ETV Bharat / state

ज्ञानवापी मामले में कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर कांग्रेस विधायक की नसीहत, जानें क्या कहा..

यूपी की फरेंदा विधानसभा सीट (Pharenda Assembly Seat) से विधायक और कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरेन्द्र चौधरी ने ETV Bharat से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पार्टी की अंदरूनी स्थितियों से लेकर ज्ञानवापी मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखी. आइये खबर में जानते हैं उन्होंने देश के चर्चिच मसलों पर क्या कहा..

etv bharat
नेता और विधायक वीरेन्द्र चौधरी
author img

By

Published : May 25, 2022, 2:46 PM IST

लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लहर के बीच कांग्रेस (Congress) को सिर्फ दो सीटें मिलीं हैं. इनमें एक महाराजगंज (Maharajganj) की फरेंदा विधानसभा सीट (Pharenda Assembly Seat) है. इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरेन्द्र चौधरी (Virendra Chaudhary) ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस नेता और विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने ETV Bharat से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पार्टी की अंदरूनी स्थितियों से लेकर ज्ञानवापी मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता और विधायक वीरेन्द्र चौधरी

किन मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी सरकार को घेरगी ? ईटीवी भारत के इस सवाल पर कांग्रेस नेता और विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि यूपी में राशन कार्ड (Ration Card Issue) इस समय सबसे बड़ा मुद्दा है. पब्लिक में प्रचार है कि राशन कार्ड खत्म किए जा रहे हैं. सरकार इस मुद्दे पर विरोधाभासी बयान दे रही है. सरकार सच-सच बताए कि यह है क्या? सरकार कह रही है कि इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया जा रहा है लेकिन मेरे पास कई जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के आदेश की कॉपी है. इसमें वह कार्ड सरेंडर करने को कह रहे हैं. कई गांवों में तो मुनादी तक पिटवाई गई है. डीएम का यह आदेश फर्जी है या फिर सरकार जो सोशल मीडिया पर प्रचार कर रही है. वह फर्जी है? सरकार सच तो बताए.

ज्ञानवापी मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष शाहनवाज आलम कहते हैं, वह फव्वारा है. प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) कहते हैं कि यह आस्था का विषय है, शिवलिंग का मजाक न बनाया जाए. इस पर वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह कांग्रेस की विचारधारा नहीं है. यह उनके व्यक्तिगत बयान हैं. व्यक्तिगत विचार आचार्य प्रमोद कृष्णन के हो सकते हैं और शाहनवाज के भी हो सकते हैं. हमारी पार्टी हर धर्म का स्वागत करती है. संविधान की वर्णित धाराओं में स्पष्ट है कि यह देश किसी एक धर्म का नहीं है. कांग्रेस पार्टी उसका सम्मान करती है.

चिंतन शिविर में युवाओं को जोड़ने की योजना है तो गुजरात में हार्दिक पटेल को कांग्रेस का साथ क्यों छोड़ना पड़ा ? इस पर वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि हार्दिक पटेल अपनी एक सोच के तहत कांग्रेस में आए उन्होंने काम किया. वो निश्चित रूप से युवाओं के नेता रहे हैं. आज उनको क्या हो गया यह मेरी समझ से बाहर है. हो सकता है उनकी कुछ राजनीतिक इच्छाएं रही हों, जो कांग्रेस में पूरी न हो रही हों, शायद इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ा है.

यह भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: कपिल सिब्बल ने निर्दलीय के रूप में किया नामांकन, सपा का समर्थन

यूपी में एनएसयूआई (NSUI) के एक पदाधिकारी सोशल मीडिया (Social Media) पर लिखते हैं कि कांग्रेस को भारत जोड़ो से पहले कार्यकर्ता जोड़ो का अभियान चलाया जाना चाहिए. इस पर उन्होंने कहा कि हर कार्यकर्ता चाहता है कि अपने नेता से उसकी नजदीकी हो. हो सकता है कि उस कार्यकर्ता को लगा हो कि नेताओं को पहले कार्यकर्ताओं से नजदीकी बनानी चाहिए. यह तो मेरा भी मानना है कि हर नेता को अपने कार्यकर्ताओं से नजदीकी बनानी चाहिए. कांग्रेस हो या कोई और राजनीतिक दल हो, अगर कार्यकर्ता आपके साथ नहीं है तो राजनीति में आप कहां से सफल होगें? इसलिए कार्यकर्ता से नजदीकी बेहद जरूरी है.

प्रमोद कृष्णन कहते हैं कि कांग्रेस में कुछ वामपंथी (Leftist) आ गए हैं, जो खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने के लिए हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं. इस सवाल पर वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. पार्टी का कोई नेता किसी की आस्था के साथ कुठाराघात नहीं करता है. हां यह निजी विचार हो सकते हैं. कुछ लोग पार्टी की विचारधाना से अलग विचार रखते हैं. लेकिन कांग्रेस की विचारधारा सभी धर्मों को सम्मान देने वाली है और हर धर्म की इज्जत करने वाली है.

यूपी में होने वाले नगर निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस की तैयारियां के बारे में उन्होंने कहा कि अगला चुनाव नगर निकाय चुनाव है. चाहे पार्षद का चुनाव हो या महापौर का, इस पर फोकस करके रणनीति तैयार कर रहे हैं. तैयारी जोरों से चल रही हैं. जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लहर के बीच कांग्रेस (Congress) को सिर्फ दो सीटें मिलीं हैं. इनमें एक महाराजगंज (Maharajganj) की फरेंदा विधानसभा सीट (Pharenda Assembly Seat) है. इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरेन्द्र चौधरी (Virendra Chaudhary) ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस नेता और विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने ETV Bharat से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पार्टी की अंदरूनी स्थितियों से लेकर ज्ञानवापी मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता और विधायक वीरेन्द्र चौधरी

किन मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी सरकार को घेरगी ? ईटीवी भारत के इस सवाल पर कांग्रेस नेता और विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि यूपी में राशन कार्ड (Ration Card Issue) इस समय सबसे बड़ा मुद्दा है. पब्लिक में प्रचार है कि राशन कार्ड खत्म किए जा रहे हैं. सरकार इस मुद्दे पर विरोधाभासी बयान दे रही है. सरकार सच-सच बताए कि यह है क्या? सरकार कह रही है कि इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया जा रहा है लेकिन मेरे पास कई जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के आदेश की कॉपी है. इसमें वह कार्ड सरेंडर करने को कह रहे हैं. कई गांवों में तो मुनादी तक पिटवाई गई है. डीएम का यह आदेश फर्जी है या फिर सरकार जो सोशल मीडिया पर प्रचार कर रही है. वह फर्जी है? सरकार सच तो बताए.

ज्ञानवापी मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष शाहनवाज आलम कहते हैं, वह फव्वारा है. प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) कहते हैं कि यह आस्था का विषय है, शिवलिंग का मजाक न बनाया जाए. इस पर वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह कांग्रेस की विचारधारा नहीं है. यह उनके व्यक्तिगत बयान हैं. व्यक्तिगत विचार आचार्य प्रमोद कृष्णन के हो सकते हैं और शाहनवाज के भी हो सकते हैं. हमारी पार्टी हर धर्म का स्वागत करती है. संविधान की वर्णित धाराओं में स्पष्ट है कि यह देश किसी एक धर्म का नहीं है. कांग्रेस पार्टी उसका सम्मान करती है.

चिंतन शिविर में युवाओं को जोड़ने की योजना है तो गुजरात में हार्दिक पटेल को कांग्रेस का साथ क्यों छोड़ना पड़ा ? इस पर वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि हार्दिक पटेल अपनी एक सोच के तहत कांग्रेस में आए उन्होंने काम किया. वो निश्चित रूप से युवाओं के नेता रहे हैं. आज उनको क्या हो गया यह मेरी समझ से बाहर है. हो सकता है उनकी कुछ राजनीतिक इच्छाएं रही हों, जो कांग्रेस में पूरी न हो रही हों, शायद इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ा है.

यह भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: कपिल सिब्बल ने निर्दलीय के रूप में किया नामांकन, सपा का समर्थन

यूपी में एनएसयूआई (NSUI) के एक पदाधिकारी सोशल मीडिया (Social Media) पर लिखते हैं कि कांग्रेस को भारत जोड़ो से पहले कार्यकर्ता जोड़ो का अभियान चलाया जाना चाहिए. इस पर उन्होंने कहा कि हर कार्यकर्ता चाहता है कि अपने नेता से उसकी नजदीकी हो. हो सकता है कि उस कार्यकर्ता को लगा हो कि नेताओं को पहले कार्यकर्ताओं से नजदीकी बनानी चाहिए. यह तो मेरा भी मानना है कि हर नेता को अपने कार्यकर्ताओं से नजदीकी बनानी चाहिए. कांग्रेस हो या कोई और राजनीतिक दल हो, अगर कार्यकर्ता आपके साथ नहीं है तो राजनीति में आप कहां से सफल होगें? इसलिए कार्यकर्ता से नजदीकी बेहद जरूरी है.

प्रमोद कृष्णन कहते हैं कि कांग्रेस में कुछ वामपंथी (Leftist) आ गए हैं, जो खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने के लिए हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं. इस सवाल पर वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. पार्टी का कोई नेता किसी की आस्था के साथ कुठाराघात नहीं करता है. हां यह निजी विचार हो सकते हैं. कुछ लोग पार्टी की विचारधाना से अलग विचार रखते हैं. लेकिन कांग्रेस की विचारधारा सभी धर्मों को सम्मान देने वाली है और हर धर्म की इज्जत करने वाली है.

यूपी में होने वाले नगर निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस की तैयारियां के बारे में उन्होंने कहा कि अगला चुनाव नगर निकाय चुनाव है. चाहे पार्षद का चुनाव हो या महापौर का, इस पर फोकस करके रणनीति तैयार कर रहे हैं. तैयारी जोरों से चल रही हैं. जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.