लखनऊ : कांग्रेस का कहना है कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के ज़ोरदार राजनीतिक अभियान की वजह से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में घबराहट दिख रही है. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) उत्तर प्रदेश में डेरा डालते दिख रहे हैं, वह बताता है कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बुरी तरह चुनावी हार की आहट लग रही है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कहा है कि जब कोरोना काल में यूपी के लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में तड़प-तड़प कर जान गंवा रहे थे तो ये तमाम नेता नदारद थे. सारे के सारे साइलेंट मोड में थे. जबकि जीवनदायिनी गंगा शववाहिनी में तब्दील हो गयी थीं. अब चुनाव सामने देख जनता के टैक्स के पैसे से करोड़ों का विज्ञापन फूंककर विकास के फर्जी दावे किये जा रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगीराज के दौरान उत्तर प्रदेश में अपराध, महिला उत्पीड़न, छिनैती, बेरोजगारी चरम पर है. लेकिन, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को यहां की पीड़ित जनता नहीं दिखती है. पुलिस कस्टडी में लोगों को मारा जा रहा है, लेकिन डीजीपी कॉन्फ्रेंस में इस पर कोई चर्चा प्रधानमंत्री ने नहीं की.
आरोप लगाते हुए अजय कुमार लल्लू ने कहा कि लखीमपुर में किसानों को कुचलकर मारने वाले आशीष मिश्र के पिता और किसानों को दो मिनट में ठीक कर देने का बयान देने वाले अजय मिश्र टेनी को अब तक गृह राज्यमंत्री पद से बर्खास्त नहीं करके वे किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की शहादत हुई, लेकिन कृषि कानून वापस करने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने अफ़सोस का एक शब्द भी नहीं कहा. किसानों से किया गया एक भी वादा यूपी की योगी सरकार ने पूरा नहीं किया, लेकिन चुनाव सामने देख किसान हितैषी होने का विज्ञापन दिया जा रहा है.
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान करने के बावजूद किसान प्रधानमंत्री पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं. साक्षी महाराज जैसे सांसद कृषि क़ानून की वापसी की बात कहकर किसानों के शक को पुख्ता कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन के साथ पहले दिन से रही है और आज भी वह पूरी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मांग रहे किसान आंदोलनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. शहीद किसानों का राष्ट्रीय स्मारक बनाने का ऐलान तुरंत होना चाहिए.
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को जब तक कानूनी दर्जा नहीं मिलेगा, किसानों की स्थिति में सुधार नहीं होगा. आज किसान एक हजार - ग्यारह सौ रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. सरकारी खरीद हो नहीं रही है. इसलिए एमएसपी को हर हाल में कानूनी दर्जा मिलना चाहिए. किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस हों. कांग्रेस पार्टी इस मांग का समर्थन करती है. संयुक्त किसान मोर्चा की लखनऊ पंचायत का कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन करती है. अगले चुनाव में किसान विरोधी भाजपा सरकार को प्रदेश की जनता करारा जवाब देगी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में एक नया सवेरा होकर रहेगा.
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