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उपभोक्ता परिषद का आरोप विदेशी कोयला खरीद बड़ी साजिश, सीबीआई जांच हो

उपभोक्ता परिषद ने विदेशी कोयला खरीद को बड़ी साजिश करार देते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

विदेशी कोयला खरीद बड़ी साजिश, सीबीआई जांच हो : परिषद
विदेशी कोयला खरीद बड़ी साजिश, सीबीआई जांच हो : परिषद
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Published : Apr 22, 2022, 7:07 PM IST

लखनऊ : उपभोक्ता परिषद का कहना है कि विदेशी कोयला खरीद बड़ी साजिश है, इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. परिषद के मुताबिक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने संसद में बयान दिया था कि भारत में 2 करोड़, 23 लाख टन कोयला रिजर्व में है. कोयले की कोई कमी नहीं है. ऐसे में विदेशी कोयला खरीदारी एक साजिश है.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री विदेशी कोयला खरीद की साजिश करने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच करवाएं, जिससे सत्यता का खुलासा हो सके. देश में जहां लिंकेज के आधार पर घरेलू कोयले की कीमत 1700 रुपया प्रति टन है, वहीं विदेशी कोयले की कीमत 17000 रुपया प्रति टन से भी ज्यादा है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने 2 करोड़ 23 लाख टन कोयला रिजर्व में होने का दावा किया है. ऊर्जा मंत्री का बयान आते ही चौतरफा सवाल उठना लाजमी है.

वहीं, ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की अध्यक्षता में 12 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के ऊर्जा विभागों की बैठक में अनेक राज्यों की कोयले के कमी को ध्यान में रखकर यह सलाह दी गई थी. कहा गया था कि ऐसे राज्य अविलंब विदेशी कोयला खरीदने का टेंडर जारी करें यह मामला यहीं तक नहीं थमा. उत्तर प्रदेश के मामले में तो यहां तक एडवाइस दे दी गई कि 18 अप्रैल तक 2.25 मिलियन टन विदेशी कोयला खरीद का टेंडर जारी कर दिया जाए.

अब सबसे बडा सवाल ये उठता है कि यदि ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की बातों पर गंभीरता से विचार किया जाए तो देश में अभी इतना कोयला रिजर्व में है कि देश के सभी तापीय बिजलीघर रिजर्व और प्लांटों के पास उपलब्ध कोयले के आधार पर लम्बे समय तक लगातार बिना रुकावट के बिजली उत्पादन कर सकते हैं. वहीं, हर महीने कोल इंडिया द्वारा बडे पैमाने पर कोयले का उत्पादन किया जा रहा है तो ऐसे में कोयले का संकट का सवाल ही नहीं उठता.

उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग उठाई है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कहीं ना कहीं कुछ बडा गोलमाल है.

इसी के मद्देनजर विद्युत नियामक आयोग में विदेशी कोयले की खरीद को रोकने के लिए याचिका भी लगा रखी है जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने राज्य के सभी उत्पादन इकाइयों चाहे वह सरकारी क्षेत्र में हो या फिर निजी क्षेत्र में सबसे विद्युत नियामक आयोग ने अनेक विधिक सवाल करते हुए पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है.

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लखनऊ : उपभोक्ता परिषद का कहना है कि विदेशी कोयला खरीद बड़ी साजिश है, इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. परिषद के मुताबिक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने संसद में बयान दिया था कि भारत में 2 करोड़, 23 लाख टन कोयला रिजर्व में है. कोयले की कोई कमी नहीं है. ऐसे में विदेशी कोयला खरीदारी एक साजिश है.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री विदेशी कोयला खरीद की साजिश करने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच करवाएं, जिससे सत्यता का खुलासा हो सके. देश में जहां लिंकेज के आधार पर घरेलू कोयले की कीमत 1700 रुपया प्रति टन है, वहीं विदेशी कोयले की कीमत 17000 रुपया प्रति टन से भी ज्यादा है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने 2 करोड़ 23 लाख टन कोयला रिजर्व में होने का दावा किया है. ऊर्जा मंत्री का बयान आते ही चौतरफा सवाल उठना लाजमी है.

वहीं, ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की अध्यक्षता में 12 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के ऊर्जा विभागों की बैठक में अनेक राज्यों की कोयले के कमी को ध्यान में रखकर यह सलाह दी गई थी. कहा गया था कि ऐसे राज्य अविलंब विदेशी कोयला खरीदने का टेंडर जारी करें यह मामला यहीं तक नहीं थमा. उत्तर प्रदेश के मामले में तो यहां तक एडवाइस दे दी गई कि 18 अप्रैल तक 2.25 मिलियन टन विदेशी कोयला खरीद का टेंडर जारी कर दिया जाए.

अब सबसे बडा सवाल ये उठता है कि यदि ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की बातों पर गंभीरता से विचार किया जाए तो देश में अभी इतना कोयला रिजर्व में है कि देश के सभी तापीय बिजलीघर रिजर्व और प्लांटों के पास उपलब्ध कोयले के आधार पर लम्बे समय तक लगातार बिना रुकावट के बिजली उत्पादन कर सकते हैं. वहीं, हर महीने कोल इंडिया द्वारा बडे पैमाने पर कोयले का उत्पादन किया जा रहा है तो ऐसे में कोयले का संकट का सवाल ही नहीं उठता.

उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग उठाई है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कहीं ना कहीं कुछ बडा गोलमाल है.

इसी के मद्देनजर विद्युत नियामक आयोग में विदेशी कोयले की खरीद को रोकने के लिए याचिका भी लगा रखी है जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने राज्य के सभी उत्पादन इकाइयों चाहे वह सरकारी क्षेत्र में हो या फिर निजी क्षेत्र में सबसे विद्युत नियामक आयोग ने अनेक विधिक सवाल करते हुए पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है.

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