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बैंकों की ब्रांच में कोई आवेदन पत्र न रहे लंबित: मंडलायुक्त - लखनऊ खबर

राजधानी लखनऊ में मंगलवार को रोजगार ऋण योजना में बैंकों में लंबित प्रकरणों के संबंध में बैंकर्स के साथ बैठक का आयोजन किया गया. बैठक का आयोजन मंडल आयुक्त कार्यालय सभागार में मंडलायुक्त रंजन कुमार की अध्यक्षता में किया गया. इस बैठक में संयुक्त आयुक्त उद्योग पवन अग्रवाल सहित बैंकों के स्टेट बैंक जोनल समन्वयक उपस्थित रहे.

मंडल आयुक्त कार्यालय
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Published : Mar 2, 2021, 8:51 PM IST

लखनऊ : राजधानी में मंगलवार को मंडल आयुक्त कार्यालय सभागार में बैंकर्स के साथ बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त रंजन कुमार ने किया. बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि जनपदों के बैंकों की ब्रांच में लंबित आवेदन पत्रों का एक सप्ताह में शत-प्रतिशत निस्तारण किया जाय. उन्होंने कहा कि यदि आवेदन पत्र स्वीकृत करने योग्य हैं तो उसको स्वीकृत करें अथवा कारणों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए आवेदन पत्र को निरस्त करें. लेकिन, किसी भी जनपद के किसी भी ब्रांच में कोई आवेदन पत्र लंबित न रहे.

'ज्यादा संख्या में आवेदन पत्र हैं लंबित'

बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि मंडल के जनपदों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना में बैंक की शाखाओं में काफी ज्यादा संख्या में आवेदन पत्र काफी लंबे समय से लंबित हैं. बिना किसी कारण के व कुछ आवेदन पत्र स्वीकृत हो जाने के पश्चात भी धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे रोजगार करने के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया उनको आर्थिक नुकसान हुआ और वह लोग समय से अपना रोजगार प्रारंभ नहीं कर पाए.

मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बैंकर्स के साथ की बैठक.
मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बैंकर्स के साथ की बैठक.

'ऋण न मिलने से आवेदनकर्ता का समय हो रहा बर्बाद'
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की मंशा है कि कैसे हम समाज के निर्धन व कमजोर व्यक्ति की मदद कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएं. उनको आगे बढ़ाएं, उसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने अनेक प्रकार की योजनाएं बनाई हैं. लेकिन, यदि आवेदनकर्ता को समय से रोजगार करने के लिए बैंक से ऋण नहीं मिलता है तो उसका समय बर्बाद होता है व आर्थिक क्षति भी होती है.
'जिम्मेदारों के खिलाफ की जाए कार्रवाई'


उन्होंने कहा कि जनपदों के बैंक की ब्रांचों में अधिक संख्या में आवेदन पत्रों का लंबित होना व समय से निस्तारण न होना यह दर्शाता है कि सिस्टम में कहीं न कहीं कोई कमी है. जिसके लिए आवश्यक है कि बैंकों में उच्च स्तर से जनपदवार व ब्रांचवार की प्रभावी समीक्षा की जाए. जिस स्तर पर बिना कारण प्रकरण लंबित होता है उसकी जिम्मेदारी तय करते हुए उस पर विधिक कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि बैंक की कार्य प्रणाली को सरल व आसान बनाने के लिए उच्च स्तर से दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएं.

लखनऊ : राजधानी में मंगलवार को मंडल आयुक्त कार्यालय सभागार में बैंकर्स के साथ बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त रंजन कुमार ने किया. बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि जनपदों के बैंकों की ब्रांच में लंबित आवेदन पत्रों का एक सप्ताह में शत-प्रतिशत निस्तारण किया जाय. उन्होंने कहा कि यदि आवेदन पत्र स्वीकृत करने योग्य हैं तो उसको स्वीकृत करें अथवा कारणों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए आवेदन पत्र को निरस्त करें. लेकिन, किसी भी जनपद के किसी भी ब्रांच में कोई आवेदन पत्र लंबित न रहे.

'ज्यादा संख्या में आवेदन पत्र हैं लंबित'

बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि मंडल के जनपदों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना में बैंक की शाखाओं में काफी ज्यादा संख्या में आवेदन पत्र काफी लंबे समय से लंबित हैं. बिना किसी कारण के व कुछ आवेदन पत्र स्वीकृत हो जाने के पश्चात भी धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे रोजगार करने के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया उनको आर्थिक नुकसान हुआ और वह लोग समय से अपना रोजगार प्रारंभ नहीं कर पाए.

मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बैंकर्स के साथ की बैठक.
मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बैंकर्स के साथ की बैठक.

'ऋण न मिलने से आवेदनकर्ता का समय हो रहा बर्बाद'
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की मंशा है कि कैसे हम समाज के निर्धन व कमजोर व्यक्ति की मदद कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएं. उनको आगे बढ़ाएं, उसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने अनेक प्रकार की योजनाएं बनाई हैं. लेकिन, यदि आवेदनकर्ता को समय से रोजगार करने के लिए बैंक से ऋण नहीं मिलता है तो उसका समय बर्बाद होता है व आर्थिक क्षति भी होती है.
'जिम्मेदारों के खिलाफ की जाए कार्रवाई'


उन्होंने कहा कि जनपदों के बैंक की ब्रांचों में अधिक संख्या में आवेदन पत्रों का लंबित होना व समय से निस्तारण न होना यह दर्शाता है कि सिस्टम में कहीं न कहीं कोई कमी है. जिसके लिए आवश्यक है कि बैंकों में उच्च स्तर से जनपदवार व ब्रांचवार की प्रभावी समीक्षा की जाए. जिस स्तर पर बिना कारण प्रकरण लंबित होता है उसकी जिम्मेदारी तय करते हुए उस पर विधिक कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि बैंक की कार्य प्रणाली को सरल व आसान बनाने के लिए उच्च स्तर से दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएं.

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