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बांगरमऊ में सब्जी विक्रेता की मौत का मामला: कांग्रेस और सपा ने सरकार पर उठाए सवाल

कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने पहुंची उन्नाव के बांगरमऊ कोतवाली के भटपुरी मोहल्ला में सब्जी बेचने वाले फैजल नाम के युवक की पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस और सपा ने सरकार पर हमला बोला है.

कांग्रेस और सपा ने सरकार पर उठाए सवाल
कांग्रेस और सपा ने सरकार पर उठाए सवाल
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Published : May 22, 2021, 7:25 PM IST

लखनऊ: पिछले दिनों कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने पहुंची उन्नाव के बांगरमऊ कोतवाली के भटपुरी मोहल्ला में सब्जी बेचने वाले फैजल नाम के युवक की पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस के इस कृत्य को प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने गंभीरता से लिया. शनिवार को उन्नाव के एडिशनल एसपी ने दो सिपाही और एक होमगार्ड को निलंबित कर दिया, साथ ही इनके खिलाफ 302 के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया है. इस मामले पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

क्या इस कार्रवाई से फैजल वापस आएगा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने गलत उदाहरण पेश किया है. मित्र पुलिस के नाम से जो पुलिस अपने आप को कहती है. उसका इस तरीके के कृत्य की वजह से फैजल को अपनी जान गंवानी पड़ी. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यही है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पूरी तरीके से विफल साबित हुई है. प्रशासन को नियंत्रित कर पाने में पूरी तरह से बीजेपी सरकार विफल है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हर मोर्चे पर विफल हैं. इस कोरोना महामारी के समय में लोगों को मरहम की जरूरत थी, घाव की जरूरत नहीं थी. क्या सिर्फ इस तरीके की कार्रवाई से फैजल की जान वापस आ जाएगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार को तत्काल जो पीड़ित परिवार को मुआवजा देना चाहिए. भविष्य में ऐसी गलती न हो इसको लेकर इंतजाम जरूर दुरुस्त करने चाहिए.

इसे भी पढ़ें-सब्जी विक्रेता मौत मामलाः 3 पुलिसकर्मी निलंबित, 302 के तहत मुकदमा दर्ज

पुलिस के खिलाफ नाराजगी
उन्नाव के बांगरमऊ की इस घटना को लेकर पुलिस की छवि काफी धूमिल हुई है. इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस ने उन घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया है. बांगरमाऊ की इस घटना पर राजनीतिक दलों में नाराजगी है.

कांग्रेस और सपा ने सरकार पर उठाए सवाल

पूर्व सैनिकों, आम नागरिकों को मार रही है पुलिस: सपा
कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने पहुंची उन्नाव के बांगरमाऊ कोतवाली के भटपुरी मोहल्ला में सब्जी बेचने वाले फैजल नाम के युवक की पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस के इस कृत्य को प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने गंभीरता से लिया. इस मामले पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता (रिटा.) मेजर आशीष चतुर्वेदी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

अपराधियों को छोड़ सब पर कार्रवाई कर रही है पुलिस
सपा नेता आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अपराधियों को छोड़कर बाकी सब पर अपनी कार्रवाई कर रही है. ऐसी दुखद घटना बांगरमऊ से सामने आई. एक युवक जो अपनी सब्जी बेचकर रोजी-रोटी चलाता था, उसकी निर्मम हत्या पुलिस वालों ने की. यह पहला वाकया नहीं है, जब पुलिस की वजह से आम नागरिक को अपनी जान गंवानी पड़ी. ऐसे बहुत सारे मामले हुए हैं, जो पिछले कई वर्षों में सामने आए हैं. कोई पूछने वाला नहीं, कोई नेता नहीं, कोई प्रशासन का नहीं है जो इनसे पूछे. अभी 10 दिन पहले पीलीभीत में एक पूर्व सैनिक को बेरहमी से पुलिस वालों ने मारा था. उसे अधमरा कर दिया था. थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया. यह देश का गौरव रहा पूर्व सैनिक था, उसका यह हाल है तो आम नागरिकों का क्या हाल होगा.

आखिर किस तरह की ट्रेनिंग देते हैं डीजीपी
उन्होंने कहा कि योगी सरकार क्या कर रही है. किस किस्म की ट्रेनिंग इन पुलिस वालों को दी गई है. यह डीजीपी को बताना चाहिए. आखिर क्या सिखाकर भेजते हैं पुलिस वालों को, जो इस तरह की उत्तर प्रदेश के अंदर हरकतें कर रहे हैं.

लखनऊ: पिछले दिनों कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने पहुंची उन्नाव के बांगरमऊ कोतवाली के भटपुरी मोहल्ला में सब्जी बेचने वाले फैजल नाम के युवक की पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस के इस कृत्य को प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने गंभीरता से लिया. शनिवार को उन्नाव के एडिशनल एसपी ने दो सिपाही और एक होमगार्ड को निलंबित कर दिया, साथ ही इनके खिलाफ 302 के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया है. इस मामले पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

क्या इस कार्रवाई से फैजल वापस आएगा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने गलत उदाहरण पेश किया है. मित्र पुलिस के नाम से जो पुलिस अपने आप को कहती है. उसका इस तरीके के कृत्य की वजह से फैजल को अपनी जान गंवानी पड़ी. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यही है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पूरी तरीके से विफल साबित हुई है. प्रशासन को नियंत्रित कर पाने में पूरी तरह से बीजेपी सरकार विफल है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हर मोर्चे पर विफल हैं. इस कोरोना महामारी के समय में लोगों को मरहम की जरूरत थी, घाव की जरूरत नहीं थी. क्या सिर्फ इस तरीके की कार्रवाई से फैजल की जान वापस आ जाएगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार को तत्काल जो पीड़ित परिवार को मुआवजा देना चाहिए. भविष्य में ऐसी गलती न हो इसको लेकर इंतजाम जरूर दुरुस्त करने चाहिए.

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पुलिस के खिलाफ नाराजगी
उन्नाव के बांगरमऊ की इस घटना को लेकर पुलिस की छवि काफी धूमिल हुई है. इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस ने उन घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया है. बांगरमाऊ की इस घटना पर राजनीतिक दलों में नाराजगी है.

कांग्रेस और सपा ने सरकार पर उठाए सवाल

पूर्व सैनिकों, आम नागरिकों को मार रही है पुलिस: सपा
कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने पहुंची उन्नाव के बांगरमाऊ कोतवाली के भटपुरी मोहल्ला में सब्जी बेचने वाले फैजल नाम के युवक की पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस के इस कृत्य को प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने गंभीरता से लिया. इस मामले पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता (रिटा.) मेजर आशीष चतुर्वेदी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

अपराधियों को छोड़ सब पर कार्रवाई कर रही है पुलिस
सपा नेता आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अपराधियों को छोड़कर बाकी सब पर अपनी कार्रवाई कर रही है. ऐसी दुखद घटना बांगरमऊ से सामने आई. एक युवक जो अपनी सब्जी बेचकर रोजी-रोटी चलाता था, उसकी निर्मम हत्या पुलिस वालों ने की. यह पहला वाकया नहीं है, जब पुलिस की वजह से आम नागरिक को अपनी जान गंवानी पड़ी. ऐसे बहुत सारे मामले हुए हैं, जो पिछले कई वर्षों में सामने आए हैं. कोई पूछने वाला नहीं, कोई नेता नहीं, कोई प्रशासन का नहीं है जो इनसे पूछे. अभी 10 दिन पहले पीलीभीत में एक पूर्व सैनिक को बेरहमी से पुलिस वालों ने मारा था. उसे अधमरा कर दिया था. थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया. यह देश का गौरव रहा पूर्व सैनिक था, उसका यह हाल है तो आम नागरिकों का क्या हाल होगा.

आखिर किस तरह की ट्रेनिंग देते हैं डीजीपी
उन्होंने कहा कि योगी सरकार क्या कर रही है. किस किस्म की ट्रेनिंग इन पुलिस वालों को दी गई है. यह डीजीपी को बताना चाहिए. आखिर क्या सिखाकर भेजते हैं पुलिस वालों को, जो इस तरह की उत्तर प्रदेश के अंदर हरकतें कर रहे हैं.

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