लखनऊ: पिछले काफी दिनों से कांग्रेस कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहता है, वहीं काफी दिनों से सपा कार्यालय पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहता है. दृश्य ये बताने के लिए काफी है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की लड़ाई लड़ने की जमीन कौन सी पार्टी तैयारी कर रही है.
लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लगातार सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. चाहे पशुधन घोटाला हो, शिक्षक भर्ती घोटाला हो या फिर डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतें, पार्टी के बड़े नेताओं समेत कार्यकर्ता सड़क पर आंदोलनरत हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दफ्तर से बाहर कदम ही नहीं रख रहे हैं, सिर्फ प्रेस रिलीज कर रहे हैं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष ट्विटर पर ही बयानबाजी कर रहे हैं. हर तरह से सरकार से अगर पंगा ले रही है तो वह कांग्रेस है. जबकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सरकार से जन्मदिन की फोन पर बधाई ले रहे हैं.
विधानसभा चुनाव की बढ़ीं सरगर्मियां
उत्तर प्रदेश में चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस पार्टी जी जान से जुटी हुई है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ट्विटर के जरिए हमलावर हैं तो प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सड़क पर कार्यकर्ताओं को लेकर सरकार की घेराबंदी कर रहे हैं. पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर कांग्रेसी मैदान में उतर रहे हैं, पशुधन घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाले पर भी कांग्रेसी सरकार से सड़क पर उतरकर सवाल पूछ रहे हैं.
फेसबुक और ट्विटर पर एक्टिव सपा अध्यक्ष
जोश से लबरेज कांग्रेसी कार्यकर्ता गिरफ्तारी देने से भी नहीं कतरा रहे हैं. लगातार कांग्रेस के प्रदर्शन के चलते कांग्रेस कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है. हर गतिविधि पर अब पुलिस नजर रख रही है. उधर समाजवादी पार्टी की बात की जाए तो सड़क पर उतरने से पूरी तरह गुरेज कर रही है. पार्टी के कार्यकर्ता तो विरोध जता रहे हैं, लेकिन बिना किसी बड़े नेता के नेतृत्व में बड़े नेताओं की बयानबाजी फेसबुक और ट्विटर पर ही जारी है. सड़क पर न राष्ट्रीय अध्यक्ष दिख रहे हैं और न ही प्रदेश अध्यक्ष. हालांकि बयान जारी करने, फेसबुक और ट्विटर पर एक्टिव रहने में कोई कोताही नहीं कर रहे हैं.
सपा कार्यालय में नजर नहीं आ रहे कार्यकर्ता
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का कार्यालय में आना जाना न के बराबर है. सड़कें और कार्यालय सूने पड़े हुए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार को घेरने का काम कौन सी पार्टी कर रही है और साल 2022 के विधानसभा चुनाव की जोरदार तैयारी किस पार्टी की है. हालांकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लगातार सरकार पर हमलावर होने और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के दफ्तर से बाहर निकलने के सवाल पर पार्टी के नेता सुनील सिंह साजन कहते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन न हो, इसलिए पार्टी नेता सड़क पर नहीं उतर रहे हैं. जहां तक सरकार पर हमलावर होने की बात है तो समाजवादी पार्टी सरकार को हर मुद्दे पर घेर रही है.
सड़क से लेकर सदन तक लड़ रही है सपा
सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा कि सवाल अगर सरकार पर हमलावर होने का है तो मुझे नहीं लगता कि समाजवादी पार्टी से ज्यादा कोई हमला करता है. सड़क से लेकर सदन तक समाजवादी पार्टी लड़ाई लड़ रही है. पार्टी कार्यालय सूना पड़ा है, इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी कमजोर हो गई है. पार्टी का कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर इस महामारी में जहां पर भी है, जिसकी जैसी मदद कर सकता है, वैसे मदद कर रहा है.
भाजपा का विकल्प सिर्फ और सिर्फ सपा
सुनील साजन ने कहा कि हम लोग जिले-जिले पर सरकार को घेर रहे हैं. मुझे लगता है जो सवाल आप कर रहे हैं, यह हो सकता है कि मीडिया में दिख रहा हो कि कांग्रेस संघर्ष कर रही है, लेकिन हकीकत में अगर भारतीय जनता पार्टी का कोई विकल्प है और कोई उसका जवाब दे सकता है तो वह सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी है.
भाजपा सरकार ने छलने और ठगने का किया काम
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कहते हैं कि समाजवादी पार्टी की अपनी नियत नीति और सिद्धांत हैं. मेरी उनके प्रति कोई आलोचना नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि समाज में दलित, शोषित और वंचितों के अधिकारों को छीना जा रहा है. पिछड़ों के अधिकारों को छीना जा रहा है. अल्पसंख्यकों के अधिकार छीने जा रहे हैं. नौजवानों को रोजगार के नाम पर छलने और ठगने का काम किया जा रहा है.
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सड़कों पर संघर्ष कर रही कांग्रेस
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसानों और मजदूरों को धोखा देने का काम किया जा रहा है. प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल है. कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में एक सशक्त रूप में सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ लगातार सड़कों पर संघर्ष कर रही है.