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सीएम योगी आदित्यनाथ ने नहीं निभाया अपना राजधर्म: कांग्रेस

यूपी में कांग्रेस और भाजपा के बीच बसों के लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और यूपी कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भाजपा पर राजधर्म न निभाने और हठधर्मिता का आरोप लगाया है.

bus politics
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत.
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Published : May 21, 2020, 8:37 AM IST

लखनऊः प्रवासी मजदूरों और कामगारों को उनके घर भेजने के लिए 1000 बसों को अनुमति न दिए जाने से कांग्रेस नेता सरकार से नाराज हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राजधर्म न निभाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद कांग्रेस ने बसों की सुविधा देने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने घटिया राजनीति की वजह से मजदूरों को इससे वंचित कर दिया.

बस की राजनीति पर आरोप-प्रत्यारोप.

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना ने बुधवार की देर शाम ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अहंकार और हठधर्मिता की वजह से मजदूरों के लिए बस नहीं चलने दीं. उन्होंने ने कहा कि 1000 बसों को चलाने का प्रस्ताव कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री के सामने तब किया था, जब यूपी की सड़कों पर हजारों की संख्या में मजदूर पैदल चलने को मजबूर थे.

सुप्रिया श्रीनेत और आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जब प्रस्ताव पर सहमति जताई तो कांग्रेस ने राजस्थान और दिल्ली उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर गाजियाबाद में बसें उपलब्ध कराई. सरकार की ओर से बसों की सूची मांग कर मजदूरों की सहायता में रोड़ा अटकाया गया और बाद में बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर विवाद खड़ा किया गया. आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सरकार की ओर से प्रियंका गांधी के कार्यालय को लिखित में ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई. इससे पता चलता है कि सरकार को सौंपी गई सूची में कौन सी बस का नंबर सही दर्ज नहीं है.

इसे भी पढ़ें- बस पर राजनीति तेज, अखिलेश बोले- मजदूरों पर भारी पड़ रही सरकार की हठधर्मिता

उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद माना कि 879 बसें सही हैं, लेकिन उनको भी मजदूरों की सहायता के लिए नहीं भेजा गया बल्कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार किया गया. उनके और प्रियंका गांधी के निजी सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि इन बसों को लाने के लिए कांग्रेस ने 16,000 रुपये प्रति बस के हिसाब से तीन दिन का किराया चुकाया है जो चार करोड़ 80 लाख रुपये है.

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा की सरकार ने प्रवासी मजदूरों और गर्भवती महिलाओं की मदद में बाधा डाली है. सरकार की यह कार्रवाई कितनी जायज है, इसका फैसला जनता करेगी, लेकिन इतना तय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राज्यधर्म का निर्वाह नहीं किया है. वह पूरे उत्तर प्रदेश के मुखिया हैं. प्रदेश के निवासी सभी मजदूरों और कामगारों को सुरक्षित घर तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि राजस्थान बॉर्डर पर आगरा के पास बसें देर रात तक खड़ी रहीं, लेकिन सरकार ने उनका इस्तेमाल नहीं किया.

लखनऊः प्रवासी मजदूरों और कामगारों को उनके घर भेजने के लिए 1000 बसों को अनुमति न दिए जाने से कांग्रेस नेता सरकार से नाराज हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राजधर्म न निभाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद कांग्रेस ने बसों की सुविधा देने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने घटिया राजनीति की वजह से मजदूरों को इससे वंचित कर दिया.

बस की राजनीति पर आरोप-प्रत्यारोप.

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना ने बुधवार की देर शाम ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अहंकार और हठधर्मिता की वजह से मजदूरों के लिए बस नहीं चलने दीं. उन्होंने ने कहा कि 1000 बसों को चलाने का प्रस्ताव कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री के सामने तब किया था, जब यूपी की सड़कों पर हजारों की संख्या में मजदूर पैदल चलने को मजबूर थे.

सुप्रिया श्रीनेत और आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जब प्रस्ताव पर सहमति जताई तो कांग्रेस ने राजस्थान और दिल्ली उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर गाजियाबाद में बसें उपलब्ध कराई. सरकार की ओर से बसों की सूची मांग कर मजदूरों की सहायता में रोड़ा अटकाया गया और बाद में बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर विवाद खड़ा किया गया. आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सरकार की ओर से प्रियंका गांधी के कार्यालय को लिखित में ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई. इससे पता चलता है कि सरकार को सौंपी गई सूची में कौन सी बस का नंबर सही दर्ज नहीं है.

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उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद माना कि 879 बसें सही हैं, लेकिन उनको भी मजदूरों की सहायता के लिए नहीं भेजा गया बल्कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार किया गया. उनके और प्रियंका गांधी के निजी सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि इन बसों को लाने के लिए कांग्रेस ने 16,000 रुपये प्रति बस के हिसाब से तीन दिन का किराया चुकाया है जो चार करोड़ 80 लाख रुपये है.

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा की सरकार ने प्रवासी मजदूरों और गर्भवती महिलाओं की मदद में बाधा डाली है. सरकार की यह कार्रवाई कितनी जायज है, इसका फैसला जनता करेगी, लेकिन इतना तय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राज्यधर्म का निर्वाह नहीं किया है. वह पूरे उत्तर प्रदेश के मुखिया हैं. प्रदेश के निवासी सभी मजदूरों और कामगारों को सुरक्षित घर तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि राजस्थान बॉर्डर पर आगरा के पास बसें देर रात तक खड़ी रहीं, लेकिन सरकार ने उनका इस्तेमाल नहीं किया.

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