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सतर्क रहें! प्रदेश में लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण, गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा जहरीली

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में कई ऐसे शहर आए हैं, जहां की हवा सबसे ज्यादा जहरीली हो गई है. इसमें गाजियाबाद प्रदेश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है. सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार दिल्ली में 314 और गाजियाबाद का एक्यूआई 328 है.

लखनऊ शहर.
लखनऊ शहर.
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Published : Nov 13, 2020, 8:42 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के शहरों में लगातार वायु वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में कई ऐसे शहर आए हैं, जहां की हवा सबसे ज्यादा जहरीली है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में गाजियाबाद प्रदेश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है. सीपीसीबी (सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार उत्तर प्रदेश के शहरों की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर गुरुवार शाम 5 बजे तक दिल्ली 314 और गाजियाबाद का एक्यूआई 328 दर्ज किया गया है.

प्रदेश के कई शहरों के हालात खराब
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद नंबर 1 पर है. गाजियाबाद की आबोहवा इस कदर खराब हो चली है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में 328 अंक तक पहुंच गई है. इसके अलावा आगरा 309, बुलंदशहर 292, ग्रेटर नोएडा 327, लखनऊ 269, कानपुर 300, मेरठ 256 में एयर क्वालिटी इंडेक्स में वायु गुणवत्ता मापी गई. इसके साथ साथ उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा में प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

लखनऊ में तालकटोरा सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र
राजधानी लखनऊ बीते कई दिनों से हवा में सुधार होता दिख रहा था, जिससे यह माना जा रहा था कि जिला प्रशासन के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. वहीं अब बीते 2 दिनों से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी होती जा रही है. जिसकी वजह से राजधानी लखनऊ की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है. राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा प्रदूषण 2 क्षेत्रों में है. आज तालकटोरा क्षेत्र में सबसे अधिक 376 प्रदूषण मापा गया है. वहीं लालबाग़ क्षेत्र में भी 302 प्रदूषण मापा गया है. इन क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

जिला प्रशासन के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
लखनऊ में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए कुछ दिन पहले जिला ने इसे रोकने को दिशा निर्देश जारी किए थे. इसके बाद भी जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन होता राजधानी लखनऊ में नहीं दिख रहा. कुछ दिन पहले जिला प्रशासन ने निर्देश दिए थे कि निर्माण कार्य स्थलों पर पानी का छिड़काव कर धूल उड़ने से रोकी जाए. निर्माण स्थल पर ग्रीन नेट लगाने समेत कई अन्य सावधानियां बरतने को कहा गया था. जबकि हकीकत यह है कि लखनऊ के लालबाग में चल रहे निर्माण कार्य स्थलों व मिट्टी के ढके गड्ढों में धूल उड़ती नजर आ रही है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के शहरों में लगातार वायु वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में कई ऐसे शहर आए हैं, जहां की हवा सबसे ज्यादा जहरीली है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में गाजियाबाद प्रदेश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है. सीपीसीबी (सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार उत्तर प्रदेश के शहरों की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर गुरुवार शाम 5 बजे तक दिल्ली 314 और गाजियाबाद का एक्यूआई 328 दर्ज किया गया है.

प्रदेश के कई शहरों के हालात खराब
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद नंबर 1 पर है. गाजियाबाद की आबोहवा इस कदर खराब हो चली है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में 328 अंक तक पहुंच गई है. इसके अलावा आगरा 309, बुलंदशहर 292, ग्रेटर नोएडा 327, लखनऊ 269, कानपुर 300, मेरठ 256 में एयर क्वालिटी इंडेक्स में वायु गुणवत्ता मापी गई. इसके साथ साथ उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा में प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

लखनऊ में तालकटोरा सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र
राजधानी लखनऊ बीते कई दिनों से हवा में सुधार होता दिख रहा था, जिससे यह माना जा रहा था कि जिला प्रशासन के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. वहीं अब बीते 2 दिनों से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी होती जा रही है. जिसकी वजह से राजधानी लखनऊ की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है. राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा प्रदूषण 2 क्षेत्रों में है. आज तालकटोरा क्षेत्र में सबसे अधिक 376 प्रदूषण मापा गया है. वहीं लालबाग़ क्षेत्र में भी 302 प्रदूषण मापा गया है. इन क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

जिला प्रशासन के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
लखनऊ में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए कुछ दिन पहले जिला ने इसे रोकने को दिशा निर्देश जारी किए थे. इसके बाद भी जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन होता राजधानी लखनऊ में नहीं दिख रहा. कुछ दिन पहले जिला प्रशासन ने निर्देश दिए थे कि निर्माण कार्य स्थलों पर पानी का छिड़काव कर धूल उड़ने से रोकी जाए. निर्माण स्थल पर ग्रीन नेट लगाने समेत कई अन्य सावधानियां बरतने को कहा गया था. जबकि हकीकत यह है कि लखनऊ के लालबाग में चल रहे निर्माण कार्य स्थलों व मिट्टी के ढके गड्ढों में धूल उड़ती नजर आ रही है.

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