लखनऊ: कोरोना के कारण आम से लेकर खास लोगों तक की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हुई है. हर तरह से इस महामारी से लोग परेशान हुए हैं. उनके सामने समस्याएं खड़ी हो रही हैं. कमाई के सारे साधन बंद हैं. ऐसे में हर माह होने वाले खर्चे को लेकर सभी को चिंता सता रही है. खासकर किरायेदारों को मकान के किराए और बिजली के बिल को लेकर लोग परेशान हैं. सरकार ने लोगों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत देने का फैसला लिया है.
पहले जहां सरकार ने सभी मकान मालिकों से अपील की है कि किरायेदारों से एक माह का किराया न लिया जाए. वहीं, यूपी में अब सभी उपभोक्ताओं का बिल पिछले 3 माह के औसत बिल के आधार पर बनेगा. यानी अप्रैल माह का बिल पिछले 3 माह के एवरेज बिल के आधार पर जारी होगा.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने अप्रैल महीने में बिजली का बिल उपभोक्ता के तीन महीने की बिजली खपत के औसत के आधार पर लिए जाने का निर्णय लिया है. इससे करोड़ों उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी. वजह है कि सर्दी के दौरान बिजली खपत काफी कम हो जाती है. ऐसे में बिजली का बिल भी काफी कम ही आता है. अब 3 महीने का बिजली खपत का आंकड़ा निकाला जाएगा तो निश्चित तौर पर अप्रैल माह का लोगों को बिजली का बिल काफी कम भरना होगा, जिससे उन्हें इस तरह के हालात में काफी सहूलियत मिलेगी.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग मीटिर रीडिंग के आधार पर बिजली का बिल तैयार करता है और रीडिंग के लिए एजेंट डोर-टू-डोर जाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से किसी का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है. ऐसे में बिजली विभाग ने 3 माह के औसत खपत के आधार पर अप्रैल का बिजली बिल जारी करने का निर्णय लिया है.