लखनऊ: उदयपुर में संकल्प शिविर के बाद अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से नव संकल्प शिविर का आयोजन किया जा रहा है. जिसकी शुरुआत एक जून यानी बुधवार से होगी. 2 दिनों तक चलने वाले इस राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रदेश में पुलिस की मौजूदा स्थिति से लेकर पार्टी की सांगठनिक सुधार व अन्य मुद्दों पर मंथन होनी है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्यशालाओं का फायदा तभी होगा, जब कांग्रेसी जमीनी चुनौतियों को समझकर उनके हल को काम करेंगे.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने बताया कि उक्त कार्यशाला में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समस्त पदाधिकारीगण, समस्त जिला, शहर अध्यक्षगण, पूर्व सांसद, विधायक, 2022 विधाानसभा चुनाव व 2019 लोकसभा चुनाव के सभी प्रत्याशी, फ्रंटल संगठनों के विभागों व प्रकोष्ठों के अध्यक्ष/चेयरमैन तथा प्रदेश कांग्रेस के समस्त प्रवक्ता को आमंत्रित किया गया है. यह कार्यशाला प्रदेश कांग्रेस कार्यालय लखनऊ में आयोजित होगी.
ये हैं चुनौतियां: बीते दिनों उदयपुर में आयोजित संकल्प शिविर के बाद कांग्रेस की तरफ से भारत जोड़ों का नारा दिया गया था. इसी बीच उत्तर प्रदेश में एनएसयूआई के एक पदाधिकारी ने कांग्रेस को भारत जोड़ों से पहले कार्यकर्ता जोड़ों का अभियान चलाने की नसीहत दी थी. यही नहीं बार-बार कांग्रेस के बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर संजय गुप्ता का कहना है कि कांग्रेस को इस समय चिंतन की जरूरत है, क्योंकि कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच में दूरियां बढ़ती जा रही हैं. इसी का नतीजा है कि प्रियंका गांधी अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश की जनता को अपने पक्ष में नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि पार्टी को एक बार फिर से जमीन पर खड़े होने की जरूरत है. नेता सारी औपचारिकताएं छोड़कर अपने कार्यकर्ताओं के बीच में आए और सभी कार्यकर्ताओं का विश्वास बढ़ाए.
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