लखनऊ: बाबरी विध्वंस के 28 साल बाद बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया. कोर्ट के फैसले के बाद दशकों से चला आ रहा यह मुद्दा अब पूरी तरह खत्म हो गया है. कोर्ट के इस फैसले का जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहते हुए स्वागत किया कि सत्य की जीत हुई है. वहीं उन्होंने कांग्रेस से इस पूरे मामले में माफी की मांग कर दी. कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है लेकिन सीएम के माफी मांगने वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने कहा कि राम जन्म भूमि बनाम बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर न्यायालय का जो फैसला आया है उस पर कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट मत है कि न्यायालय के फैसले पर कोई नुक्ताचीनी नहीं करनी चाहिए. जनता के भरोसे की अंतिम किरण न्यायपालिका होती है. अब यह लोगों के विश्लेषण का और जो लोग पीड़ित हैं उनके विश्लेषण का विषय है. कांग्रेस पार्टी इसे फैसले के रूप में देखती है. रही बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की टिप्पणी की तो कांग्रेस को कहने में कोई गुरेज नहीं है कि हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुत ही छोटी सोच के, जातिवादी, धार्मिक उन्मादी प्रवृत्ति के व्यक्ति रहे हैं. उनका चरित्र पूरा देश और प्रदेश जानता है. आए दिन हमारे उत्तर प्रदेश में बहन बेटियों के साथ रेप हो रहा है. हत्याएं हो रही हैं, मर्डर हो रहा है और हमारा मुख्यमंत्री अपनी पीठ थपथपा रहा है. 30 साल पुरानी घटना जो हमारी गंगा जमुनी संस्कृति की पहचान थी, उसे तहस-नहस किया गया. उसमें हमसे माफी मांगने की बात कही जा रही है. मुख्यमंत्री को जरा सी शर्म और लज्जा बची हो तो जो हाथरस में घटना घटी, उन्नाव में घटना घटी थी. जिस प्रकार शाहजहांपुर के एक पूर्व सांसद के केस को न्यायालय से वापस लेने का प्रयास कर रहे हैं, उनको हमारे उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता से माफी मांगना चाहिए. हमारे प्रदेश की बहन बेटियों से माफी मांगनी चाहिए.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सत्यमेव जयते के अनुरूप सत्य की जीत हुई है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह फैसला स्पष्ट करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के पूज्य संतों भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को बदनाम करने की नीयत से उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया.