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यूपी के कॉलेजो की रैंकिंग के लिए कमेटी तैयार, यह होंगे मानक

एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की तर्ज पर अब यूपी के कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी. इसके लिए एलयू वीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है. इस कमेटी ने अपना ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. यह कमेटी अपने पैरामीटर्स पर प्रदेश के कॉलेजों का मूल्यांकन करके रैंक देगी.

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Published : Apr 11, 2022, 1:06 PM IST

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यूपी के कालेजो की रैंकिंग के लिए कमेटी तैयार

लखनऊ: एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की तर्ज पर अब यूपी के कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी. इसके लिए एलयू वीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है. इस कमेटी ने अपना ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. यह कमेटी अपने पैरामीटर्स पर प्रदेश के कॉलेजों का मूल्यांकन करके रैंक देगी. लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी एके राय ने बताया कि पहले से ही इस पर विचार चल रहा था, लेकिन कोरोना काल में अधिक सक्रियता न होने के कारण यह पूरा नहीं हो सका. अब इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही एनआईआरएफ (National Institutional Ranking Framework) के पैरामीटर के आधार पर प्रदेश स्तर पर सभी यूनिवर्सिटी, डिग्री कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्रोफेशनल कॉलेजों को रैंकिंग दी जाएगी.

कुलपति एके राय ने बताया कि भारत में हर साल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (NIRF) देश की सभी टॉप यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों को उनके परफॉरमेंस के आधार पर रैंकिंग देने का काम करता है. इसमें देशभर की यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ अन्‍य सभी पैरामीटर को मापा जाता है. इस बार से प्रदेश स्तर पर भी कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी.

एनआईआरएफ व स्टेट रैकिंग के पैरामीटर्स सेम

एनआईआरएफ किसी भी संस्‍थान को रैंकिंग करने के लिए 5 पैरामीटर्स का इस्तेमाल करता है. इनमें टीचिंग एंड लर्निंग, पर्सेप्शन, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, आउटरीच एंड इंक्लुसीवीटी, ग्रेजुएशन आउटकम शामिल हैं. इन्हीं पांच पैरामीटर्स के आधार पर प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी, कॉलेज व प्रोफेशनल कॉलेजों को रैंकिंग दी जाएगी.

साल 2015 में हुई एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरुआत

एनआईआरएफ की शैक्षिणक संस्‍थानों को रैंकिंग देने की शुरुआत 29 सितंबर 2015 को तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने शुरू की थी. 4 अप्रैल 2016 को एनआईआरएफ ने रिसर्च के बाद कॉलेजों की पहली लिस्ट जारी की थी. तब से एचआरडी मंत्रालय ये रैंकिंग जारी करता है.

यह भी पढ़ें- महंगाई की मार से 1.86 करोड़ बच्चों की थाली हुई बेस्वाद, जानिए क्यों

एनआईआरएफ की तरफ से जो रैंकिंग जारी की जाती है, उसमें शैक्षिक संस्थानों को 11 कैटेगरी में रैंकिंग दी जाती है. इसमें यूनिवर्सिटीज, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर, रिसर्च और एआरआईआईए (नवाचार उपलब्धियों पर संस्थानों की अटल रैंकिंग) को शामिल किया जाता है. वहीं स्टेट रैंकिंग भी पूरी तरह से इसी पर आधारित है. अंतर सिर्फ इतना है कि यह सिर्फ प्रदेश की यूनिवर्सिटी और कॉलेज की रैंकिंग करेगा. इसमें भी 11 कैटेगरी में रैंकिंग दी जाएगी.

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लखनऊ: एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की तर्ज पर अब यूपी के कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी. इसके लिए एलयू वीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है. इस कमेटी ने अपना ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. यह कमेटी अपने पैरामीटर्स पर प्रदेश के कॉलेजों का मूल्यांकन करके रैंक देगी. लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी एके राय ने बताया कि पहले से ही इस पर विचार चल रहा था, लेकिन कोरोना काल में अधिक सक्रियता न होने के कारण यह पूरा नहीं हो सका. अब इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही एनआईआरएफ (National Institutional Ranking Framework) के पैरामीटर के आधार पर प्रदेश स्तर पर सभी यूनिवर्सिटी, डिग्री कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्रोफेशनल कॉलेजों को रैंकिंग दी जाएगी.

कुलपति एके राय ने बताया कि भारत में हर साल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (NIRF) देश की सभी टॉप यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों को उनके परफॉरमेंस के आधार पर रैंकिंग देने का काम करता है. इसमें देशभर की यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ अन्‍य सभी पैरामीटर को मापा जाता है. इस बार से प्रदेश स्तर पर भी कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी.

एनआईआरएफ व स्टेट रैकिंग के पैरामीटर्स सेम

एनआईआरएफ किसी भी संस्‍थान को रैंकिंग करने के लिए 5 पैरामीटर्स का इस्तेमाल करता है. इनमें टीचिंग एंड लर्निंग, पर्सेप्शन, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, आउटरीच एंड इंक्लुसीवीटी, ग्रेजुएशन आउटकम शामिल हैं. इन्हीं पांच पैरामीटर्स के आधार पर प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी, कॉलेज व प्रोफेशनल कॉलेजों को रैंकिंग दी जाएगी.

साल 2015 में हुई एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरुआत

एनआईआरएफ की शैक्षिणक संस्‍थानों को रैंकिंग देने की शुरुआत 29 सितंबर 2015 को तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने शुरू की थी. 4 अप्रैल 2016 को एनआईआरएफ ने रिसर्च के बाद कॉलेजों की पहली लिस्ट जारी की थी. तब से एचआरडी मंत्रालय ये रैंकिंग जारी करता है.

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एनआईआरएफ की तरफ से जो रैंकिंग जारी की जाती है, उसमें शैक्षिक संस्थानों को 11 कैटेगरी में रैंकिंग दी जाती है. इसमें यूनिवर्सिटीज, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर, रिसर्च और एआरआईआईए (नवाचार उपलब्धियों पर संस्थानों की अटल रैंकिंग) को शामिल किया जाता है. वहीं स्टेट रैंकिंग भी पूरी तरह से इसी पर आधारित है. अंतर सिर्फ इतना है कि यह सिर्फ प्रदेश की यूनिवर्सिटी और कॉलेज की रैंकिंग करेगा. इसमें भी 11 कैटेगरी में रैंकिंग दी जाएगी.

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