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बेरोजगारी को लगातार नजरअंदाज कर रही है सरकार: प्रमोद तिवारी - unemployment

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने बेरोजगारी को लेकर मोदी और योगी सरकार पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार जुमलेबाजी की सरकार है, जिसने घाटे का बजट पेश किया. इसमें बेरोजगारी को नजरअंदाज किया गया है.

पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी
पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी
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Published : Mar 10, 2021, 1:41 AM IST

लखनऊ: लखनऊ चैप्टर की तरफ से मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय पर ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की लेक्चर सीरीज में केंद्र व राज्य बजट और बेरोजगारी विषय पर एक चर्चा का आयोजन किया गया. आयोजन के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी थे.

जुमलेबाजी वाली सरकार का बजट
इस मौके पर प्रमोद तिवारी ने बेरोजगारी व बजट पर कहा कि मौजूदा सरकार जुमलेबाजी की सरकार है, जिसने घाटे का बजट पेश किया. इसमें बेरोजगारी को नजरअंदाज किया गया है. बजट के प्रावधानों में रोजगार सृजन की उपेक्षा की गई है. प्रदेश व देश के हित में वही बजट अच्छा होगा, जहां आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार सृजन भी हो.

आर्थिक वृद्धि की दर नकारात्मक होने के कई कारण
लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद मोहन ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने आजादी के बाद से आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में बहुत प्रगति की है और विशेष रूप से 20वीं सदी के पहले दशक में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है. भारत की आर्थिक वृद्धि अन्य देशों के लिए एक उदाहरण रही है. मौजूदा हालात में आर्थिक वृद्धि की दर नकारात्मक होती गई, उसके कई कारण हैं.

प्रोफेसर अरविंद मोहन ने भारत में मौजूदा आर्थिक संकट को दूर करने के लिए आर्थिक सुधार के दूसरे चरण व तीसरे चरण की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि जब तक संस्थागत विकास एवं अन्य संस्थाओं का साथ में आकर काम करना नहीं संभव होगा तब तक आर्थिक वृद्धि के कोई मायने नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आज सभी राजनीतिक दलों को इन चीजों से ऊपर उठकर अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों की पहल करनी होगी.

जब तक उद्योगों की उपेक्षा तब तक विकास नहीं
महेंद्र सिंह ने उद्योगों के पक्ष को रखते हुए कहा कि जब तक सामाजिक सरोकारों की सरकार उपेक्षा करती रहेगी तब तक उद्योग केवल आर्थिक वृद्धि देकर समाज में विकास नहीं कर सकते. उनका कहना था कि समाज के अन्य पक्षों को भी उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करना होगा तभी युवाओं को रोजगार मिल सकता है. कार्यक्रम के अध्यक्ष सतीश अजमानी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए युवाओं की बेरोजगारी पर कांग्रेस पार्टी की चिंता व्यक्त की.

किसानों की उपेक्षा से गहरा रहा आर्थिक संकट
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनीस अंसारी ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया और अर्थ जगत में आए संकट को रेखांकित किया. इस मौके पर डॉ. हिलाल अहमद नकवी ने बताया कि कृषि क्षेत्र में सरकार किसानों की उपेक्षा करके आर्थिक संकट को गहरा कर रही है. इसका असर बेरोजगारी ही नहीं बल्कि गरीबी पर भी पड़ेगा.

विद्वानों को मंच प्रदान कर रही कांग्रेस
कार्यक्रम के अंत में डॉ. विनोद चंद्र ने कहा कि ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस पार्टी लाइन के अलावा भी विद्वानों को एक मंच प्रदान कर रही है, जिससे स्वस्थ और प्रभावी डिबेट हो सके. कांग्रेस पार्टी लाभान्वित हो सके. कार्यक्रम में ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के लगभग 50 फैलो व अन्य प्रबुद्ध जन उपस्थित थे. इनमें डॉक्टर फहीम, ओंकार नाथ सिंह, बृजेंद्र सिंह, लखनऊ शहर के कांग्रेस अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह, अजय श्रीवास्तव व जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी मौजूद थे.

लखनऊ: लखनऊ चैप्टर की तरफ से मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय पर ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की लेक्चर सीरीज में केंद्र व राज्य बजट और बेरोजगारी विषय पर एक चर्चा का आयोजन किया गया. आयोजन के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी थे.

जुमलेबाजी वाली सरकार का बजट
इस मौके पर प्रमोद तिवारी ने बेरोजगारी व बजट पर कहा कि मौजूदा सरकार जुमलेबाजी की सरकार है, जिसने घाटे का बजट पेश किया. इसमें बेरोजगारी को नजरअंदाज किया गया है. बजट के प्रावधानों में रोजगार सृजन की उपेक्षा की गई है. प्रदेश व देश के हित में वही बजट अच्छा होगा, जहां आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार सृजन भी हो.

आर्थिक वृद्धि की दर नकारात्मक होने के कई कारण
लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद मोहन ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने आजादी के बाद से आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में बहुत प्रगति की है और विशेष रूप से 20वीं सदी के पहले दशक में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है. भारत की आर्थिक वृद्धि अन्य देशों के लिए एक उदाहरण रही है. मौजूदा हालात में आर्थिक वृद्धि की दर नकारात्मक होती गई, उसके कई कारण हैं.

प्रोफेसर अरविंद मोहन ने भारत में मौजूदा आर्थिक संकट को दूर करने के लिए आर्थिक सुधार के दूसरे चरण व तीसरे चरण की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि जब तक संस्थागत विकास एवं अन्य संस्थाओं का साथ में आकर काम करना नहीं संभव होगा तब तक आर्थिक वृद्धि के कोई मायने नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आज सभी राजनीतिक दलों को इन चीजों से ऊपर उठकर अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों की पहल करनी होगी.

जब तक उद्योगों की उपेक्षा तब तक विकास नहीं
महेंद्र सिंह ने उद्योगों के पक्ष को रखते हुए कहा कि जब तक सामाजिक सरोकारों की सरकार उपेक्षा करती रहेगी तब तक उद्योग केवल आर्थिक वृद्धि देकर समाज में विकास नहीं कर सकते. उनका कहना था कि समाज के अन्य पक्षों को भी उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करना होगा तभी युवाओं को रोजगार मिल सकता है. कार्यक्रम के अध्यक्ष सतीश अजमानी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए युवाओं की बेरोजगारी पर कांग्रेस पार्टी की चिंता व्यक्त की.

किसानों की उपेक्षा से गहरा रहा आर्थिक संकट
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनीस अंसारी ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया और अर्थ जगत में आए संकट को रेखांकित किया. इस मौके पर डॉ. हिलाल अहमद नकवी ने बताया कि कृषि क्षेत्र में सरकार किसानों की उपेक्षा करके आर्थिक संकट को गहरा कर रही है. इसका असर बेरोजगारी ही नहीं बल्कि गरीबी पर भी पड़ेगा.

विद्वानों को मंच प्रदान कर रही कांग्रेस
कार्यक्रम के अंत में डॉ. विनोद चंद्र ने कहा कि ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस पार्टी लाइन के अलावा भी विद्वानों को एक मंच प्रदान कर रही है, जिससे स्वस्थ और प्रभावी डिबेट हो सके. कांग्रेस पार्टी लाभान्वित हो सके. कार्यक्रम में ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के लगभग 50 फैलो व अन्य प्रबुद्ध जन उपस्थित थे. इनमें डॉक्टर फहीम, ओंकार नाथ सिंह, बृजेंद्र सिंह, लखनऊ शहर के कांग्रेस अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह, अजय श्रीवास्तव व जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी मौजूद थे.

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