लखनऊ: सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने पूरी तरह नकार दिया है. इस फैसले में कहा गया है कि आरक्षण भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है.
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारतीय जनता पार्टी सरकार की गलत पैरवी का नतीजा है. अदालत के सामने वह तथ्य नहीं रखे गए, जिससे सही फैसला आता. ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के जरिए फैसले में सुधार कराए अथवा संसद में संशोधन प्रस्ताव लाकर आरक्षण का मौलिक अधिकार सुनिश्चित करें.
मोदी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला गुरुवार को लखनऊ पहुंचे. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के सामने आरक्षण को मौलिक अधिकार न मानने संबंधी मामला पेश किया था.
उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट के सामने जो पैरवी की उसमें खुद स्वीकार किया कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि संविधान में आरक्षण को शोषित और वंचित समाज का मौलिक अधिकार माना गया है. भाजपा क्योंकि पहले से ही आरक्षण को खत्म करने की पक्षधर है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उनके प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य इसे खत्म करने की वकालत कर चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा सरकार की लचर पैरवी का नतीजा
सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वह केवल भाजपा सरकार की लचर पैरवी का नतीजा है. कोर्ट के सामने सही तथ्य नहीं रखे गए. कांग्रेस का मानना है कि भाजपा सरकार को इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने दोबारा ले जाना चाहिए. कोर्ट में सही तथ्यों को सामने रखकर आरक्षण को मौलिक अधिकार घोषित कराना चाहिए. अगर सरकार ऐसा करने में नाकाम है तो उसे संसद में प्रस्ताव लाकर संशोधन कराना चाहिए.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण दिए जाने की पूरी तरह समर्थक है. भाजपा की यह चाल कांग्रेस कार्यकर्ता कामयाब नहीं होने देंगे. हम लगातार आंदोलन शुरू करेंगे. इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे और सरकार को बाध्य करेंगे कि वह सुप्रीम कोर्ट या संसद के द्वारा इस समस्या का स्थाई समाधान करें.
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