लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बिजली की दरों में 12% की बढ़ोतरी को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी को वापस लिया जाना चाहिए. साथ ही कार्यकर्ताओं ने मोटर वाहन अधिनियम को लेकर चालान किए जाने का भी विरोध जताया. उन्होंने इसे मनमानी वसूली का साधन बताते हुए इसे वापस लिए जाने की मांग की.
जौनपुर
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष अमरनाथ यादव के नेतृत्व में पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. संगठन के लोगों का कहना है कि जनपद में सिंचाई करने के लिए शारदा सहायक खंड 39 नहर का पानी छोड़ा जाए. इसे 15-15 दिनों के लिए रोस्टर पर चलाया जाए. किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए ब्लॉक स्तर पर किसान भवन का निर्माण कराया जाए, जिससे समस्या ब्लॉक स्तर पर सुनी जा सके.
भाकियू के जिलाध्यक्ष अमरनाथ यादव ने बताया कि हम पांच सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी मांग है कि सरकार द्वारा बिजली बिल में 12 प्रतिशत वृद्धि दर को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. किसानों से 3000 प्रति धान कुंटल खरीदा जाए. बारिश कम होने से नहरें सूखी हुई हैं, जिसके लिए शारदा सहायक नहर का पानी छोड़ा जाए.
सोनभद्र
भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के राज्यव्यापी आह्वाहन पर जिला सचिव आरके शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. इनकी मांगों में बिजली की दरों में हुई वृद्धि, डीजल पेट्रोल के दामों में वृद्धि, नए मोटर वाहन अधिनियम का परिवर्तन शामिल थीं. सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौपा जाएगा.
सीपीआई के जिला सचिव ने कहा कि यूपी में जबसे योगी सरकार आई है तबसे दो बार बिजली के दरों में बेतहासा वृद्धि की गई है, जिसे वापस लिया जाय. साथ ही उन्होंने नए मोटर वाहन अधिनियम को वापस लिए जाने और चालान के नाम पर जनता से लूट का धंधा बन्द किए जाने की मांग की. वही केंद्र सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के बढ़ रहे दामों पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
बांदा
बांदा जिले में बिजली, डीजल और पेट्रोल के बढ़े दामों के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि बिजली, डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों को कम किया जाए.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिलाध्यक्ष रामचंद्र शरद ने बताया कि बिजली के बढ़े दामों से यहां के लोग बहुत परेशान हैं. एक तरफ जहां दिल्ली सरकार बिजली खरीदकर भी उनकी दरों में कमी किए हुए हैं, वहीं यूपी में बिजली बनने के बावजूद यहां की बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि डीजल और पेट्रोल के बढ़े दामों से किसानों के साथ-साथ आम लोग भी परेशान हैं, इसलिए इनके दामों को कम किया जाना चाहिए.