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संसद में पारित 126वां संविधान संशोधन विधेयक यूपी विस और विप में पास

126वें संविधान संशोधन विधेयक को यूपी विधानसभा और विधान परिषद में पास कर दिया गया है. बता दें कि इसे संसद में पहले ही पास किया जा चुका है.

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यूपी विधानसभा
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Published : Dec 31, 2019, 9:09 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लोगों को विधायिका में पूरी भागीदारी दिलाने के लिए संसद द्वारा पारित 'संविधान (126वां संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया गया. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया. नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी सहमति प्रदान की.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि देश का संविधान जब बन रहा था, तब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इसमें सबको स्थान दिया. सीएम योगी ने कहा कि 1959 में 8वां संविधान संशोधन अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के द्वारा संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण को 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया था. यह इसलिए बनाया गया था क्योंकि जितना इस तबके को शासन की व्यवस्था का लाभ मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया था.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: योगी कैबिनेट में राज्यपाल की सुरक्षा गाड़ियां बढ़ाने समेत 47 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू किया, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि यही उन लोगों का असली चेहरा है. इसी तरह से ये लोग सरकारी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने में बाधक बनते हैं. गरीबों की योजनाओं पर डाका डालते हैं. आप ने लोगों से वोट बैंक बनाया, लेकिन हमने योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा सबका (सपा, बसपा, कांग्रेस) दलित, पिछड़ा और गरीब के सबसे बड़े विरोधी हैं. गरीबों को आवास, शौचालय मिलना आपको अच्छा नहीं लग रहा है. हमने किसी के साथ जाति, मजहब, भाषा या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं किया है. यह सरकार पूरी तरह से प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

सीएम योगी ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में इस प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया है. उन्होंने कहा कि मैं पूरे सदन से आह्वान करता हूं कि यूपी विधानसभा में भी इसे सर्व सम्मति से पारित कराने में सहयोग करें. सीएम के भाषण के बीच में ही विपक्षी बोलने लगे. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयक को पारित करा दिया.

सीएए पर हंगामे के बीच विधान परिषद ने लगाई आरक्षण संशोधन विधेयक पर मुहर

विधान परिषद में पास हुआ संविधान संशोधन विधेयक.
अनुसूचित जाति और जनजाति को संसद और विधानसभा में आरक्षण देने वाले 126वां संसद संसोधन अधिनियम को विधान परिषद में भी पास कर दिया गया. बता दें कि इससे पहले यह अधिनियम संसद के दोनों सदनों से पहले ही पारित हो चुका है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सर्वसम्मति से बगैर कोई बदलाव किए प्रस्ताव का समर्थन किया. विधेयक पारित होने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

लखनऊ: यूपी विधानसभा में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लोगों को विधायिका में पूरी भागीदारी दिलाने के लिए संसद द्वारा पारित 'संविधान (126वां संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया गया. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया. नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी सहमति प्रदान की.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि देश का संविधान जब बन रहा था, तब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इसमें सबको स्थान दिया. सीएम योगी ने कहा कि 1959 में 8वां संविधान संशोधन अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के द्वारा संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण को 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया था. यह इसलिए बनाया गया था क्योंकि जितना इस तबके को शासन की व्यवस्था का लाभ मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया था.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू किया, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि यही उन लोगों का असली चेहरा है. इसी तरह से ये लोग सरकारी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने में बाधक बनते हैं. गरीबों की योजनाओं पर डाका डालते हैं. आप ने लोगों से वोट बैंक बनाया, लेकिन हमने योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा सबका (सपा, बसपा, कांग्रेस) दलित, पिछड़ा और गरीब के सबसे बड़े विरोधी हैं. गरीबों को आवास, शौचालय मिलना आपको अच्छा नहीं लग रहा है. हमने किसी के साथ जाति, मजहब, भाषा या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं किया है. यह सरकार पूरी तरह से प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

सीएम योगी ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में इस प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया है. उन्होंने कहा कि मैं पूरे सदन से आह्वान करता हूं कि यूपी विधानसभा में भी इसे सर्व सम्मति से पारित कराने में सहयोग करें. सीएम के भाषण के बीच में ही विपक्षी बोलने लगे. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयक को पारित करा दिया.

सीएए पर हंगामे के बीच विधान परिषद ने लगाई आरक्षण संशोधन विधेयक पर मुहर

विधान परिषद में पास हुआ संविधान संशोधन विधेयक.
अनुसूचित जाति और जनजाति को संसद और विधानसभा में आरक्षण देने वाले 126वां संसद संसोधन अधिनियम को विधान परिषद में भी पास कर दिया गया. बता दें कि इससे पहले यह अधिनियम संसद के दोनों सदनों से पहले ही पारित हो चुका है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सर्वसम्मति से बगैर कोई बदलाव किए प्रस्ताव का समर्थन किया. विधेयक पारित होने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
Intro:लखनऊ: विधायिका में आरक्षण को लेकर संसद में पारित 126वां संविधान संशोधन विधेयक यूपी विस में भी पास

लखनऊ। यूपी विधानसभा में अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को विधायिका में पूरी भागीदारी दिलाने के लिए संसद द्वारा पारित ‘‘संविधान (एक सौ छब्बीसवां संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया गया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया। नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी सहमति प्रदान की।Body:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विधानसभा में कहा कि देश का संविधान जब बन रहा था तब अम्बेडकर ने सबको स्थान दिया। सीएम योगी ने कहा कि 1959 में 8 वा संविधान संशोधन अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षण के लिए संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण को 10 वर्ष के लिए बढ़ाए गया था। यह इसलिए बनाया गया था क्योंकि जितना इस तबके को शासन की व्यवस्था का लाभ मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया था। इसलिए इसे बढ़ाया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू किया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि यही उन लोगों का असली चेहरा है। इसी तरह से ये लोग सरकारी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने में बाधक बनते हैं। गरीबों की योजनाओं पर डाका डालते हैं। आप लोगों से वोट बैंक बनाया लेकिन हमने योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा सबका (सपा, बसपा, कांग्रेस) दलित, पिछड़ा और गरीब के सबसे बड़े विरोधी हैं। गरीबों को आवास, शौचाल मिलना आपको अच्छा नहीं लग रहा है। हमने किसी के साथ जाति, मजहब, भाषा क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं किया है। यह सरकार पूरी तरह से प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

संसद के दोनों सदनों में इस प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया है। पूरे सदन से आह्वान करता हूँ कि यूपी विधानसभा मे भी इसे सर्व सम्मति से पारित कराने में सहयोग करें। सीएम के भाषण के बीच मे ही विपक्षी बोलने लगे। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयक पारित करा दिया।

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