लखनऊ : राजनीति में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी भी उत्तर प्रदेश के सभी शहरों और गांवों में अपने कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया के विभिन्न हथियारों ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित तमाम सोशल एप्स को सिखाने और चलाने की तकनीक पर प्रशिक्षण दे रही है. कांग्रेस की तरफ से तैयार हो रही लगभग दो लाख कार्यकर्ताओं की विजय सेना को भी, सोशल मीडिया में दक्षता रखने वाले आईटी एक्सपर्ट प्रशिक्षित कर रहे हैं.
'अब कांग्रेस भी आक्रामक व तकनीकी तौर पर तैयार'
‘‘प्रशिक्षण से पराक्रम’’ अभियान के मीडिया कोऑर्डिनेटर व प्रदेश प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि 2014 हो या 2019 लोकसभा चुनावों में, आरएसएस एवं बीजेपी ने सुनियोजित तकनीकी तरीके से समाज में सोशल मीडिया के माध्यम से झूठ और नफरत फैलाई. बीजेपी, आरएसएस ने हजारों फर्जी फेसबुक आईडी, फर्जी ट्विटर एकाउंट से कांग्रेस के महापुरुषों और मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ भ्रामक प्रचार, झूठी तस्वीरें, एडिटेड वीडियो को सोशल मीडिया के विभिन्न आयामों के जरिए देश के युवाओं को गुमराह किया. पिछले दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ता सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर उतना जागरूक नहीं था, जितना इधर आठ, नौ सालों में हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित मनोरंजन के साधन और संसाधन के अभाव में मोबाइल प्राथमिकता के तौर पर इस्तेमाल करने वाले युवाओं की संख्या 92 प्रतिशत है. ऐसे में राजनैतिक दलों को भी अपने जागरूकता कार्यक्रमों, विशेष अभियान में, पार्टी के संदेशों प्रसारण में, सोशल मीडिया सुलभ व प्रभावी माध्यम बनकर उभरा है. इसके इस्तेमाल को लेकर अब कांग्रेस भी आक्रामक व तकनीकी तौर पर तैयार हो चुकी है.
'सोशल मीडिया से महापुरुषों के खिलाफ युवाओं में षड़यंत्र रचती है बीजेपी'
प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाली 74 फीसदी आबादी 34 साल से कम उम्र की है. यानी सुनियोजित तरीके से बीजेपी ने देश की वर्तमान पीढ़ी को भारतीय संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ खड़ा करने का कुत्सित प्रयास किया है. बीजेपी के सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव का असर यह हुआ कि आज देश की वर्तमान युवा पीढ़ी असल मुद्दों को लेकर व सामाजिक, राजनैतिक चेतना की शून्यता की ओर बढ़ रही है. समाजिक वातावरण में फैलाई गई गंदगी से आज का युवा इस कदर ग्रस्त हो रहा है कि वह सिर्फ विघटन और बंटवारे की सोच का शिकार है. उन्होंने कहा कि बीजेपी आईटी सेल की व्हाटसप यूर्निवसिटी, फेसबुक पेज, ट्विटर, यूट्यूब वीडियो के माध्यम से अपनी विघटनकारी दूषित शिक्षा से समाज में लगातार महापुरुषों के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है. सामाजिक द्वेष को फैलाकर साप्रदायिक सौहार्द खराब करने के साथ ही विकासपरक, साकारात्मक विषयों से युवाओं का ध्यान हटाने का प्रयास किया जा रहा है. आरएसएस चाहता है बीजेपी की संविधान विरोधी नीतियों, विघटनकारी सिद्धातों कुतर्को में युवा इस कदर फंसकर अंधा बना रहे, ताकि बीजेपी सरकारों व नेताओं से युवा अपने संवैधानिक अधिकारों के सम्बन्ध में कोई सवाल ही न खड़ा कर सके. उसे भक्तों की अंधी भीड़ देशद्रोही और हिंदू विरोधी करार करने का षड़यंत्र करे.
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'बीजेपी से 10 कदम आगे हैं हम'
कोऑर्डिनेटर विकास श्रीवास्तव ने बताया कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में कांग्रेस भी सोशल मीडिया को आरएसएस, बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत हथियार के रूप में इस्मेमाल करने के लिए आक्रामक हो चुकी है. कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया और तकनीक को लेकर व्यापक रणनीति पर काम कर रही है. हम बीजेपी से 10 कदम आगे रहकर चुनाव में इनके प्रत्येक सामाजिक विघटन के कुत्सित प्रयास को त्वरित विफल करने के लिए तैयार हैं. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक बूथ पर सोशल मीडिया हथियार से प्रशिक्षित कांग्रेसियों की फौज तैयार है. कांग्रेस पार्टी अपने सभी 700 प्रशिक्षण शिविरों में शामिल हो रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया के हथियार का कारगर इस्तेमाल और विरोधियों को मुंहतोड़ जबाव देने की वैचारिक व तकनीकी रणनीति सिखा रही है.