लखनऊः राजधानी के अस्पतालों में बच्चों के लिए सभी प्रकार के सामान्य टीकाकरण अभियान की फिर से शुरुआत हो गई है. बच्चे के पैदा होने के बाद उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकारी अस्पतालों में ये टीके मुफ्त लगाये जाते हैं. बता दें कि कोरोना महामारी के चलते बच्चों के सामान्य टीकाकरण की प्रक्रिया रुक गई थी. इन टीकों में बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी और ओरल पोलियो ड्रॉप समेत कई अन्य टीके शामिल हैं.
हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई और अवंतीबाई समेत कुल 3 अस्पतालों में बच्चों के सामान्य टीके लगाए जा रहे हैं. झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ रंजना खरे ने बताया कि कोरोना वायरस को दो साल से अधिक का समय हो गया है. इससे सिर्फ 4 महीने अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण हुए हैं. इनमें 2021 के जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल शामिल हैं. जबकि, अप्रैल के शुरुआत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेज हुई, जिसके बाद ओपीडी के साथ सामान्य बीमारियों के टीकाकरण भी बंद हो गये.
सीएमएस डॉ रंजना खरे ने बताया कि नवजात शिशुओं के लिए 1 साल तक जो टीकाकरण होते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है. फिर चाहे वह बीसीजी का हो या फिर पोलियो ड्रॉप. रोजाना सामान्य दिनों में लगभग 40 से 50 बच्चों का टीकाकरण होता है. साल 2022 में जनवरी में कुछ दिन टीकाकरण लगा लेकिन फिर बंद हो गया. फरवरी में अब बच्चों के सामान्य टीकाकरण लगाया जा रहा है. माता-पिता हर महीने लगने वाले टीका बच्चे को आवश्य लगवाएं.
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डफरिन और क्वीन मैरी अस्पताल में टीकाकरण
गोलागंज स्थित डफरिन अस्पताल में भी टीकाकरण शुरू कर दिया गया है, पूरी तैयारियों के बाद बीते सप्ताह से टीके लगाए जा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए फिलहाल एक दिन में केवल 20 बच्चों के ही टीके लग रहे हैं. अभिभावकों को अपने बच्चे के टीका लगवाने के लिये पर्चा बनवाना होगा. प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जायेगा. वहीं, क्वीन मैरी महिला अस्पताल में बच्चों का सामान्य टीकाकरण चल रहा है. रोजाना 50 नवजात बच्चों को सामान्य टीकाकरण लगाया जा रहे हैं. कोरोना काल में बच्चों के सामान्य टीकाकरण पर रोक लग गई थी. स्वास्थ्य विभाग ने अब सभी अस्पतालों में बच्चों के सामान्य टीकाकरण का आदेश दिया है. ऐसे में बच्चों का टीकाकरण जरूर लगवाएं. ताकि बच्चे को भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके.
बच्चों के जरूरी टीके
- जन्म पर: बीसीजी, ओपीवी-0, हेपेटाइटिस-बी
- 6 हफ्ते या सवा महीने: ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावेलेंट-1
- 10 हफ्ते या सवा दो महीने : ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2
- 14 हफ्ते या सवा तीन महीने: ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3
- 9 महीने : एमसीवी-1, विटामिन-ए
- 16-24 महीने : डीपीटी-बी, ओपीवी-बी, एमसीवी-2, विटामिन-ए
- 5-6 साल : डीपीटी-बी 2
- 10 साल : टीटी
- 16 साल : टीटी-1 व टीटी
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