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कांग्रेस ने बजट पर सरकार को घेरा, कहा- इस बार का बजट सबसे निराशाजनक

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का 5वां और अंतिम बजट पेश किया. सरकार के इस बजट की कांग्रेस ने आलोचना की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार ने किसी भी वर्ग की जरूरत का ध्यान नहीं रखा है. कुल मिलाकर बजट निराशाजनक है.

यूपी बजट कांग्रेस ने बताया निराशाजनक.
यूपी बजट कांग्रेस ने बताया निराशाजनक.
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Published : Feb 22, 2021, 5:50 PM IST

लखनऊ: यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यूपी बजट 2021-22 पर सरकार को घेरा है. उन्होंने बजट को पूरी तरह से निराशाजनक बताया. कहा कि यह बजट न जनता का है, न किसानों का है, न गरीबों का है और न ही युवाओं का है.

अजय कुमार लल्लू ने जुमला बजट बताया.

कांग्रेस के प्रवक्ता उबैदुल्ला नासिर का कहना है कि सरकार का बजट उम्मीदों की कसौटी पर फेल रहा है. गरीबी, बेरोजगारी और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार से उम्मीद थी कि इस बजट में कुछ अच्छा होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अलॉट किए गए बजट से कांग्रेस संतुष्ट है और इसका स्वागत करती है.

यूपी बजट को कांग्रेस ने बताया निराशाजनक.

'बजट में किसानों के साथ धोखा, नौजवानों के साथ विश्वासघात'
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बजट में किसानों के साथ धोखा, नौजवानों के साथ विश्वासघात किया गया है. गरीब, वंचित, शोषितों के लिए कोई योजना नहीं लाई गई है. इस बार का बजट विकास से कोसों दूर है. उन्होंने कहा कि पिछले साल जो आयोग बना था, सरकार उसकी एक बार बैठक नहीं कर पाई. एक साल के अंतराल पर जो आत्मनिर्भर कृषि समर्पित योजना को लागू करने का वादा सरकार ने दिया है, वह पूरी तरह से छलावा है.

किसानों के लिए नहीं कोई काम
सरकार ने कहा कि गेहूं क्रय केंद्र, धान क्रय केंद्र और मक्का के रिकॉर्ड तोड़ खरीद की है. अभी भी धान की खरीद कर रहे हैं. अजय कुमार लल्लू ने दावा किया कि कोई भी खरीद नहीं हो रही है. सरकार रिकॉर्ड की बात कर रही है, वह सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है. योगी सरकार पीआर कंपनी से प्रायोजित आंकड़े को पेश कर रही है. हमें उम्मीद थी कि यह सरकार किसानों के लिए कोई योजना लेकर आएगी, विशेष पैकेज की व्यवस्था करेगी. ओलावृष्टि, अतिवृष्टि से पीड़ित किसानों को लाभ देगी, लेकिन मुआवजे के नाम पर सिर्फ दिखावा किया गया है. कोई योजना नहीं दी गई है. बिजली के बढ़े हुए दाम के मद्देनजर सरकार ने किसानों के लिए नलकूप में कोई छूट का प्रावधान नहीं किया.

'बुनकरों के लिए भी नहीं है कोई प्रावधान'

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बजट में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसकी तारीफ की जा सके. बुनकरों के लिए भी बजट में कुछ खास नहीं है. युवा बेरोजगारों को रोजगार के नाम पर भी कुछ नहीं है. किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. बिजली के बढ़े दामों को कम करने की भी व्यवस्था नहीं की गई, कुल मिलाकर बजट जुमला है.

बुनियादी मुद्दों पर नहीं दिया ध्यानः उबैदुल्ला नासिर
उबैदुल्ला नासिर ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बदतर होती जा रही हैं. सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में कोई सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल या मेडिकल कॉलेज की स्थापना नहीं की है. बेरोजगारी चरम पर हैं. किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन किसानों के हित में भी सरकार ने एक बार भी नहीं सोचा है.

आम आदमी की बुनियादी जरूरतों को भी बजट में अनदेखा किया गया है. बेरोजगारी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सरकार का कहना है तीन लाख लोगों को बेरोजगार देंगे, लेकिन यह तीन लाख लोग कौन होंगे यह नहीं पता है. लखनऊ और बनारस को छोड़ दिया जाए तो स्वास्थ्य सुविधाएं बदतर हैं. कहीं पर भी कैंसर जैसे इलाज के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार ने थोड़ा ध्यान जरूर दिया है, लेकिन किसानों की समस्याओं को अनदेखा किया है.

इधर भी कोई ध्यान नहीं दिया
उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में युवा बेरोजगारों को रोजगार देने पर ध्यान नहीं दिया है. बिजली, सड़क और पानी की हालत खस्ता है. इस पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है. सरकार ने दावा किया था कि हर घर नल में जल की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन अभी तक जल की कहीं भी समुचित व्यवस्था नहीं है. बुंदेलखंड में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. जनता को उम्मीद थी कि सरकार का यह आखिरी बजट है तो कुछ अच्छा होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. बजट में सरकार ने कुछ अछ्छा नहीं किया है. कुल मिलाकर यह बजट निराशाजनक ही कहा जाएगा.

लखनऊ: यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यूपी बजट 2021-22 पर सरकार को घेरा है. उन्होंने बजट को पूरी तरह से निराशाजनक बताया. कहा कि यह बजट न जनता का है, न किसानों का है, न गरीबों का है और न ही युवाओं का है.

अजय कुमार लल्लू ने जुमला बजट बताया.

कांग्रेस के प्रवक्ता उबैदुल्ला नासिर का कहना है कि सरकार का बजट उम्मीदों की कसौटी पर फेल रहा है. गरीबी, बेरोजगारी और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार से उम्मीद थी कि इस बजट में कुछ अच्छा होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अलॉट किए गए बजट से कांग्रेस संतुष्ट है और इसका स्वागत करती है.

यूपी बजट को कांग्रेस ने बताया निराशाजनक.

'बजट में किसानों के साथ धोखा, नौजवानों के साथ विश्वासघात'
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बजट में किसानों के साथ धोखा, नौजवानों के साथ विश्वासघात किया गया है. गरीब, वंचित, शोषितों के लिए कोई योजना नहीं लाई गई है. इस बार का बजट विकास से कोसों दूर है. उन्होंने कहा कि पिछले साल जो आयोग बना था, सरकार उसकी एक बार बैठक नहीं कर पाई. एक साल के अंतराल पर जो आत्मनिर्भर कृषि समर्पित योजना को लागू करने का वादा सरकार ने दिया है, वह पूरी तरह से छलावा है.

किसानों के लिए नहीं कोई काम
सरकार ने कहा कि गेहूं क्रय केंद्र, धान क्रय केंद्र और मक्का के रिकॉर्ड तोड़ खरीद की है. अभी भी धान की खरीद कर रहे हैं. अजय कुमार लल्लू ने दावा किया कि कोई भी खरीद नहीं हो रही है. सरकार रिकॉर्ड की बात कर रही है, वह सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है. योगी सरकार पीआर कंपनी से प्रायोजित आंकड़े को पेश कर रही है. हमें उम्मीद थी कि यह सरकार किसानों के लिए कोई योजना लेकर आएगी, विशेष पैकेज की व्यवस्था करेगी. ओलावृष्टि, अतिवृष्टि से पीड़ित किसानों को लाभ देगी, लेकिन मुआवजे के नाम पर सिर्फ दिखावा किया गया है. कोई योजना नहीं दी गई है. बिजली के बढ़े हुए दाम के मद्देनजर सरकार ने किसानों के लिए नलकूप में कोई छूट का प्रावधान नहीं किया.

'बुनकरों के लिए भी नहीं है कोई प्रावधान'

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बजट में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसकी तारीफ की जा सके. बुनकरों के लिए भी बजट में कुछ खास नहीं है. युवा बेरोजगारों को रोजगार के नाम पर भी कुछ नहीं है. किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. बिजली के बढ़े दामों को कम करने की भी व्यवस्था नहीं की गई, कुल मिलाकर बजट जुमला है.

बुनियादी मुद्दों पर नहीं दिया ध्यानः उबैदुल्ला नासिर
उबैदुल्ला नासिर ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बदतर होती जा रही हैं. सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में कोई सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल या मेडिकल कॉलेज की स्थापना नहीं की है. बेरोजगारी चरम पर हैं. किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन किसानों के हित में भी सरकार ने एक बार भी नहीं सोचा है.

आम आदमी की बुनियादी जरूरतों को भी बजट में अनदेखा किया गया है. बेरोजगारी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सरकार का कहना है तीन लाख लोगों को बेरोजगार देंगे, लेकिन यह तीन लाख लोग कौन होंगे यह नहीं पता है. लखनऊ और बनारस को छोड़ दिया जाए तो स्वास्थ्य सुविधाएं बदतर हैं. कहीं पर भी कैंसर जैसे इलाज के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार ने थोड़ा ध्यान जरूर दिया है, लेकिन किसानों की समस्याओं को अनदेखा किया है.

इधर भी कोई ध्यान नहीं दिया
उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में युवा बेरोजगारों को रोजगार देने पर ध्यान नहीं दिया है. बिजली, सड़क और पानी की हालत खस्ता है. इस पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है. सरकार ने दावा किया था कि हर घर नल में जल की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन अभी तक जल की कहीं भी समुचित व्यवस्था नहीं है. बुंदेलखंड में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. जनता को उम्मीद थी कि सरकार का यह आखिरी बजट है तो कुछ अच्छा होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. बजट में सरकार ने कुछ अछ्छा नहीं किया है. कुल मिलाकर यह बजट निराशाजनक ही कहा जाएगा.

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