मेरठ : जिले के किठौर में बंद पड़ी एक फैक्ट्री में बने पानी के हौज से 10 से अधिक बंदरों के शव बरामद हुए हैं. स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस ने बंदरों के शव निकालकर उनका अंतिम संस्कार कराया है. खबर मेरठ के कस्बा किठौर से है. कस्बे के भारत धर्मकांटा परिसर स्थित वर्षों से बंद पड़े एक बर्फखाने की काफी गहरी हौज थी. उस हौज में दस से अधिक बंदरों के शव पड़े मिले हैं. स्थानीय लोगों को जब बदबू आने लगी तो उन्होंने कोई शव पड़ा होने का शक जाहिर करते हुए पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद पुलिस ने उस बंद फैक्ट्री के मालिक से सम्पर्क साधने की कोशिश की. ज़ब अंदर जाकर देखा गया तो वहां एक हौज में बंदरों के शव पड़े हुए थे, जिसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में नगर पंचायत और वन विभाग को भी सूचित किया, जिसके बाद पुलिस की मदद से शव बाहर निकाले गए.
इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह ने बताया कि 'जेसीबी की मदद से गड्ढा खुदवाया गया और पशु चिकित्सकों की टीम ने उनका पोस्टमार्टम किया. उसके बाद पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार कराया. बड़ी संख्या में हुई बंदरों की मौत के मामले में बंद फैक्ट्री मालिक की लापरवाही उजागर हुई है. बता दें कि फैक्ट्री रामकिशन बंसल ने काफी समय पूर्व में मेरठ-गढ़ रोड पर बर्फखाना लगाया था, जो कि लगभग 15 वर्ष से बंद पड़ा है. उसके बाद परिसर में भारत धर्मकांटा लगा लिया था. पुलिस के मुताबिक, इस दौरान फैक्ट्री मालिक ने बर्फखाने की हौज को नहीं ढका, जबकि दो वर्ष से धर्मकांटा भी बंद है.'
इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह ने बताया कि 'स्थानीय लोगों ने हालांकि सूचना सोमवार को ही दी थी, जबकि पूछताछ में लोगों ने बताया कि लगभग बीस दिन से आसपास के लोगों को बर्फखाने दुर्गंध आ रही थी. जब सूचना दी तो पुलिस ने पड़ताल की थी. वहीं इस घटना के बाद पुलिस ने वन विभाग के अधिकारियों से घटना की तहरीर देने को कहा है. वहीं किठौर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी जयवीर शर्मा का कहना है कि 'नगर पंचायत, जनता द्वारा दिए प्रार्थना पत्र के आधार पर बंदर और कुत्तों को पकड़वा तो सकती है, लेकिन इस तरह की घटना में नगर पंचायत को तहरीर देने का प्रावधान नहीं है.'
इंस्पेक्टर ऋषिपाल का कहना है कि 'पुलिस द्वारा बंदरों का अंतिम संस्कार करा दिया गया है. घटना की तहरीर नहीं मिली है. अगर किसी तरह की कोई भी शिकायत की जाएगी तो वे वैधानिक कार्रवाई अवश्य करेंगे. इस बारे में डीएफओ राजेश कुमार से भी सम्पर्क साधा गया, लेकिन उनका फ़ोन नहीं मिला, वहीं इस मामले में एनीमल केयर सोसायटी के सचिव अंशुमाली वशिष्ठ ने कहा कि यह घोर लापरवाही है, जो भी दोषी हैं उन पर कार्रवाई के लिए वह आवाज उठाएंगे.'