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बस स्टेशनों पर सुरक्षा के ये हुए इंतजाम, अपराधियों की जल्द होगी शिनाख्त - बस स्टेशन

राजधानी लखनऊ में स्थित 4 बस स्टेशनों पर किसी भी घटना पर तत्काल नजर रखने के लिए सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं. यहां हर प्रकार की गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं. बस स्टेशन पर यात्रियों के साथ किसी भी तरह की कोई घटना होती है तो तत्काल सीसीटीवी फुटेज देखकर घटना को अंजाम देने वाले की शिनाख्त कर ली जाती है.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Nov 11, 2020, 9:42 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 8:20 PM IST

लखनऊ: राजधानी में कुल चार बस स्टेशन हैं. इन बस स्टेशनों में दशकों पुराना कैसरबाग बस स्टेशन है, तो वहीं सबसे नया कमता स्थित अवध बस स्टेशन है. चारबाग बस स्टेशन सबसे पुराना और आलमबाग बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर बना प्रदेश का पहला बस अड्डा है. जहां तक इन सभी बस स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा की बात की जाए तो काफी संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात हैं. यहां हर प्रकार की गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं. बस स्टेशन पर यात्रियों के साथ किसी भी तरह की कोई घटना होती है तो तत्काल सीसीटीवी फुटेज देखकर घटना को अंजाम देने वाले की शिनाख्त कर ली जाती है. बस स्टेशनों के बाहर पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है, जो संदिग्ध व्यक्तियों में किसी घटना के ख्याल से पहले ही डर पैदा करने के लिए काफी है. ऐसे में बस स्टेशन पर यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं.

स्पेशल रिपोर्ट.

32 सीसीटीवी और 4 ड्रोन कैमरे रखते हैं हर गतिविधि पर नजर
शहर के बीचोबीच स्थित कैसरबाग बस स्टेशन प्रदेश का पहला वातानुकूलित बस स्टेशन है. इस बस स्टेशन पर पहले तो चोरी और अपराध की घटनाएं होती थीं, लेकिन 9 साल पहले जब बस स्टेशन का कायाकल्प हुआ और यहां पर 30 से अधिक सीसीटीवी कैमरे हर दिशा में कोने-कोने पर लगाए गए हैं. जब से यहां यात्रियों की सुरक्षा के लिए गार्डों की तैनाती की गई तबसे यहां पर किसी भी तरह की घटना न के बराबर है. यहां पर कोई भी घटना करने की कोशिश भी करता है तो वह तीसरी आंख में कैद हो जाता है. बाकायदा इन सभी सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग होती है. वरिष्ठ केंद्र प्रभारी के कमरे में एलईडी पर इन सभी कैमरों से पल-पल नजर रखी जाती है. वहीं सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बस स्टेशन के कमरे में भी एलईडी पर हर कैमरे को मॉनिटर किया जाता है. सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग डीवीआर में मौजूद रहती है. यहां पर कुल 36 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से 32 सीसीटीवी और 4 ड्रोन कैमरे हैं.

बस स्टेशनों की मॉनीटरिंग.
बस स्टेशनों की मॉनीटरिंग.

गार्ड रात-दिन तैनात
बस स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए 10 से अधिक सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं, जिनकी शिफ्ट के अनुसार ड्यूटी लगाई जाती है. 10 सुरक्षा गार्ड रात-दिन बस स्टेशन पर मौजूद रहते हैं. पूरे स्टेशन परिसर में घूमते हैं. कैश की सुरक्षा के लिए भी दो सुरक्षा गार्ड तैनात हैं. हालांकि अभी यहां कुछ और सुरक्षा गार्डों की जरूरत है, जिसकी मांग भी की गई है. बस स्टेशन के अधिकारी बताते हैं कि बस स्टेशन के बाहर स्थापित पुलिस चौकी से लगातार पुलिसकर्मी बस स्टेशन पर समय-समय पर गश्त करते हैं, जिससे घटनाओं पर रोक लगाने में सहायता मिलती है.

सुरक्षा में तैनात गार्ड.
सुरक्षा में तैनात गार्ड.

आलमबाग बस स्टेशन पर 59 कैमरों से होती है निगरानी
आलमबाग बस स्टेशन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एनी पीपीपी मॉडल पर बना प्रदेश का पहला बस स्टेशन है. यहां पर भी यात्रियों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा जा रहा है. हर तरह से यह स्टेशन यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित है. बस स्टेशन के अंदर प्रवेश करते ही मेटल डिटेक्टर लगा है. यहां पर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश करने से पहले जांच की जाती है इसके बाद प्रवेश दिया जाता है. किसी भी तरह की गतिविधि पर निगरानी रखने के लिए कुल 59 सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं. इसके अलावा 6 से अधिक गॉर्ड दो शिफ्ट में लगातार ड्यूटी करते हैं. घूम-घूमकर बस स्टेशन पर नजर रखते हैं, इससे घटनाओं की संभावना खत्म हो जाती है. बस स्टेशन परिसर के बाहर पुलिस चौकी से पुलिसकर्मी भी बस स्टेशन के अंदर आकर बाकायदा गश्त करते हैं.

सीसीटीवी कैमरे.
सीसीटीवी कैमरे.

अवध बस स्टेशन की पूरी तरह सुरक्षित
राजधानी का अवध बस स्टेशन परिवहन निगम का सबसे आधुनिक और नया बस स्टेशन है. स्टेशन के प्रवेश द्वार पर पुलिस चौकी स्थापित है. इसके अलावा एंट्रेंस गेट से लेकर एग्जिट गेट और जहां पर यात्री बस के इंतजार में बैठते हैं, वहां मिलाकर कुल 24 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. चारों दिशाओं में 6-6 कैमरों से पल-पल की खबर ली जाती है. हर तरह की गतिविधि इस तीसरी आंख में कैद होती है. इस बस स्टेशन पर अभी किसी भी तरह की कोई घटना चाहे चोरी की हो या अपराध की, नहीं हुई है. अधिकारियों के साथ ही पुलिसकर्मी भी यहां मुस्तैद रहते हैं. इसके अलावा 18 सुरक्षाकर्मी भी दिन-रात ड्यूटी करते हैं और घटनाओं पर रोक लगाते हैं, साथ ही यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं.

बस स्टेशन.
बस स्टेशन.

चारबाग में 8 कैमरे रखते हैं हर हरकत पर नजर
यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो चारबाग बस स्टेशन हर तरफ से खुला हुआ है. यहां पर कोई भी आराम से आ और जा सकता है, लेकिन यहां पर भी सीसीटीवी कैमरे हर आने जाने वाले यात्री और बसों पर नजर रखते हैं. वेटिंग एरिया में भी कई कैमरे लगे हैं जो किसी भी तरह की हरकत पर पूरी नजर रखते हैं. बस स्टेशन पर 8 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और 12 सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई है, जो तीन शिफ्ट में बस स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगे रहते हैं. हालांकि चारबाग बस स्टेशन पर चोरी की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. आलमबाग बस स्टेशन को छोड़ दिया जाए तो चारबाग कैसरबाग और अवध बस स्टेशन पर स्कैनर तक नहीं लगाए गए हैं. यहां कोई भी यात्री और संदिग्ध व्यक्ति अपने साथ अवैध सामान जैसे विस्फोटक आदि लेकर आराम से अंदर आ सकता है और किसी बड़ी घटना को अंजाम भी दे सकता है. हालांकि आलमबाग बस स्टेशन पर भी जो स्कैनर लगा है वह काफी दिनों से खराब है और अधिकारी इस पर कुछ भी बोल भी नहीं रहे हैं. उनका कहना है कि आलमबाग बस स्टेशन प्राइवेट ऑपरेटर्स के हाथ में है, इसके लिए पत्राचार किया गया है.

घटनाओं पर लगा है अंकुश
कैसरबाग बस स्टेशन के एआरएम ने बताया कि चोरी और अपराध की घटनाओं पर लगातार अंकुश लगा है. यहां पर घटनाओं में काफी कमी आई है. यहां पर जो भी छोटी-मोटी घटनाएं होती हैं वह सिर्फ इंडिविजुअल लापरवाही की वजह से हो रही हैं. यहां पर कुल 36 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें चार ड्रोन कैमरे हैं, साथ ही 10 गार्डों की तैनाती की गई है. जो हरपल यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रखते हैं. यहां पर पुलिस चौकी भी स्थापित है. लगातार पुलिस यहां पर गश्त करती रहती है और कैमरों से मॉनिटरिंग भी की जाती है.

लखनऊ: राजधानी में कुल चार बस स्टेशन हैं. इन बस स्टेशनों में दशकों पुराना कैसरबाग बस स्टेशन है, तो वहीं सबसे नया कमता स्थित अवध बस स्टेशन है. चारबाग बस स्टेशन सबसे पुराना और आलमबाग बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर बना प्रदेश का पहला बस अड्डा है. जहां तक इन सभी बस स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा की बात की जाए तो काफी संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात हैं. यहां हर प्रकार की गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं. बस स्टेशन पर यात्रियों के साथ किसी भी तरह की कोई घटना होती है तो तत्काल सीसीटीवी फुटेज देखकर घटना को अंजाम देने वाले की शिनाख्त कर ली जाती है. बस स्टेशनों के बाहर पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है, जो संदिग्ध व्यक्तियों में किसी घटना के ख्याल से पहले ही डर पैदा करने के लिए काफी है. ऐसे में बस स्टेशन पर यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं.

स्पेशल रिपोर्ट.

32 सीसीटीवी और 4 ड्रोन कैमरे रखते हैं हर गतिविधि पर नजर
शहर के बीचोबीच स्थित कैसरबाग बस स्टेशन प्रदेश का पहला वातानुकूलित बस स्टेशन है. इस बस स्टेशन पर पहले तो चोरी और अपराध की घटनाएं होती थीं, लेकिन 9 साल पहले जब बस स्टेशन का कायाकल्प हुआ और यहां पर 30 से अधिक सीसीटीवी कैमरे हर दिशा में कोने-कोने पर लगाए गए हैं. जब से यहां यात्रियों की सुरक्षा के लिए गार्डों की तैनाती की गई तबसे यहां पर किसी भी तरह की घटना न के बराबर है. यहां पर कोई भी घटना करने की कोशिश भी करता है तो वह तीसरी आंख में कैद हो जाता है. बाकायदा इन सभी सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग होती है. वरिष्ठ केंद्र प्रभारी के कमरे में एलईडी पर इन सभी कैमरों से पल-पल नजर रखी जाती है. वहीं सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बस स्टेशन के कमरे में भी एलईडी पर हर कैमरे को मॉनिटर किया जाता है. सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग डीवीआर में मौजूद रहती है. यहां पर कुल 36 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से 32 सीसीटीवी और 4 ड्रोन कैमरे हैं.

बस स्टेशनों की मॉनीटरिंग.
बस स्टेशनों की मॉनीटरिंग.

गार्ड रात-दिन तैनात
बस स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए 10 से अधिक सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं, जिनकी शिफ्ट के अनुसार ड्यूटी लगाई जाती है. 10 सुरक्षा गार्ड रात-दिन बस स्टेशन पर मौजूद रहते हैं. पूरे स्टेशन परिसर में घूमते हैं. कैश की सुरक्षा के लिए भी दो सुरक्षा गार्ड तैनात हैं. हालांकि अभी यहां कुछ और सुरक्षा गार्डों की जरूरत है, जिसकी मांग भी की गई है. बस स्टेशन के अधिकारी बताते हैं कि बस स्टेशन के बाहर स्थापित पुलिस चौकी से लगातार पुलिसकर्मी बस स्टेशन पर समय-समय पर गश्त करते हैं, जिससे घटनाओं पर रोक लगाने में सहायता मिलती है.

सुरक्षा में तैनात गार्ड.
सुरक्षा में तैनात गार्ड.

आलमबाग बस स्टेशन पर 59 कैमरों से होती है निगरानी
आलमबाग बस स्टेशन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एनी पीपीपी मॉडल पर बना प्रदेश का पहला बस स्टेशन है. यहां पर भी यात्रियों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा जा रहा है. हर तरह से यह स्टेशन यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित है. बस स्टेशन के अंदर प्रवेश करते ही मेटल डिटेक्टर लगा है. यहां पर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश करने से पहले जांच की जाती है इसके बाद प्रवेश दिया जाता है. किसी भी तरह की गतिविधि पर निगरानी रखने के लिए कुल 59 सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं. इसके अलावा 6 से अधिक गॉर्ड दो शिफ्ट में लगातार ड्यूटी करते हैं. घूम-घूमकर बस स्टेशन पर नजर रखते हैं, इससे घटनाओं की संभावना खत्म हो जाती है. बस स्टेशन परिसर के बाहर पुलिस चौकी से पुलिसकर्मी भी बस स्टेशन के अंदर आकर बाकायदा गश्त करते हैं.

सीसीटीवी कैमरे.
सीसीटीवी कैमरे.

अवध बस स्टेशन की पूरी तरह सुरक्षित
राजधानी का अवध बस स्टेशन परिवहन निगम का सबसे आधुनिक और नया बस स्टेशन है. स्टेशन के प्रवेश द्वार पर पुलिस चौकी स्थापित है. इसके अलावा एंट्रेंस गेट से लेकर एग्जिट गेट और जहां पर यात्री बस के इंतजार में बैठते हैं, वहां मिलाकर कुल 24 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. चारों दिशाओं में 6-6 कैमरों से पल-पल की खबर ली जाती है. हर तरह की गतिविधि इस तीसरी आंख में कैद होती है. इस बस स्टेशन पर अभी किसी भी तरह की कोई घटना चाहे चोरी की हो या अपराध की, नहीं हुई है. अधिकारियों के साथ ही पुलिसकर्मी भी यहां मुस्तैद रहते हैं. इसके अलावा 18 सुरक्षाकर्मी भी दिन-रात ड्यूटी करते हैं और घटनाओं पर रोक लगाते हैं, साथ ही यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं.

बस स्टेशन.
बस स्टेशन.

चारबाग में 8 कैमरे रखते हैं हर हरकत पर नजर
यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो चारबाग बस स्टेशन हर तरफ से खुला हुआ है. यहां पर कोई भी आराम से आ और जा सकता है, लेकिन यहां पर भी सीसीटीवी कैमरे हर आने जाने वाले यात्री और बसों पर नजर रखते हैं. वेटिंग एरिया में भी कई कैमरे लगे हैं जो किसी भी तरह की हरकत पर पूरी नजर रखते हैं. बस स्टेशन पर 8 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और 12 सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई है, जो तीन शिफ्ट में बस स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगे रहते हैं. हालांकि चारबाग बस स्टेशन पर चोरी की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. आलमबाग बस स्टेशन को छोड़ दिया जाए तो चारबाग कैसरबाग और अवध बस स्टेशन पर स्कैनर तक नहीं लगाए गए हैं. यहां कोई भी यात्री और संदिग्ध व्यक्ति अपने साथ अवैध सामान जैसे विस्फोटक आदि लेकर आराम से अंदर आ सकता है और किसी बड़ी घटना को अंजाम भी दे सकता है. हालांकि आलमबाग बस स्टेशन पर भी जो स्कैनर लगा है वह काफी दिनों से खराब है और अधिकारी इस पर कुछ भी बोल भी नहीं रहे हैं. उनका कहना है कि आलमबाग बस स्टेशन प्राइवेट ऑपरेटर्स के हाथ में है, इसके लिए पत्राचार किया गया है.

घटनाओं पर लगा है अंकुश
कैसरबाग बस स्टेशन के एआरएम ने बताया कि चोरी और अपराध की घटनाओं पर लगातार अंकुश लगा है. यहां पर घटनाओं में काफी कमी आई है. यहां पर जो भी छोटी-मोटी घटनाएं होती हैं वह सिर्फ इंडिविजुअल लापरवाही की वजह से हो रही हैं. यहां पर कुल 36 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें चार ड्रोन कैमरे हैं, साथ ही 10 गार्डों की तैनाती की गई है. जो हरपल यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रखते हैं. यहां पर पुलिस चौकी भी स्थापित है. लगातार पुलिस यहां पर गश्त करती रहती है और कैमरों से मॉनिटरिंग भी की जाती है.

Last Updated : Nov 13, 2020, 8:20 PM IST
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