लखनऊ : गोमती तट पर भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में चल रहे उत्तराखंड महोत्सव में भारतीय लोक संस्कृति की परम्पराओं, लोक कलाओं एवं लोक विधाओं का संगम दिखाई दे रहा है. गोमती तट पर सांय गुनगुनी ठंडक के साथ सुहाना होता मौसम का मिजाज, लजीज खाने की खुशबू, सुंदर मंच पर चल रहे विविध कार्यक्रम दर्शकों को बरबस ही मंत्र मुग्ध कर रहे हैं. इसके अलावा दर्शक स्टालों पर खरीदारी कर लुत्फ भी उठा रहे हैं. महोत्सव स्थल पर अमेरिकन भुट्टा, चटपटी चाट, भेल पूरी, फास्ट फूड, छोला भटूरा, पाव भाजी, राजस्थानी थाली, पापड़ भण्डार, नॉनवेज, उत्तराखंडी व्यंजनों आदि के स्टाल लगे हैं. इसके अलावा ऊनी वस्त्र, खादी वस्त्र के साथ उत्तराखण्ड तथा हिमाचली टोपियां लोगों को खूब भा रही हैं.
सांस्कृतिक आयोजनों से मनमोहा : सीमा विरमानी का वॉलीवुड गायन, चन्द्रभूषण अग्रवाल का नृत्य, सूचना विभाग उत्तर प्रदेश के दलों की प्रस्तुति, सुषमा प्रकाश का गायन, यीशू वर्मा का कुमाऊंनी गायन, तृप्ति गुप्ता की प्रस्तुति, उन्नति श्री का सोलो नृत्य, जानकी अधिकारी के नेतृत्व में रामलीला समिति तेलीबाग की प्रस्तुति-मोनिका मेहरा व राहुल फर्तियाल का नृत्य, ममता फुलारा का मेसअप गाना, कामना बिष्ट के नेतृत्व में आर्ट एवं कल्चर ग्रुप, कल्याणपुर सांस्कृतिक कार्यक्रम, हेमा वाणगी के नेतृत्व में देव भूमि जन सरोकार सांस्कृतिक समिति, गोमतीनगर के सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा हरितिमा पंत व अलका शाह के नेतृत्व में संगीत सांस्कृतिक फाउंडेशन कुर्मांचल नगर के कार्यक्रमों को खूब सराहा गया. झोड़े के चार दलों द्वारा मंच पर सुन्दर प्रस्तुति दी गई. पूनम कनवाल ने मंच संचालन किया. वहीं रेस प्रतियोगिता महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष पुष्पा वैष्णव, सुनीता कनवाल, विद्या सिंह, हरितिमा पंत, देवेश्वरी पवार तथा राजेश्वरी रावत की देख रेख में सम्पन्न हुई. इसमें 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया. जिसमें अलका साह-प्रथम, तृप्ति गुप्ता-द्वितीय, नीलिमा जोशी-तृतीय रहीं.
कलाकारों की गायन शैली के लोग हुए कायल : गढ़वाल मंडल की सुप्रसिद्ध लोक गायिका कुसुम नेगी के ग्रुप द्वारा सर्वप्रथम गणेश वंदना पेश की. इसमें कलाकारों ने परात को उंगुलियों से घुमाते हुए नृत्य किया. इसके बाद दीपावली का भैलू कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई. जिसमें नाग के श्रेष्ठ राजा शेषनाग मर्दन की प्रस्तुति दी गई. इसके बाद नाटी तान्दी लोकनृत्य हरूल, घसियारी लोकनृत्य, जौनसारी लोकनृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं. इनके वाद्य कलाकार-की बोर्ड पर राजकुमार, ढोलक पर नानक चन्द्र, दमऊ पर प्रेम दास, रणसिंगा पर प्रेम, नृत्य कलाकार पिंकी रानी, रानी, मोनिका, सोम्या, संगीता, नितिन, षबल, चंदर, अजय, गायन में कुसुम नेगी और सचिव वर्मा रहे. एकल गायन-जौनसारी लोकगीत जमुना को पाणि, आगलड की मॉछी की प्रस्तुति मनमोहक रही. लोक गायक जगत सिंह धपोला ने लाली हो लाली हौंसिया तथा हाय तेरी नजरा, मुल हसण सुनाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. लोकगायक सुरेन्द्र राजेश्वरी, दर्शन सिंह परिहार ने लोक गीत पेश किए. वाइस ऑफ उत्तराखंड के चार प्रतिभागियों दीपक सिंह परवाल, नंदा रावत, अनुपमा श्रीवास्तव, प्राची सिंह रावत ने अपनी गायन शैली से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया. आयोजन में मुख्य संयोजक भवान सिंह गर्बियाल, संयोजक दीवान सिंह अधिकारी एवं हेम सिंह, अध्यक्ष हरीश चन्द्र पंत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगल सिंह रावत, महासचिव भरत सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष-महेश रौतेला सचिव राजेश बिष्ट, सुरेश चन्द्र पाण्डेय, अवधेश कोठारी, मुनाल विक्रम बिष्ट, बीके जोशी, भुवन पटवाल, भूवन पाठक, सुरेन्द्र सिंह, चेतन बिष्ट सहित अन्य पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
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