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एक अंक विवाद मामला: बेसिक शिक्षा बोर्ड और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिवों के खिलाफ आरोप तय

लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच ने एक अंक विवाद मामले (assistant teacher recruitment exam one mark case) में बेसिक शिक्षा बोर्ड व परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिवों के विरुद्ध अवमानना का आरोप तय किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 24, 2023, 10:14 PM IST

लखनऊ: वर्ष 2019 के 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद आदेश का अनुपालन नहीं किया. जिस पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव प्रताप सिंह बघेल व परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी पर अवमानना का आरोप तय कर दिया है. न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 19 दिसम्बर नियत की है. जिसमें दोनों अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर अवमानना के आरोपों पर जवाब देना है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर पारित किया है. पिछली सुनवाई पर ही न्यायालय ने निर्देश दिया था कि यदि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार की ओर से रिट कोर्ट के आदेश पर अपीलीय अदालत का कोई आदेश अथवा अनुपालन शपथ पत्र नहीं दाखिल होता है. इस पर कोर्ट सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना करने के आरोप तय करेगी.

इस आदेश के बावजूद इस बार की सुनवाई में भी रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. जिस पर न्यायालय ने कहा कि हमारे पास दोनों अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना का आरोप तय करने के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं बचा है. हालांकि, न्यायालय ने यह भी छूट दी है कि दोनों अधिकारी इस दौरान अनुपालन शपथ पत्र दाखिल कर सकते हैं और यदि वे ऐसा करते हैं तो आरोपों पर सुनवाई से पूर्व अनुपालन शपथ पत्र पर विचार किया जाएगा.


उल्लेखनीय है कि उक्त भर्ती परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा संबंधी एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था. इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. लेकिन 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई. बावजूद इसके रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है.

लखनऊ: वर्ष 2019 के 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद आदेश का अनुपालन नहीं किया. जिस पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव प्रताप सिंह बघेल व परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी पर अवमानना का आरोप तय कर दिया है. न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 19 दिसम्बर नियत की है. जिसमें दोनों अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर अवमानना के आरोपों पर जवाब देना है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर पारित किया है. पिछली सुनवाई पर ही न्यायालय ने निर्देश दिया था कि यदि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार की ओर से रिट कोर्ट के आदेश पर अपीलीय अदालत का कोई आदेश अथवा अनुपालन शपथ पत्र नहीं दाखिल होता है. इस पर कोर्ट सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना करने के आरोप तय करेगी.

इस आदेश के बावजूद इस बार की सुनवाई में भी रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. जिस पर न्यायालय ने कहा कि हमारे पास दोनों अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना का आरोप तय करने के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं बचा है. हालांकि, न्यायालय ने यह भी छूट दी है कि दोनों अधिकारी इस दौरान अनुपालन शपथ पत्र दाखिल कर सकते हैं और यदि वे ऐसा करते हैं तो आरोपों पर सुनवाई से पूर्व अनुपालन शपथ पत्र पर विचार किया जाएगा.


उल्लेखनीय है कि उक्त भर्ती परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा संबंधी एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था. इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. लेकिन 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई. बावजूद इसके रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है.

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