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लखनऊ: डॉ. कफील की रिहाई को प्रियंका की तरफ से मजार पर होगी चादरपोशी

यूपी के लखनऊ में डॉ. कफील की रिहाई के लिए प्रियंका गांधी की तरफ से मजार पर चादरपोशी कराई जाएगी. वहीं मदरसों में उनकी रिहाई के लिए दुआएं की जाएंगी. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की तरफ से 22 जुलाई से 12 अगस्त तक डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए महाअभियान शुरू किया गया है.

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कांग्रेस का महा अभियान.
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Published : Jul 22, 2020, 5:19 PM IST

लखनऊ: डॉ. कफील की रिहाई के लिए प्रियंका गांधी की तरफ से मजार पर चादरपोशी कराई जाएगी. वहीं मदरसों में उनकी रिहाई के लिए दुआएं की जाएंगी. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की तरफ से 22 जुलाई से 12 अगस्त तक डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए महाअभियान शुरू किया गया है. इस महाअभियान में विभिन्न तरह के कार्यक्रम होंगे, जिसमें एक कार्यक्रम प्रियंका गांधी की तरफ से मजार पर चादरपोशी का भी है. इसके अलावा हस्ताक्षर अभियान की भी शुरुआत 22 जुलाई से की गई है. इस अभियान में कांग्रेसी घर-घर जाकर लोगों से डॉ. कफील की रिहाई के लिए हस्ताक्षर करा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने बताया कि कांग्रेस पार्टी 22 जुलाई से 12 अगस्त तक डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए महाअभियान चला रही है. इसके तहत एक हफ्ते तक हर जिले से 10 हजार लोगों के हस्ताक्षर होने हैं. हर जिले से ब्लड डोनेशन कैंप भी लगेंगे. हर जिले में सोशल मीडिया पर एक साथ लोगों का लाइव होना है. मजार पर प्रियंका गांधी की तरफ से डॉ. कफील की रिहाई के लिए चादरपोशी होनी है. मदरसे में लोगों से विशेष दुआ कराई जाएगी.

उन्होंने बताया कि एक पूरा कैम्पेन डॉ. कफील के लिए चलाया जा रहा है. अभियान का मकसद है कि इस पूरे मुद्दे पर आवाम की ताकत का सरकार को एहसास कराना है. एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए जेल में रखा गया है, क्योंकि उसने मुख्यमंत्री के गृह जिले में चिकित्सा सेवाओं में भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया. बदले की भावना से जो भाजपा की सरकार काम कर रही है, उसकी गलती का एहसास कराना है. इस बात को याद दिलाना कि बदले की भावना से कोई भी काम एक शासक को नहीं करना चाहिए.

लखनऊ समेत प्रदेश भर में विशेष महाअभियान की शुरुआत भी हो गई है. कांग्रेस के कार्यकर्ता घर-घर जाकर डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए लोगों से हस्ताक्षर करा रहे हैं. लोग भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं. आगे के कार्यक्रमों की भी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की तरफ से जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. कांग्रेस का मानना है कि इस महाअभियान से सरकार पर दबाव बनेगा. सरकार डॉ. कफील की रिहाई के लिए मजबूर होगी.

लखनऊ: डॉ. कफील की रिहाई के लिए प्रियंका गांधी की तरफ से मजार पर चादरपोशी कराई जाएगी. वहीं मदरसों में उनकी रिहाई के लिए दुआएं की जाएंगी. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की तरफ से 22 जुलाई से 12 अगस्त तक डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए महाअभियान शुरू किया गया है. इस महाअभियान में विभिन्न तरह के कार्यक्रम होंगे, जिसमें एक कार्यक्रम प्रियंका गांधी की तरफ से मजार पर चादरपोशी का भी है. इसके अलावा हस्ताक्षर अभियान की भी शुरुआत 22 जुलाई से की गई है. इस अभियान में कांग्रेसी घर-घर जाकर लोगों से डॉ. कफील की रिहाई के लिए हस्ताक्षर करा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने बताया कि कांग्रेस पार्टी 22 जुलाई से 12 अगस्त तक डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए महाअभियान चला रही है. इसके तहत एक हफ्ते तक हर जिले से 10 हजार लोगों के हस्ताक्षर होने हैं. हर जिले से ब्लड डोनेशन कैंप भी लगेंगे. हर जिले में सोशल मीडिया पर एक साथ लोगों का लाइव होना है. मजार पर प्रियंका गांधी की तरफ से डॉ. कफील की रिहाई के लिए चादरपोशी होनी है. मदरसे में लोगों से विशेष दुआ कराई जाएगी.

उन्होंने बताया कि एक पूरा कैम्पेन डॉ. कफील के लिए चलाया जा रहा है. अभियान का मकसद है कि इस पूरे मुद्दे पर आवाम की ताकत का सरकार को एहसास कराना है. एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए जेल में रखा गया है, क्योंकि उसने मुख्यमंत्री के गृह जिले में चिकित्सा सेवाओं में भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया. बदले की भावना से जो भाजपा की सरकार काम कर रही है, उसकी गलती का एहसास कराना है. इस बात को याद दिलाना कि बदले की भावना से कोई भी काम एक शासक को नहीं करना चाहिए.

लखनऊ समेत प्रदेश भर में विशेष महाअभियान की शुरुआत भी हो गई है. कांग्रेस के कार्यकर्ता घर-घर जाकर डॉक्टर कफील की रिहाई के लिए लोगों से हस्ताक्षर करा रहे हैं. लोग भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं. आगे के कार्यक्रमों की भी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की तरफ से जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. कांग्रेस का मानना है कि इस महाअभियान से सरकार पर दबाव बनेगा. सरकार डॉ. कफील की रिहाई के लिए मजबूर होगी.

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