लखनऊ: आगामी विधान सभा चुनावों में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस के माध्यम से प्रदेश के उलेमाओं से वर्चुअल मीटिंग हुई. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से 100 के करीब उलेमाओं ने एक स्वर में सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलनकारियों के दमन पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कदम की तारीफ की है. उलेमाओं ने जगह-जगह जाकर पीड़ितों से मिलने और उनकी आवाज़ बुलंद करने के लिए प्रियंका का शुक्रिया अदा किया.
उलेमाओं ने दिए सुझाव
उलेमाओं ने कांग्रेस से इमामों और मोअजिन को दूसरे राज्यों की तर्ज पर तंख्वाह देने, भीड़ हत्या के खिलाफ क़ानून बनाने, पिछले 30 साल से वक़्फ़ की जमीनों की हुई लूट और भ्रष्टाचार का ऑडिट कराने, सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने, मदरसों के आधुनिकीकरण, गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय मदद देने, हर मण्डल में यूनानी मेडिकल कॉलेज खोलने, समाज कल्याण विभाग की तरफ से दलित और पिछड़ों की तर्ज पर अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए हर ज़िले में हॉस्टल खोलने, संभल, अमरोहा, बिजनौर, में से किसी एक जगह विश्वविद्यालय खोलने, आजमगढ़ के शिबली कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने समेत कई सुझाव दिए.
सोनिया, प्रियंका के सामने रखेंगे सुझाव
कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष पूर्व क़ानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इन सभी सुझावों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के समक्ष रखा जाएगा. उन्होंने उलेमाओं की इस बात से सहमति जताई कि पिछले 30 साल से प्रदेश के अल्पसंख्यक समूहों को क्षेत्रीय दलों ने सिर्फ़ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया. मेनिफेस्टो कमेटी के सदस्य पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी के अलावा कोई भी योगी के कुशासन के खिलाफ नहीं बोल रहा है.
पिछड़े मुसलमानों के साथ होंगी बैठकें
अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि अभी उलेमा समाज के साथ और भी बैठकें होंगी. इसके अलावा क़ुरैशी, अंसारी, मंसूरी, मलिक, अब्बासी, सैफी, सलमानी व सपा-बसपा द्वारा ठगे गए पिछड़े मुसलमानों के अन्य समूहों के साथ भी बैठकें होंगी.
उलेमाओं को रिझाने में जुटी कांग्रेस, मांग रही सुझाव
आगामी विधान सभा चुनावों में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष व मंत्री सलमान खुर्शीद की के माध्यम से प्रदेश के उलेमाओं से वर्चुअल मीटिंग हुई
लखनऊ: आगामी विधान सभा चुनावों में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस के माध्यम से प्रदेश के उलेमाओं से वर्चुअल मीटिंग हुई. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से 100 के करीब उलेमाओं ने एक स्वर में सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलनकारियों के दमन पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कदम की तारीफ की है. उलेमाओं ने जगह-जगह जाकर पीड़ितों से मिलने और उनकी आवाज़ बुलंद करने के लिए प्रियंका का शुक्रिया अदा किया.
उलेमाओं ने दिए सुझाव
उलेमाओं ने कांग्रेस से इमामों और मोअजिन को दूसरे राज्यों की तर्ज पर तंख्वाह देने, भीड़ हत्या के खिलाफ क़ानून बनाने, पिछले 30 साल से वक़्फ़ की जमीनों की हुई लूट और भ्रष्टाचार का ऑडिट कराने, सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने, मदरसों के आधुनिकीकरण, गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय मदद देने, हर मण्डल में यूनानी मेडिकल कॉलेज खोलने, समाज कल्याण विभाग की तरफ से दलित और पिछड़ों की तर्ज पर अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए हर ज़िले में हॉस्टल खोलने, संभल, अमरोहा, बिजनौर, में से किसी एक जगह विश्वविद्यालय खोलने, आजमगढ़ के शिबली कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने समेत कई सुझाव दिए.
सोनिया, प्रियंका के सामने रखेंगे सुझाव
कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष पूर्व क़ानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इन सभी सुझावों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के समक्ष रखा जाएगा. उन्होंने उलेमाओं की इस बात से सहमति जताई कि पिछले 30 साल से प्रदेश के अल्पसंख्यक समूहों को क्षेत्रीय दलों ने सिर्फ़ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया. मेनिफेस्टो कमेटी के सदस्य पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी के अलावा कोई भी योगी के कुशासन के खिलाफ नहीं बोल रहा है.
पिछड़े मुसलमानों के साथ होंगी बैठकें
अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि अभी उलेमा समाज के साथ और भी बैठकें होंगी. इसके अलावा क़ुरैशी, अंसारी, मंसूरी, मलिक, अब्बासी, सैफी, सलमानी व सपा-बसपा द्वारा ठगे गए पिछड़े मुसलमानों के अन्य समूहों के साथ भी बैठकें होंगी.