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यूपी कांग्रेस का लक्ष्य, पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष

यूपी में कांग्रेस पार्टी पकड़ बनाने के लिए हर तरह से कोशिश में जुटी है. इस बार कांग्रेस ओबीसी वर्ग पर दाव खेल सकती है. यूपी में ओबीसी मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है.

यूपी में पिछड़ा वर्ग चौपाल
यूपी में पिछड़ा वर्ग चौपाल
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Published : Jan 12, 2021, 7:29 PM IST

लखनऊः पिछले तीन दशकों से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है. सत्ता पाने के लिए पार्टी पुरजोर आजमाइश में लगी हुई है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. हालांकि पार्टी को उम्मीद है कि 2022 से यूपी विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग होगी और कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी. पार्टी की नजर सभी वर्गों पर है लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को अपने साथ मिलाने की कोशिशों में पार्टी के नेता जुटे हुए हैं. यूपी कांग्रेस पिछड़ा वर्ग पार्टी को आगे ले जाने के लिए रणनीति पर अमल कर रहा है. यूपी में ओबीसी मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है ऐसे में पार्टी की नजर खास तौर पर 2022 के लिए इस वर्ग पर लगी हुई है.

2022 में ओबीसी वर्ग पर हाथ आजमाएगी कांग्रेस.

इस तरह की बनी रणनीति
30 साल से सत्ताहीन कांग्रेस को सत्तासीन करने के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रदेश भर के जिलों में जिला अध्यक्षों की तैनाती कर ही रहा है. अब एक और रणनीति पर भी काम होने लगा है. अब कांग्रेस पिछड़ा वर्ग गांव-गांव ओबीसी चौपाल शुरू करेगी. इसके अलावा पिछड़ा वर्ग उत्तर प्रदेश के हर गांव में एक ओबीसी अध्यक्ष बनाएगी. यह फैसला कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान लिया गया. इस मौके पर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का संकल्प भी पदाधिकारियों ने लिया.

नेताओं का कहना है पिछड़ों के हक और अधिकार के लिए पिछड़ा वर्ग जनता के बीच जाकर कांग्रेस को मजबूत करने के प्रयासों में जुट गया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग बड़ी संख्या में मतदाता हैं. उनको लुभाने के लिए सभी राजनीतिक दल जोर आजमाइश में लगे हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग भी कांग्रेस को आगे लाने के लिए जी जान से जुट गया है संगठन को निचले स्तर तक पहुंचाने के लिए ही ब्लॉक अध्यक्ष बनाने का भी फैसला लिया गया है.

संगठन को किया जा रहा मजबूत
उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष मनोज यादव बताते हैं कि हमारा उद्देश्य है कि 2022 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बने और इसके लिए हम लगातार मेहनत कर रहे हैं. पिछड़े वर्ग के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए संगठन को मजबूत किया जा रहा है. वे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा पूरे प्रदेश के सभी जिलों में 200 दिन का टारगेट जिला शहर कमेटियों को दिया है. प्रत्येक दिन हमारे जिला अध्यक्ष पिछड़ा बाहुल्य गांवों में जाएंगे. वहां पर पिछड़ा वर्ग चौपाल लगाएंगे. उसका स्लोगन दिया है 'गांव-गांव पिछड़ा वर्ग चौपाल, हक लेकर रहेंगे माटी के लाल'. हमारा लक्ष्य हर गांव में पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष. इसे भी लांच किया गया है. 20 जनवरी से लगातार गांव में यह कार्यक्रम शुरू हो जाएगा.

जनता को बताएंगे सच
मनोज यादव कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह सरकार तक जो काम किया है, चाहे जमींदारी उन्मूलन का मामला हो, बैंकों के राष्ट्रीयकरण का मामला रहा हो, भारी उद्योग लगाने का हो, पिछड़े वर्ग की बेहतरी के लिए आरक्षण का सवाल रहा हो, उच्च शिक्षा में मनमोहन सिंह सरकार ने आरक्षण दिया. उसे हम जन-जन तक पहुंचाएंगे. मनमोहन सरकार ने जो जातिगत जनगणना कराई थी उसके आंकड़े भारतीय जनता पार्टी सार्वजनिक नहीं कर रही थी, उसे भी बताएंगे. किस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वर्ग को छल कर उनका वोट लिया है. अब उनके अधिकारों पर मौन हो गई है. उसके खिलाफ हम गांव-गांव जाकर लोगों को बताएंगे. पिछड़े वर्ग के लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे. हमारे नेता का मानना है उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी पिछड़े वर्ग की है और उसके हक के लिए हम लोग लड़ेंगे.

लखनऊः पिछले तीन दशकों से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है. सत्ता पाने के लिए पार्टी पुरजोर आजमाइश में लगी हुई है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. हालांकि पार्टी को उम्मीद है कि 2022 से यूपी विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग होगी और कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी. पार्टी की नजर सभी वर्गों पर है लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को अपने साथ मिलाने की कोशिशों में पार्टी के नेता जुटे हुए हैं. यूपी कांग्रेस पिछड़ा वर्ग पार्टी को आगे ले जाने के लिए रणनीति पर अमल कर रहा है. यूपी में ओबीसी मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है ऐसे में पार्टी की नजर खास तौर पर 2022 के लिए इस वर्ग पर लगी हुई है.

2022 में ओबीसी वर्ग पर हाथ आजमाएगी कांग्रेस.

इस तरह की बनी रणनीति
30 साल से सत्ताहीन कांग्रेस को सत्तासीन करने के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रदेश भर के जिलों में जिला अध्यक्षों की तैनाती कर ही रहा है. अब एक और रणनीति पर भी काम होने लगा है. अब कांग्रेस पिछड़ा वर्ग गांव-गांव ओबीसी चौपाल शुरू करेगी. इसके अलावा पिछड़ा वर्ग उत्तर प्रदेश के हर गांव में एक ओबीसी अध्यक्ष बनाएगी. यह फैसला कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान लिया गया. इस मौके पर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का संकल्प भी पदाधिकारियों ने लिया.

नेताओं का कहना है पिछड़ों के हक और अधिकार के लिए पिछड़ा वर्ग जनता के बीच जाकर कांग्रेस को मजबूत करने के प्रयासों में जुट गया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग बड़ी संख्या में मतदाता हैं. उनको लुभाने के लिए सभी राजनीतिक दल जोर आजमाइश में लगे हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग भी कांग्रेस को आगे लाने के लिए जी जान से जुट गया है संगठन को निचले स्तर तक पहुंचाने के लिए ही ब्लॉक अध्यक्ष बनाने का भी फैसला लिया गया है.

संगठन को किया जा रहा मजबूत
उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष मनोज यादव बताते हैं कि हमारा उद्देश्य है कि 2022 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बने और इसके लिए हम लगातार मेहनत कर रहे हैं. पिछड़े वर्ग के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए संगठन को मजबूत किया जा रहा है. वे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा पूरे प्रदेश के सभी जिलों में 200 दिन का टारगेट जिला शहर कमेटियों को दिया है. प्रत्येक दिन हमारे जिला अध्यक्ष पिछड़ा बाहुल्य गांवों में जाएंगे. वहां पर पिछड़ा वर्ग चौपाल लगाएंगे. उसका स्लोगन दिया है 'गांव-गांव पिछड़ा वर्ग चौपाल, हक लेकर रहेंगे माटी के लाल'. हमारा लक्ष्य हर गांव में पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष. इसे भी लांच किया गया है. 20 जनवरी से लगातार गांव में यह कार्यक्रम शुरू हो जाएगा.

जनता को बताएंगे सच
मनोज यादव कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह सरकार तक जो काम किया है, चाहे जमींदारी उन्मूलन का मामला हो, बैंकों के राष्ट्रीयकरण का मामला रहा हो, भारी उद्योग लगाने का हो, पिछड़े वर्ग की बेहतरी के लिए आरक्षण का सवाल रहा हो, उच्च शिक्षा में मनमोहन सिंह सरकार ने आरक्षण दिया. उसे हम जन-जन तक पहुंचाएंगे. मनमोहन सरकार ने जो जातिगत जनगणना कराई थी उसके आंकड़े भारतीय जनता पार्टी सार्वजनिक नहीं कर रही थी, उसे भी बताएंगे. किस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वर्ग को छल कर उनका वोट लिया है. अब उनके अधिकारों पर मौन हो गई है. उसके खिलाफ हम गांव-गांव जाकर लोगों को बताएंगे. पिछड़े वर्ग के लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे. हमारे नेता का मानना है उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी पिछड़े वर्ग की है और उसके हक के लिए हम लोग लड़ेंगे.

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