लखनऊ: बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा और विधान परिषद को संयुक्त रूप से संबोधित किया. संबोधन के बाद मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ही नहीं बसपा और कांग्रेस ने भी विरोध किया. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है.
विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की पीड़ित जनता की समस्याओं को नहीं उठाया गया है. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के दौरान केवल सरकार का गुणगान किया है. सरकार की एक भी कमी पर ध्यान नहीं दिया. इसलिए विपक्षी दलों ने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया है. वहीं विपक्ष के विरोध के चलते विधानसभा शुक्रवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सरकार हर मोर्चे पर हो चुकी है विफल : कांग्रेस
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है. किसान परेशान हैं, उन्हें न तो उचित मूल्य मिल रहा है और न ही बिजली मिल रही है. उनके ऊपर छुट्टा जानवरों का कहर टूट पड़ा है. युवा सड़कों पर आंदोलित हैं और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पुलिसिया अत्याचार हुआ है. इन सभी मुद्दों पर कांग्रेस ने सदन के बाहर भी विरोध किया था. राज्यपाल ने झूठ का पुलिंदा पढ़कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है, इस सत्र में हम भाजपा को बेनकाब करेंगे. भाजपा ने जिस तरह से लगातार तीन साल जनता से झूठ बोलकर, झूठे वादे करके, उत्तर प्रदेश की जनता को छला है. इस सत्र में कांग्रेस पार्टी लगातार इसका विरोध करेगी और सरकार से जवाब मांगेगी.
महिलाओं का किया गया है उत्पीड़न : बसपा
बसपा नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा है. लखनऊ के घंटाघर और बिलरियागंज में महिलाओं का उत्पीड़न किया गया. पूरे प्रदेश में बलात्कार की घटनाएं जिस तरह से बढ़ी हैं. ऐसी परिस्थिति में मुझे पूरा विश्वास था कि राज्यपाल अपने अभिभाषण में उसका जिक्र करेंगी, लेकिन इन घटनाओं का कोई जिक्र न करके यह साबित कर दिया कि उनका अभिभाषण निश्चित रूप से झूठ का पुलिंदा है.