेशालय को दाखिले की अनुमति प्रदान कर दी गई है.

इस मामले में आयुर्वेद निदेशक डॉ. पीसी सक्सेना ने बताया कि प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी की वजह से एनसीआईएसएम द्वारा निरीक्षण के बाद स्नातक में कॉलेजों एवं परास्नातक की सीटों की मान्यता खत्म हो गई थी. मान्यता खत्म होने के बाद अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए संविदा पर नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा था, जिसे एनसीआईएसएम ने स्वीकार कर लिया है, साथ ही आगामी एक वर्ष के लिए मान्यता बहाल कर दी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब पोस्ट ग्रेजुएट की 150 सीटें थीं जो मान्यता की वजह से अधर में अटकी थीं.

नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) ने हरी झंडी दे दी है. प्रदेश में 12 कॉलेजों में स्नातक की 502 व स्नातकोत्तर की 95 सीटें हैं. सत्र 2023 शुरू होने से पहले एनसीआईएसएम के निरीक्षण में अध्यापकों की संख्या कम मिली तो कॉलेजों को मान्यता देने से इनकार कर दिया गया. ऐसे में आयुर्वेद विभाग के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई. एक तरफ विभाग के आला अफसर दाखिले में हेराफेरी के मामले में जेल भेजे गए हैं तो दूसरी तरफ नए सत्र में मान्यता फंस गई. इस पर विभाग ने एनसीआईएसएम को हलफनामा देकर कहा कि तात्कालिक तौर पर संकाय सदस्य संविदा के आधार पर नियुक्त किए जा रहे हैं. करीब 300 से अधिक पद के लिए अधियाचन भेजा गया है.

यह भी पढ़ें : विनय पाठक प्रकरण, करीबी ठेकेदार किराए पर देता था अपनी कंपनी, यूपी STF ने किया गिरफ्तार

लखनऊ : शिक्षकों की कमी से स्नातक एवं परास्नातक की सीटें खो चुके आयुर्वेद कॉलेजों के लिए राहत भरी खबर है. नेशनल कमीशन ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम), नई दिल्ली ने आयुर्वेद निदेशालय को दाखिले की अनुमति प्रदान कर दी गई है.

इस मामले में आयुर्वेद निदेशक डॉ. पीसी सक्सेना ने बताया कि प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी की वजह से एनसीआईएसएम द्वारा निरीक्षण के बाद स्नातक में कॉलेजों एवं परास्नातक की सीटों की मान्यता खत्म हो गई थी. मान्यता खत्म होने के बाद अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए संविदा पर नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा था, जिसे एनसीआईएसएम ने स्वीकार कर लिया है, साथ ही आगामी एक वर्ष के लिए मान्यता बहाल कर दी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब पोस्ट ग्रेजुएट की 150 सीटें थीं जो मान्यता की वजह से अधर में अटकी थीं.

नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) ने हरी झंडी दे दी है. प्रदेश में 12 कॉलेजों में स्नातक की 502 व स्नातकोत्तर की 95 सीटें हैं. सत्र 2023 शुरू होने से पहले एनसीआईएसएम के निरीक्षण में अध्यापकों की संख्या कम मिली तो कॉलेजों को मान्यता देने से इनकार कर दिया गया. ऐसे में आयुर्वेद विभाग के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई. एक तरफ विभाग के आला अफसर दाखिले में हेराफेरी के मामले में जेल भेजे गए हैं तो दूसरी तरफ नए सत्र में मान्यता फंस गई. इस पर विभाग ने एनसीआईएसएम को हलफनामा देकर कहा कि तात्कालिक तौर पर संकाय सदस्य संविदा के आधार पर नियुक्त किए जा रहे हैं. करीब 300 से अधिक पद के लिए अधियाचन भेजा गया है.

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