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लखनऊ : यूपी की 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस, जानें पूरी स्थिति - बाबू सिंह कुशवाहा

राज्य की 53 सीटों पर मतदान हो चुका है. छठवें और सातवें चरण के लिए मतदान होना बाकी है. भाजपा, कांग्रेस और महागठबंधन के बीच मुकाबला माना जा रहा है. कांग्रेस ने कुल 80 में से 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. पार्टी ने अपने सहयोगियों और महागठबंधन के दलों के लिए कुछ सीटों को छोड़ दिया है.

यूपी की 68 सीटों पर ताल ठोंक रहे कांग्रेस प्रत्याशी
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Published : May 8, 2019, 7:25 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 68 पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस ने दो दलों के साथ गठबंधन किया था और उनके लिए आठ सीटें दी थीं. इसके अलावा पार्टी ने 6 सीटें महागठबंधन उम्मीदवारों के लिए छोड़ दीं थीं. सहयोगी दलों में कृष्णा पटेल की पार्टी अपना दल को दो और बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी को 6 सीटें दी थीं. इन छह में से दो उम्मीदवारों को कांग्रेस ने अपने चुनाव चिह्न पर मैदान में उतारा है.

यूपी की 68 सीटों पर ताल ठोक रहे कांग्रेस प्रत्याशी

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति

  • बलिया, बांसगांव और अंबेडकरनगर सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का नामांकन रद्द हुआ.
  • गठबंधन के तहत कृष्णा पटेल की पार्टी को मिली थीं गोंडा और पीलीभीत सीट.
  • पीलीभीत पर अपना दल उम्मीदवार का पर्चा खारिज.
  • यहां निर्दलीय के तौर पर लड़ रहा है अपना दल उम्मीदवार.
  • चुनाव आयोग ने अपना दल को नहीं दिया अलग चुनाव चिह्न.
  • कृष्णा पटेल को हाथ के पंजे पर ही लड़ना पड़ा चुनाव.
  • इसी फॉर्मूला के तहत बाबू सिंह कुशवाहा के पार्टी उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव.
  • बलिया, मछली शहर और एटा में अपने सिंबल पर लड़ रहे हैं कुशवाहा के उम्मीदवार.
  • शेष सीटों पर कांग्रेस के चुनाव चिह्न का है साथ.

कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें से 68 प्रत्याशी कांग्रेस के सिंबल पर मैदान में हैं. 3 सीटों बलिया, अंबेडकर नगर और बांसगांव पर पर्चा खारिज हो गया है तो वहीं पीलीभीत में नामांकन रद्द होने से प्रत्याशी निर्दलीय हो गया है. कांग्रेस के सभी प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

- बृजेंद्र सिंह, प्रवक्ता कांग्रेस

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 68 पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस ने दो दलों के साथ गठबंधन किया था और उनके लिए आठ सीटें दी थीं. इसके अलावा पार्टी ने 6 सीटें महागठबंधन उम्मीदवारों के लिए छोड़ दीं थीं. सहयोगी दलों में कृष्णा पटेल की पार्टी अपना दल को दो और बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी को 6 सीटें दी थीं. इन छह में से दो उम्मीदवारों को कांग्रेस ने अपने चुनाव चिह्न पर मैदान में उतारा है.

यूपी की 68 सीटों पर ताल ठोक रहे कांग्रेस प्रत्याशी

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति

  • बलिया, बांसगांव और अंबेडकरनगर सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का नामांकन रद्द हुआ.
  • गठबंधन के तहत कृष्णा पटेल की पार्टी को मिली थीं गोंडा और पीलीभीत सीट.
  • पीलीभीत पर अपना दल उम्मीदवार का पर्चा खारिज.
  • यहां निर्दलीय के तौर पर लड़ रहा है अपना दल उम्मीदवार.
  • चुनाव आयोग ने अपना दल को नहीं दिया अलग चुनाव चिह्न.
  • कृष्णा पटेल को हाथ के पंजे पर ही लड़ना पड़ा चुनाव.
  • इसी फॉर्मूला के तहत बाबू सिंह कुशवाहा के पार्टी उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव.
  • बलिया, मछली शहर और एटा में अपने सिंबल पर लड़ रहे हैं कुशवाहा के उम्मीदवार.
  • शेष सीटों पर कांग्रेस के चुनाव चिह्न का है साथ.

कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें से 68 प्रत्याशी कांग्रेस के सिंबल पर मैदान में हैं. 3 सीटों बलिया, अंबेडकर नगर और बांसगांव पर पर्चा खारिज हो गया है तो वहीं पीलीभीत में नामांकन रद्द होने से प्रत्याशी निर्दलीय हो गया है. कांग्रेस के सभी प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

- बृजेंद्र सिंह, प्रवक्ता कांग्रेस

Intro:80 में से कांग्रेस के कुल 68 प्रत्याशी मैदान में, तीन का नामांकन खारिज, अपना दल की भी न बची पीलीभीत सीट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं और कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के कुल 68 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने दो दलों को अपने साथ लेते हुए गठबंधन किया और उन्हें कुल 8 सीटें दीं। इसके अलावा कांग्रेस ने सपा-बसपा गठबंधन को 6 सीटें दीं। सहयोगी दलों में कृष्णा पटेल की पार्टी अपना दल को दो तो बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी को 6 सीटें कांग्रेस ने दीं, लेकिन छह सीटों में से भी 2 सीटों पर कांग्रेस ने अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारे हैं। कांग्रेस को 68 में से कई सीटों पर जीत की पूरी उम्मीद है।


Body:कांग्रेस की तीन सीटों बलिया, बांसगांव और अंबेडकरनगर में प्रत्याशियों का पर्चा ही खारिज हो गया, वहीं कृष्णा पटेल को कांग्रेस ने गोंडा और पीलीभीत सीट दी थी जिसमें से पीलीभीत पर नामांकन रद्द होने से यहां पर प्रत्याशी न कांग्रेस का ही बचा और न ही अपना दल का। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना दल का प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है। पहले अपना दल अपने सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन निर्वाचन आयोग ने सिंबल ही रद्द कर दिया ऐसे में अपना दल की पार्टी अध्यक्ष कृष्णा पटेल को गोंडा से कांग्रेस के हाथ के पंजे पर ही चुनाव लड़ना पड़ रहा है। इसी तरह बलिया, मछली शहर और एटा में बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी प्रत्याशी अपने सिंबल पर ही चुनाव लड़े। शेष सीटों पर कांग्रेस के हाथ के सिंबल पर। लेकिन बलिया में भी जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया। इस तरह कुल मिलाकर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के अपने सहयोगी दलों को सीट छोड़ने के बाद 68 प्रत्याशी कांग्रेस के हाथ के पंजे पर चुनाव मैदान में विपक्षियों के सामने ताल ठोक रहे हैं।

बाइट

कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें से 68 सीटों पर कांग्रेस के सिंबल पर प्रत्याशी मैदान में हैं। 3 सीटों बलिया, अंबेडकर नगर और बांसगांव में पर्चा खारिज हो गया है तो वहीं पीलीभीत में नामांकन रद्द होने से प्रत्याशी निर्दलीय हो गया है। कांग्रेस के सभी प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

बृजेंद्र सिंह: प्रवक्ता कांग्रेस


Conclusion:68 सीटों पर लड़ रहे कांग्रेस के प्रत्याशियों से कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे और इस बार कांग्रेस का हाथ मजबूत करने में सफल होंगे। अब यह तो 23 मई को ही पता चलेगा कि कांग्रेसियों की मेहनत रंग लाती है या पानी फिर जाता है।
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