लखनऊ: बीते सोमवार को कांग्रेस पार्टी ने अडाणी मुद्दे को लेकर राजभवन का घेराव करने के साथ ही जोरदार प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सहित कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने संभाल रखी थी. लेकिन, इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के दोनों शहर अध्यक्ष नदारद रहे. दोनों शहर अध्यक्षों को पार्टी प्रदेश नेतृत्व की तरफ से जवाब तलब किया गया है.
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि दोनों ही शहर अध्यक्ष पार्टी के धरना प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसको लेकर पार्टी मुख्यालय में तरह-तरह की अटकलों का बाजार गरम हो रहा है, जिसको लेकर पार्टी ने अब स्थिति स्पष्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी के उच्च नेतृत्व ने प्रदेश में पार्टी के पुनर्गठन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. ऐसे में लखनऊ शहर और जिले में भी संगठन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. यह प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बना रही है, इसको लेकर प्रांतीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष तक काम किया जा रहा है.
कांग्रेस की ओर से बीते कुछ महीनों में कई गंभीर मुद्दों पर लगातार प्रदर्शन किए गए. लेकिन, इन सभी प्रदर्शनों में दोनों जिला अध्यक्ष लगातार गायब रहे. तभी से इन दोनों को लेकर पार्टी कार्यालय में कई तरह की चर्चाएं सुर्खियां बटोर रही हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कानपुर के चौबेपुर में हुई मां-बेटी की मौत का मामला, गैस बढ़ोतरी के दाम और अडाणी के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन के दौरान दोनों जिलाध्यक्ष लगातार गायब रहे. शहर अध्यक्ष उत्तरी अजय श्रीवास्तव उर्फ अज्जू और शहर दक्षिण अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह डीपी दोनों ही पार्टी के कई कार्यक्रमों से लगातार दूरी बनाए हुए हैं. वहीं, पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इन दोनों ही अध्यक्षों को पार्टी की ओर से नोटिस जारी किया गया है.
आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर जारी हो चुका है नोटिस
पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिला अध्यक्ष उत्तरी अजय श्रीवास्तव उर्फ अज्जू बीते दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसको लेकर पार्टी अनुशासन समिति के समक्ष उनकी शिकायत भी हो चुकी है. इसको लेकर उन्हें नोटिस जारी किया गया था. हालांकि, इस मुद्दे पर अभी भी पार्टी नेता कुछ भी कहने से साफतौर पर बच रहे हैं. वहीं, दोनों अध्यक्षों की ओर से अभी तक इस पूरे मामले में कोई भी रुख साफ नहीं किया गया है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के संगठन का क्या स्वरूप होगा इसको लेकर काफी लंबे समय से खींचतान चल रही है. संगठन निर्माण में हो रही देरी व पार्टी के अंदर की खींचतान लगातार सतह पर सामने आ रही है.
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