लखनऊः सरोजनीनगर थाने की पुलिस में तैनात दरोगाओं में कमिश्नरेट पुलिस का न तो खौफ है न ही योगी सरकार की जीरो टालरेंस नीति की समझ. शायद यही वजह है कि एक के बाद एक वसूली के आरोप सामने आ रहे है. बीते अप्रेल माह में सरोजनीनगर थाने के 1 दरोगा व एक सिपाही पर एफआईआर तथा उसके बाद मई माह में एक दरोगा को वसूली के आरोप में सस्पेंड किया गया है. लगातार इस कार्यशैली के कारण सरोजनीनगर पुलिस की किरकिरी हो रही है.
पहला मामला बीती 21 अप्रैल का है जिसमें अवध विहार कालोनी निवासी बिल्डर का मुंशी सुधीर कुमार मौर्या ने सरोजनीनगर थाने की बल्दीखेडा चौकी पर तैनात दरोगा दिनेश यादव व सिपाही रवि कुमार के खिलाफ आरोप लगाया था कि उसे चौकी पर बुलाकर 6 लाख रूपये की मांग की. कहा था कि यदि पैसा नहीं दोगे तो झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भेज देंगे. इतना ही नहीं पैसा नहीं देने पर रातभर बारी-बारी करके कई पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई की तथा उसके हाथ में कट्टा थमाकर फोटो भी खीच ली तथा उसके मालिक के पुत्र को बुलाकर उनसे 2 घण्टे में 6 लाख रूपये लाकर देने की बात कही थी. जब पैसो का इंतजाम नहीं हो पाया तो फोन करके मालिक से 6 लाख रुपए की मांग की जिसकी रिकार्डिंग प्रार्थी के पास मौजूद है. पैसों का इंतजाम न होने पर उसे सुबह छोड़ दिया गया जिसके बाद सुधीर कुमार मौर्य ने खुद का वीडियों बनाकर इण्टरनेट पर वायरल किया जिसका संज्ञान लेकर डीसीपी ने दरोगा व सिपाही को सस्पेंड कर दिया था. 25 मई को दरोगा व सिपाही के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया तभी से दोनों फरार हैं.
दूसरा मामला सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्ट नगर चौकी का है जिसमें चौकी प्रभारी धीरेन्द्र कुमार पर 27 लाख रूपये वसूलने का आरोप लगाया गया है. पुलिस कमिश्नर ने धीरेन्द्र प्रताप सिंह को लाइन हाजिर कर दिया. धीरेन्द्र प्रताप सिंह पर यह आरोप शाइन सिटी के बिल्डर चमनलाल दिवाकर की बेटी कोमल ने लगाया. चमनलाल दिवाकर पर उसके ड्राईवर ने सरोजनीनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था जिसकी विवेचना धीरेन्द्र सिंह कर रहे थे. विवेचना के दौरान सुलह समझौते के नाम पर 5 लाख रूपये नगद तथा 22 लाख रूपये की चेक ले ली थी. फिलहाल पुलिस कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लेकर आरोपी दरोगा धीरेन्द्र प्रताप सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है.
डीसीपी दक्षिणी विनीत कुमार जायसवाल ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर चौकी प्रभारी के खिलाफ शिकायत मिली है. पुलिस कमिश्नर ने दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया है. मामले की जांच एसीपी कृष्णानगर व मोहनलालगंज को दी गयी है. जांच रिपोर्ट मे दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी.
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पुलिस की वसूली के इन दो मामलों ने सरोजनीनगर थाने की कराई किरकिरी, जानिए
लखनऊ के सरोजनी नगर थाने की इन दिनों काफी किरकिरी हो रही है. चलिए जानते हैं इस बारे में.
लखनऊः सरोजनीनगर थाने की पुलिस में तैनात दरोगाओं में कमिश्नरेट पुलिस का न तो खौफ है न ही योगी सरकार की जीरो टालरेंस नीति की समझ. शायद यही वजह है कि एक के बाद एक वसूली के आरोप सामने आ रहे है. बीते अप्रेल माह में सरोजनीनगर थाने के 1 दरोगा व एक सिपाही पर एफआईआर तथा उसके बाद मई माह में एक दरोगा को वसूली के आरोप में सस्पेंड किया गया है. लगातार इस कार्यशैली के कारण सरोजनीनगर पुलिस की किरकिरी हो रही है.
पहला मामला बीती 21 अप्रैल का है जिसमें अवध विहार कालोनी निवासी बिल्डर का मुंशी सुधीर कुमार मौर्या ने सरोजनीनगर थाने की बल्दीखेडा चौकी पर तैनात दरोगा दिनेश यादव व सिपाही रवि कुमार के खिलाफ आरोप लगाया था कि उसे चौकी पर बुलाकर 6 लाख रूपये की मांग की. कहा था कि यदि पैसा नहीं दोगे तो झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भेज देंगे. इतना ही नहीं पैसा नहीं देने पर रातभर बारी-बारी करके कई पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई की तथा उसके हाथ में कट्टा थमाकर फोटो भी खीच ली तथा उसके मालिक के पुत्र को बुलाकर उनसे 2 घण्टे में 6 लाख रूपये लाकर देने की बात कही थी. जब पैसो का इंतजाम नहीं हो पाया तो फोन करके मालिक से 6 लाख रुपए की मांग की जिसकी रिकार्डिंग प्रार्थी के पास मौजूद है. पैसों का इंतजाम न होने पर उसे सुबह छोड़ दिया गया जिसके बाद सुधीर कुमार मौर्य ने खुद का वीडियों बनाकर इण्टरनेट पर वायरल किया जिसका संज्ञान लेकर डीसीपी ने दरोगा व सिपाही को सस्पेंड कर दिया था. 25 मई को दरोगा व सिपाही के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया तभी से दोनों फरार हैं.
दूसरा मामला सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्ट नगर चौकी का है जिसमें चौकी प्रभारी धीरेन्द्र कुमार पर 27 लाख रूपये वसूलने का आरोप लगाया गया है. पुलिस कमिश्नर ने धीरेन्द्र प्रताप सिंह को लाइन हाजिर कर दिया. धीरेन्द्र प्रताप सिंह पर यह आरोप शाइन सिटी के बिल्डर चमनलाल दिवाकर की बेटी कोमल ने लगाया. चमनलाल दिवाकर पर उसके ड्राईवर ने सरोजनीनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था जिसकी विवेचना धीरेन्द्र सिंह कर रहे थे. विवेचना के दौरान सुलह समझौते के नाम पर 5 लाख रूपये नगद तथा 22 लाख रूपये की चेक ले ली थी. फिलहाल पुलिस कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लेकर आरोपी दरोगा धीरेन्द्र प्रताप सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है.
डीसीपी दक्षिणी विनीत कुमार जायसवाल ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर चौकी प्रभारी के खिलाफ शिकायत मिली है. पुलिस कमिश्नर ने दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया है. मामले की जांच एसीपी कृष्णानगर व मोहनलालगंज को दी गयी है. जांच रिपोर्ट मे दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी.
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