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Helpline 1912 : समस्या के समाधान से पहले बिजली उपभोक्ताओं के पास पहुंच रहा यह मैसेज, आ रहीं शिकायतें - 1912 हेल्पलाइन

प्रदेश सरकार बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर काफी प्रयास कर रही है. राजधानी समेत कई जिलों में भीषण गर्मी के चलते बिजली समस्या का सामना लोगों को करना पड़ रहा था.

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Published : Jun 22, 2023, 8:54 AM IST

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की रिपोर्ट

लखनऊ : उपभोक्ताओं की सहायता के लिए स्थापित की गई 1912 हेल्पलाइन पूरी तरह से हेल्पलेस साबित हो रही है. समस्या का समाधान होने से पहले हल होने का मैसेज पहुंचने की दिक्कत आ रही है. उपभोक्ता बिजली कटौती से संबंधित जानकारी के लिए 1912 पर फोन करता है इसके लिए कंप्लेंट नंबर मिल जाता है. जानकारी दी जाती है कि कितने बजे तक बिजली आपूर्ति बहाल हो जाएगी, लेकिन आपूर्ति ध्वस्त ही रहती है पर ऑटोमेटिक मैसेज उपभोक्ता के पास समस्या के समाधान का पहुंच जाता है. 1912 हेल्पलाइन के ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा

लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में इन दिनों बिजली के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है. प्रचंड गर्मी में उपभोक्ता बिजली कटौती से परेशान हैं. पसीने से तरबतर हो रहे हैं. कटी हुई बिजली की वापसी कब होगी इसके लिए विभाग की तरफ से स्थापित की गई 1912 हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं, लेकिन यहां से उन्हें सही जानकारी तक नहीं मिलती. उपभोक्ता समस्या के समाधान के लिए हेल्पलाइन पर फोन मिलाते हैं, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी रहती है. हां पेपरों पर समाधान जरूर हो जाता है. उपभोक्ता के मोबाइल पर समस्या से संबंधित समाधान का auto-generated मैसेज पहुंच जाता है. सूत्रों के मुताबिक, मध्यांचल कस्टमर केयर हेल्पलाइन पर हर रोज हजारों शिकायतें आती हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर शिकायतों का समाधान इसी तरह से किया जाता है. समस्या हल नहीं होती है, लेकिन समाधान का मैसेज उपभोक्ता के मोबाइल पर पहुंच जाता है. हर रोज कस्टमर केयर पर 10 हजार से लेकर 20 हजार तक शिकायतें दर्ज हो रही हैं, लेकिन असल निपटारा बहुत कम शिकायतों का होता है बाकी इसी तरह से निपटा दी जाती हैं.

मैसेज
मैसेज

दो घंटे के अंदर समस्या समाधान का आ जाता है मैसेज : उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि 'मध्यांचल कस्टमर केयर पर कोई भी उपभोक्ता बिजली से संबंधित किसी तरह की शिकायत दर्ज करता है खासकर बिजली संकट को लेकर तो दो घंटे तक अगर समस्या का समाधान नहीं भी होता है तब भी उपभोक्ता के पास समाधान का मैसेज पहुंच जाता है. समस्या चाहे बिजली कटौती की हो, स्मार्ट मीटर की हो या फिर किसी अन्य तरह की, लेकिन समाधान के बिना ही मैसेज जरूर पहुंचता है.'


बिजली उपकेंद्र (फाइल फोटो)
बिजली उपकेंद्र (फाइल फोटो)

इस बारे में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'शिकायतों के मामले में कस्टमर केयर की कारगुजारियां लगातार सामने आ रही हैं. उपभोक्ता की समस्या का समाधान होने का मैसेज उनके पास पहुंच जाता है. इससे उपभोक्ताओं को परेशानी तो दूर नहीं होती है, अपना पल्ला जरूर झाड़ लेते हैं. यह बिल्कुल भी नहीं चलेगा. मैं उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाता हूं कि उनकी हर समस्या का समाधान कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें : लापरवाही के आरोप में मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता को चार्जशीट

यह भी पढ़ें : आंदोलन के दौरान निलंबित और बर्खास्त संविदाकर्मियों को बहाल करने की मांग

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की रिपोर्ट

लखनऊ : उपभोक्ताओं की सहायता के लिए स्थापित की गई 1912 हेल्पलाइन पूरी तरह से हेल्पलेस साबित हो रही है. समस्या का समाधान होने से पहले हल होने का मैसेज पहुंचने की दिक्कत आ रही है. उपभोक्ता बिजली कटौती से संबंधित जानकारी के लिए 1912 पर फोन करता है इसके लिए कंप्लेंट नंबर मिल जाता है. जानकारी दी जाती है कि कितने बजे तक बिजली आपूर्ति बहाल हो जाएगी, लेकिन आपूर्ति ध्वस्त ही रहती है पर ऑटोमेटिक मैसेज उपभोक्ता के पास समस्या के समाधान का पहुंच जाता है. 1912 हेल्पलाइन के ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा

लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में इन दिनों बिजली के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है. प्रचंड गर्मी में उपभोक्ता बिजली कटौती से परेशान हैं. पसीने से तरबतर हो रहे हैं. कटी हुई बिजली की वापसी कब होगी इसके लिए विभाग की तरफ से स्थापित की गई 1912 हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं, लेकिन यहां से उन्हें सही जानकारी तक नहीं मिलती. उपभोक्ता समस्या के समाधान के लिए हेल्पलाइन पर फोन मिलाते हैं, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी रहती है. हां पेपरों पर समाधान जरूर हो जाता है. उपभोक्ता के मोबाइल पर समस्या से संबंधित समाधान का auto-generated मैसेज पहुंच जाता है. सूत्रों के मुताबिक, मध्यांचल कस्टमर केयर हेल्पलाइन पर हर रोज हजारों शिकायतें आती हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर शिकायतों का समाधान इसी तरह से किया जाता है. समस्या हल नहीं होती है, लेकिन समाधान का मैसेज उपभोक्ता के मोबाइल पर पहुंच जाता है. हर रोज कस्टमर केयर पर 10 हजार से लेकर 20 हजार तक शिकायतें दर्ज हो रही हैं, लेकिन असल निपटारा बहुत कम शिकायतों का होता है बाकी इसी तरह से निपटा दी जाती हैं.

मैसेज
मैसेज

दो घंटे के अंदर समस्या समाधान का आ जाता है मैसेज : उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि 'मध्यांचल कस्टमर केयर पर कोई भी उपभोक्ता बिजली से संबंधित किसी तरह की शिकायत दर्ज करता है खासकर बिजली संकट को लेकर तो दो घंटे तक अगर समस्या का समाधान नहीं भी होता है तब भी उपभोक्ता के पास समाधान का मैसेज पहुंच जाता है. समस्या चाहे बिजली कटौती की हो, स्मार्ट मीटर की हो या फिर किसी अन्य तरह की, लेकिन समाधान के बिना ही मैसेज जरूर पहुंचता है.'


बिजली उपकेंद्र (फाइल फोटो)
बिजली उपकेंद्र (फाइल फोटो)

इस बारे में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'शिकायतों के मामले में कस्टमर केयर की कारगुजारियां लगातार सामने आ रही हैं. उपभोक्ता की समस्या का समाधान होने का मैसेज उनके पास पहुंच जाता है. इससे उपभोक्ताओं को परेशानी तो दूर नहीं होती है, अपना पल्ला जरूर झाड़ लेते हैं. यह बिल्कुल भी नहीं चलेगा. मैं उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाता हूं कि उनकी हर समस्या का समाधान कराया जाएगा.

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