लखनऊः राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन में भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों के बीच विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ मामला अब लोकायुक्त के यहां तक पहुंच गया है. लखनऊ के संजय श्रीवास्तव ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त से जांच कराने के लिए शिकायत की है. शिकायत के साथ भ्रष्टाचार को लेकर साक्ष्य भी लोकायुक्त संगठन को दिए गए हैं.
शिकायत में संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि विभाग में सोसायटी पंजीकरण नहीं कराए जाने, बिना एस्टीमेट के टेंडर वेंडर तय होने और कई अन्य राज्यों की तुलना में अधिक दरों पर टीपीआई का काम करने से जल शक्ति मिशन को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. विभाग की गाइडलाइन, शासनादेशों को दरकिनार करते हुए मनमाने ढंग से कंपनियों को लाभ पहुंचाकर जलशक्ति मिशन के अधिकारियों ने अनियमितता की है. शिकायतकर्ता संजय श्रीवास्तव ने भ्रष्टाचार को लेकर लिखित रूप से शिकायत के साथ शपथ पत्र भी दिए हैं. जिनमें राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत नहीं कराए जाने और आरटीआई से मिले जवाबों को संलग्न किया गया है. जिसमें साफ तौर पर राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को रजिस्ट्रार चिट्स फंड एंड सोसायटी ने अपने अभिलेख में सोसायटी के रूप में दर्ज नहीं होने की बात कही है.
शिकायत में विभाग के कई अधिषाशी अभियंता के उन पत्रों का हवाला देकर ये कहा गया है कि कैसे जल निगम की स्वीकृत दरों से 30 से 40 फीसद की ज्यादा दरों पर कंपनियां उनसे एस्टीमेट बनाने का दबाव डाल रही हैं. इससे प्रतीत होता है कि अधिषाशी अभियंता की एग्रीमेंट करने की सीमा 1 करोड़ तक ही है, जबकि योजनाओं का एस्टीमेट 2 करोड़ से अधिक का बना है. इसके अलावा कई अन्य साक्ष्य लगाकर भ्रष्टाचार होने की बात करते हुए लोकायुक्त से प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की जांच कराने की मांग की गई है.