लखनऊ: प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को रायबरेली स्थित संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital in Amethi) का निरस्त किया गया पंजीकरण बहाल करने की मांग की है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Congress State President Ajay Rai) ने बुधवार को इस सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा. पत्र में स्थानीय नागरिकों की असुविधाओं की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाया गया है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि अस्पताल दशकों से स्थानीय और आस-पास के जिलों के नागरिकों को न्यूनतम शुल्क पर बिना लाभ के स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराता रहा है.
अमेठी के मुंशीगंज तहसील स्थित संजय गांधी अस्पताल के पंजीकरण को रद्द करने के आदेश पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अस्पताल के पंजीकरण रद्द करने की संबंधित आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर स्थानीय नागरिकों की सुविधाओं की तरफ ध्यान आकर्षित कराया है.
प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि दशकों से अस्पताल स्थानीय लोगों और आसपास के जिलों के नागरिकों को न्यूनतम शुल्क पर बिना लाभ के स्वास्थ्य प्रदान करता आ रहा है. इससे लाखों लोग स्वास्थ्य लाभ पा रहे हैं, संजय गांधी अस्पताल अमेठी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाओं की लाइफ लाइन है. ऐसे में अस्पताल द्वारा दिए जाने वाले सुविधाओं को स्थगित करने से अमेठी सहित आसपास के इलाके के लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अस्पताल द्वारा ओपीडी, आंतरिक रोग विभाग एवं शल्य चिकित्सा के लिए आने वाले नागरिकों को अत्यंत कम खर्च पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं. इसी अस्पताल द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के लिए कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रो, फेफड़ों से संबंधित रोग सहित सामान्य जैसे नाक, कान, आंख, मुंह, दांत तथा महिला एवं शिशु रोग के मामले में चिकित्सकों के माध्यम से सेवा उपलब्ध कराई जाती है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सीएम योगी को पत्र लिखा (Ajay Rai writes letter to CM Yogi), जिसमें कहा है कि इस अस्पताल में इतनी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं आम नागरिकों को न्यूनतम दर पर बिल्कुल निशुल्क प्रदान कर रहा था. अब प्रदेश शासन से मात्र एक मामले का संज्ञान लेते अस्पताल के पंजीकरण को निरस्त किए जाने की घोषणा बिल्कुल अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
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