लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 68 पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस ने दो दलों के साथ गठबंधन किया था और उनके लिए आठ सीटें दी थीं. इसके अलावा पार्टी ने 6 सीटें महागठबंधन उम्मीदवारों के लिए छोड़ दीं थीं. सहयोगी दलों में कृष्णा पटेल की पार्टी अपना दल को दो और बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी को 6 सीटें दी थीं. इन छह में से दो उम्मीदवारों को कांग्रेस ने अपने चुनाव चिह्न पर मैदान में उतारा है.
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति
- बलिया, बांसगांव और अंबेडकरनगर सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का नामांकन रद्द हुआ.
- गठबंधन के तहत कृष्णा पटेल की पार्टी को मिली थीं गोंडा और पीलीभीत सीट.
- पीलीभीत पर अपना दल उम्मीदवार का पर्चा खारिज.
- यहां निर्दलीय के तौर पर लड़ रहा है अपना दल उम्मीदवार.
- चुनाव आयोग ने अपना दल को नहीं दिया अलग चुनाव चिह्न.
- कृष्णा पटेल को हाथ के पंजे पर ही लड़ना पड़ा चुनाव.
- इसी फॉर्मूला के तहत बाबू सिंह कुशवाहा के पार्टी उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव.
- बलिया, मछली शहर और एटा में अपने सिंबल पर लड़ रहे हैं कुशवाहा के उम्मीदवार.
- शेष सीटों पर कांग्रेस के चुनाव चिह्न का है साथ.
कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें से 68 प्रत्याशी कांग्रेस के सिंबल पर मैदान में हैं. 3 सीटों बलिया, अंबेडकर नगर और बांसगांव पर पर्चा खारिज हो गया है तो वहीं पीलीभीत में नामांकन रद्द होने से प्रत्याशी निर्दलीय हो गया है. कांग्रेस के सभी प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
- बृजेंद्र सिंह, प्रवक्ता कांग्रेस