लखनऊः उत्तर प्रदेश में सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने के लिए कांग्रेस पार्टी पिछले 32 साल से बेकरार है, लेकिन उसकी सत्ता से करीबी का दायरा घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. वजह है कि पार्टी की यूपी में दरकी हुई जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए उसके अपनों का ही साथ न देना. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं. सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए स्टार प्रचारक दिन-रात एक कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी का अजब ही हाल है. पार्टी के सितारे गर्दिश में हैं और स्टार प्रचारक बुलंदी पर.
अगर वे जमीं पर उतर जाएं तो पार्टी खड़ी हो जाए, लेकिन उन्हें जमीं पर उतरना ही पसंद नहीं है. दरअसल, बात हो रही है कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहले चरण के लिए जारी 30 स्टार प्रचारकों की. 10 फरवरी को 58 सीटों पर होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए आठ फरवरी की शाम को प्रचार- प्रसार की अवधि समाप्त हो गई, लेकिन इस दौरान कांग्रेस पार्टी के 30 स्टार प्रचारकों में से दर्जन भर से ज्यादा स्टार प्रचारक एक बार भी उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर कदम रखने तक नहीं आए. आधा दर्जन स्टार प्रचारक सिर्फ एक से दो जगह पर एक या दो बार ही रणक्षेत्र में मोर्चा संभालने आए. सिर्फ प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा और सचिन पायलट ही मैदान में दमदार तरीके से प्रचार के लिए उतरे.
पहले चरण के लिए कांग्रेस पार्टी ने देश भर के जिन 30 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाकर उत्तर प्रदेश में पार्टी के उद्धारक की भूमिका निभाने का जिम्मा सौंपा था उनमें से दर्जनभर से ज्यादा रणक्षेत्र में पार्टी के कंधों को मजबूत करने के लिए आए ही नहीं. इनमें स्वयं कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक शामिल हैं. इतना ही नहीं, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी रहे गुलाम नबी आजाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा तक शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राजबब्बर पार्टी की तरफ से जारी 30 स्टार प्रचारकों की सूची में तो शामिल थे लेकिन चुनाव प्रचार से उन्होंने खुद को पूरी तरह अलग रखा. खास बात ये है कि पहले चरण की जिन 58 सीटों पर चुनाव होना है उनमें से ज्यादातर सीटों पर राजबब्बर की अच्छी खासी पकड़ भी है क्योंकि राजबब्बर का गृह क्षेत्र आगरा में टूंडला है. ऐसे में यहां की विधानसभाओं के साथ-साथ वे आसपास की तमाम विधानसभाओं पर अपना असर छोड़ सकते थे, लेकिन फिल्म स्टार के साथ-साथ पार्टी का ये स्टार एक बार भी कांग्रेस के किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने नहीं उतरा. पार्टी ने स्टार प्रचारकों की तीसरी सूची से ही अब राजबब्बर का नाम हटा दिया है. प्रियंका गांधी ने आगरा में रोड शो किया तो भी राजबब्बर मौजूद नहीं थे इसकी बड़ी वजह सूची से नाम हटाए जाने से नाराजगी भी हो सकती है.
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ ही नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा 'मोना' को भी पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया है. दोनों ही नेता चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में वह किसी अन्य प्रत्याशी के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका निभाने के बजाय खुद की सीट बचाने में दिन-रात एक किए हुए हैं. प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तमकुहीराज विधानसभा सीट से प्रत्याशी हैं और वहीं पर मेहनत कर रहे हैं, वही सीएलपी लीडर आराधना मिश्रा "मोना" रामपुर खास विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. वे भी अपनी ही सीट जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं. रामपुर खास सीट पर पांचवें चरण में 27 फरवरी को चुनाव होना है जबकि तमकुहीराज विधानसभा सीट पर छठे चरण में तीन मार्च को चुनाव होगा. बावजूद इसके पहले चरण के लिए होने वाले चुनाव के लिए प्रचार से यह दोनों स्टार प्रचारक दूर ही रहे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुरुआत में कई जगह प्रचार करने मैदान पर उतरे, लेकिन काफी दिनों से उन्होंने भी किसी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार नहीं किया.
कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक शामिल किया था. गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वर्षा गायकवाड़, फूलो देवी नेतम और प्रणीति शिंदे भी शामिल थे, लेकिन उत्तर प्रदेश में उम्मीदवारों के पक्ष में यह स्टार भी प्रचार करते नजर नहीं आए. इतना ही नहीं 30 नेताओं की जो सूची जारी की गई थी उनमें आरपीएन सिंह का नाम भी था, लेकिन पहले चरण की इसी सूची के तुरंत बाद आरपीएन सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. लिहाजा, कांग्रेस पार्टी के पहले चरण के लिए 29 ही प्रचारक बचे थे.
कांग्रेस के स्टार प्रचारक के तौर पर राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी चुनाव मैदान में कमान संभाले हुए हैं. वे लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में रोड शो कर चुकी हैं. उनका अभियान लगातार आठ फरवरी की शाम तक जारी रहा, जब तक पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार की अवधि समाप्त नहीं हो गई. प्रियंका के साथ ही राष्ट्रीय सचिव धीरज गुज्जर भी लगातार बने रहे.
पहले चरण के लिए ये थी स्टार प्रचारकों की सूची
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी, अजय कुमार लल्लू, आराधना मिश्रा 'मोना', गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भूपेश बघेल, सलमान खुर्शीद, राजबब्बर, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, आरपीएन सिंह, सचिन पायलट, प्रदीप जैन आदित्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आचार्य प्रमोद कृष्णम, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, वर्षा गायकवाड़, हार्दिक पटेल, फूलो देवी नेतम, सुप्रिया श्रीनेत, इमरान प्रतापगढ़ी, कन्हैया कुमार, प्रणीति शिंदे, धीरज गुज्जर, रोहित चौधरी और तौकीर आलम.
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11 जिलों की 58 सीटों पर होना है चुनाव
पहले चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, शामली, अलीगढ़, मथुरा और आगरा की 58 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. इनमें कैराना, थानाभवन, शामली, बुढ़ाना, चरथावल, पुरकाजी (सुरक्षित), मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर, सिवालखास, सरधना, हस्तिनापुर (सुरक्षित), किठौर, मेरठ कैंटोनमेंट, मेरठ, मेरठ दक्षिण, छपरौली, बड़ौत, बागपत, लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदीनगर, धौलाना, हापुड़ (सुरक्षित), गढ़मुक्तेश्वर, नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद, स्याना, अनूपशहर, डिबाई, शिकारपुर, खुर्जा (सुरक्षित), खैर (सुरक्षित), बरौली, अतरौली, छर्रा, कोल, अलीगढ़, इगलास (सुरक्षित), छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव (सुरक्षित), एत्मादपुर, आगरा कैंटोनमेंट (सुरक्षित), आगरा दक्षिण, आगरा उत्तर, आगरा ग्रामीण (सुरक्षित), फतेहपुर सीकरी, खैरागढ़, फतेहाबाद, बाह सीटें शामिल हैं.
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