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शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए लविवि ने शुरू की कवायद, एक सामान्य होगी समय सारिणी

लविवि अपने सभी संबद्ध डिग्री कॉलेजों में हो रही पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारने (LU and colleges to improve quality of education) के लिए ठोस कदम उठाने जा रहा है. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय सत्र 2022-23 से डिग्री कॉलेजों व विश्वविद्यालय की पढ़ाई के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए एक समय सारणी निर्धारित करने जा रहा है.

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Published : Nov 10, 2022, 7:11 PM IST

लखनऊ : लविवि अपने सभी संबद्ध डिग्री कॉलेजों में हो रही पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारने (LU and colleges to improve quality of education) के लिए ठोस कदम उठाने जा रहा है. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय सत्र 2022-23 से डिग्री कॉलेजों व विश्वविद्यालय की पढ़ाई के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए एक समय सारणी निर्धारित करने जा रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से सभी डिग्री कॉलेजों से उनके यहां पढ़ाए जा रहे विषयों की समय सारणी मांगी है.


विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से पांचों जिलों के डिग्री कॉलेजों को अपने-अपने यहां संचालित विषयों का समय सारणी विश्वविद्यालय के कुलसचिव के ई-मेल पर भेजने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय अपने एकेडमिक सत्र को व्यवस्थित करने की तैयारी कर रहा है. यह पहला मौका होगा जब विश्वविद्यालय सभी चार जुड़े नए जिलों में एक साथ सत्र का संचालन शुरू करने जा रहा. ऐसे में इन जिलों में भी पढ़ाई एकेडमिक सत्र के अनुरूप हो इसके लिए कॉलेजों के समय सारणी की निगरानी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किया जाएगा.

जारी पत्र
जारी पत्र

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासन ने लखनऊ विश्वविद्यालय का दायरा लखनऊ सहित रायबरेली, लखीमपुर, सीतापुर व हरदोई तक बढ़ा दिया है. ऐसे में अब लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेजों की संख्या 545 के करीब पहुंच गई है. इन सभी डिग्री कॉलेजों में यूनिवर्सिटी के सत्र के अनुसार पढ़ाई हो इसके लिए इन कॉलेजों की समय सारणी की निगरानी करना जरूरी है, ताकि परीक्षा के समय बच्चों को कोर्स अधूरा होने या सत्र सही से ना संचालित होने जैसी समस्याओं का सामना ना करना पड़े. डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यह पहला मौका होगा, जब स्टेट की कोई यूनिवर्सिटी अपने सभी डिग्री कॉलेजों के समय सारणी की निगरानी करेगा.

लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह देखने में आया है कि लखनऊ के बाहर के जिलों के सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया अपने मन मुताबिक चलाते हैं. उनके यहां विश्वविद्यालय से शैक्षणिक सत्र की समय सारणी को फॉलो नहीं किया जाता है. ऐसे में जब विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा शुरू कराता है तो यहां पर सत्र लेट से शुरू होने व कोर्स पूरा ना होने की शिकायतें मिलती हैं. जिसे दूर करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कार्रवाई शुरू की है. डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कॉलेजों से समय सारणी मिलने के बाद कुलपति खुद इन कॉलेजों में जाकर तय समय सारणी के अनुसार पढ़ाई हो रही है या नहीं इसकी जांच करेंगे. इसके अलावा डीन कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी द्वारा इन कॉलेजों के समय सारणी और शैक्षणिक गुणवत्ता की जांच के लिए एक टीम बनाने को कहा गया है.

यह भी पढ़ें : बीएचयू सेंट्रल ऑफिस पर छात्रों का धरना, परिक्षा में बैठने की कर रहे मांग

लखनऊ : लविवि अपने सभी संबद्ध डिग्री कॉलेजों में हो रही पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारने (LU and colleges to improve quality of education) के लिए ठोस कदम उठाने जा रहा है. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय सत्र 2022-23 से डिग्री कॉलेजों व विश्वविद्यालय की पढ़ाई के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए एक समय सारणी निर्धारित करने जा रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से सभी डिग्री कॉलेजों से उनके यहां पढ़ाए जा रहे विषयों की समय सारणी मांगी है.


विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से पांचों जिलों के डिग्री कॉलेजों को अपने-अपने यहां संचालित विषयों का समय सारणी विश्वविद्यालय के कुलसचिव के ई-मेल पर भेजने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय अपने एकेडमिक सत्र को व्यवस्थित करने की तैयारी कर रहा है. यह पहला मौका होगा जब विश्वविद्यालय सभी चार जुड़े नए जिलों में एक साथ सत्र का संचालन शुरू करने जा रहा. ऐसे में इन जिलों में भी पढ़ाई एकेडमिक सत्र के अनुरूप हो इसके लिए कॉलेजों के समय सारणी की निगरानी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किया जाएगा.

जारी पत्र
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लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासन ने लखनऊ विश्वविद्यालय का दायरा लखनऊ सहित रायबरेली, लखीमपुर, सीतापुर व हरदोई तक बढ़ा दिया है. ऐसे में अब लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेजों की संख्या 545 के करीब पहुंच गई है. इन सभी डिग्री कॉलेजों में यूनिवर्सिटी के सत्र के अनुसार पढ़ाई हो इसके लिए इन कॉलेजों की समय सारणी की निगरानी करना जरूरी है, ताकि परीक्षा के समय बच्चों को कोर्स अधूरा होने या सत्र सही से ना संचालित होने जैसी समस्याओं का सामना ना करना पड़े. डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यह पहला मौका होगा, जब स्टेट की कोई यूनिवर्सिटी अपने सभी डिग्री कॉलेजों के समय सारणी की निगरानी करेगा.

लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह देखने में आया है कि लखनऊ के बाहर के जिलों के सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया अपने मन मुताबिक चलाते हैं. उनके यहां विश्वविद्यालय से शैक्षणिक सत्र की समय सारणी को फॉलो नहीं किया जाता है. ऐसे में जब विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा शुरू कराता है तो यहां पर सत्र लेट से शुरू होने व कोर्स पूरा ना होने की शिकायतें मिलती हैं. जिसे दूर करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कार्रवाई शुरू की है. डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कॉलेजों से समय सारणी मिलने के बाद कुलपति खुद इन कॉलेजों में जाकर तय समय सारणी के अनुसार पढ़ाई हो रही है या नहीं इसकी जांच करेंगे. इसके अलावा डीन कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी द्वारा इन कॉलेजों के समय सारणी और शैक्षणिक गुणवत्ता की जांच के लिए एक टीम बनाने को कहा गया है.

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