लखनऊ: कांग्रेस पार्टी में तमाम बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिल पाया जिससे वे काफी नाराज हैं. अपनी नाराजगी वे राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के सामने जता भी चुके हैं. काफी विरोध भी किया गया. नेतृत्व को अहसास हो गया कि अगर इनकी अनदेखी की तो ठीक नहीं होगा. अब पार्टी ने रूठे नेताओं को मनाने के लिए प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके तहत कुछ को पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया जा रहा रहा है तो कुछ को अपनी बात रखने के लिए राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से आमने-सामने बिठाने की बात कहकर मनाया जा रहा है. उन्हें भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी का भी लालच दिया जा रहा है.
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने सवा तीन सौ से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशियों को उतार दिया है, लेकिन तमाम जगहों पर पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध हुआ है. पार्टी के खिलाफ नारेबाजी के स्वर मुखर हुए. कई पुराने कांग्रेसियों को जब पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने इसे लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पार्टी को अपनी गलती का अहसास तो हुआ लेकिन 'का वर्षा जब कृषि सुखाने". अब कई चरणों के लिए नामांकन का भी दौर खत्म हो रहा है. लिहाजा, अब चाहकर भी पार्टी रूठों को टिकट देकर मना भी नहीं सकती है. ऐसे में अब और भी पुराने कांग्रेसी ज्यादा न छिटकने पाएं, इसे लेकर जतन किए जा रहे हैं. कई टिकट दावेदारों को स्टार प्रचारक बनाया जा रहा है तो कई को राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के सामने अपनी पूरी बात रखने का मौका दिलाए जाने का भी आश्वासन दिया जा रहा है. इतना ही नहीं कई दावेदारों को तो चुनाव के बाद पार्टी में बड़े दायित्व के लिए भी तैयार रहना का भरोसा दिलाया जा रहा है.
बात अगर लखनऊ की करें तो लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट पर कई टिकट दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे. इनमें कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह चौहान, पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष मिश्रा समेत कई अन्य नाम भी थे, लेकिन पार्टी ने उत्तर विधानसभा से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे पंकज तिवारी को लखनऊ पूर्वी से प्रत्याशी बना दिया. यहां तक तो फिर भी नेताओं ने बर्दाश्त किया, लेकिन जब नामांकन के 24 घंटे पहले पार्टी ने पंकज तिवारी का टिकट काटकर यहां से मनोज तिवारी को प्रत्याशी बना दिया तो लखनऊ पूर्वी से जो टिकट मांग रहे थे और जिन्हें टिकट मिल गया था, दोनों के ही विरोध के स्वर मुखर होने लगे.
आशुतोष मिश्रा तो निर्दलीय पर्चा भरने के लिए तैयारी करने लगे लेकिन किसी तरह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया. डॉ. उमाशंकर पांडेय ने नाराजगी जताई तो उनसे वरिष्ठ नेताओं ने संपर्क साधा. किसी तरह मनाने में कामयाब हुए. प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह चौहान की नाराजगी पार्टी ने उन्हें 30 स्टार प्रचारकों की सूची में स्टार प्रचारक बनाकर दूर की. पंकज तिवारी ने ज्यादा नाराजगी दिखाई तो उन्हें राष्ट्रीय सचिव ने मिन्नतें करके किसी तरह शांत कराया. वादा किया कि जल्द ही प्रियंका गांधी के सामने पूरी बात रखने का उन्हें मौका दिलाया जाएगा. पार्टी उन्हें भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.
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कानपुर की गोविंद नगर सीट पर भी कांग्रेस पार्टी के सामने संकट खड़ा हो गया जब इस सीट से टिकट मांग रहे दमदार प्रत्याशी विकास अवस्थी को टिकट न देकर पार्टी ने करिश्मा ठाकुर को प्रत्याशी बना दिया. इसके बाद विकास अवस्थी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए. पार्टी को समझ आ गया कि यहां भी बड़ी दिक्कत होने वाली है. लिहाजा, हाईकमान ने 30 स्टार प्रचारक बनाए तो उसमें एक स्टार प्रचारक के रूप में विकास अवस्थी को भी जगह दी. इसके बाद जाकर समस्या का समाधान निकल पाया.
पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में जिन-जिन जगहों पर टिकट न मिलने के चलते कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेता रूठे हुए हैं उन्हें पदों से सुशोभित किया जाएगा. पद देकर उन्हें किसी तरह पार्टी से जोड़े रखा जाएगा.
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