लखनऊ: शहर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लगी इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी में कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार छोड़ ई-बाइक चलाकर इसका लुत्फ उठाया और इसकी खूबियों और बारीकियों को समझा. वहीं, इस ई-बाइक को जल्द से जल्द शहरवासियों को उपलब्ध कराने की बात कही.
लखनऊ: कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने कार छोड़ ई-बाइक का उठाया लुत्फ
यूपी की राजधानी लखनऊ में कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार छोड़ ई-बाइक चलाकर इसका लुत्फ उठाया और इसकी खूबियों को समझा.
कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने चलाई ई-बाइक
लखनऊ: शहर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लगी इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी में कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार छोड़ ई-बाइक चलाकर इसका लुत्फ उठाया और इसकी खूबियों और बारीकियों को समझा. वहीं, इस ई-बाइक को जल्द से जल्द शहरवासियों को उपलब्ध कराने की बात कही.
Intro:...जब अपनी कार से उतर ई-बाइक चलाने लगे कमिश्नर, 'ईटीवी भारत' से बोले पर्यावरण के लिए बेहतर
लखनऊ। आम हो या बेहद खास, इलेक्ट्रिक वाहन सभी को आ रहे हैं काफी रास। जी हां हम ये इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो वाहन अपनी तरफ आम आदमी को आकर्षित कर रहे हैं वही आकर्षक वाहन सीनियर आईएएस का भी ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं। दरअसल, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी लगी है और इस प्रदर्शनी में आम लोग आ रहे हैं तो काफी खास लोग भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। शनिवार को लखनऊ के कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम जब अपनी कार से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचे और जैसे ही उनकी नजर ई-बाइक पर पड़ी तो खुद को रोक नहीं सके। कार से उतरकर कमिश्नर सीधे ई-बाइक के पास जा पहुंचे और इसके बाद उन्होंने ई-बाइक चलाकर इसका लुत्फ भी उठाया। ई-बाइक चलाने के बाद कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत भी की।
Body:कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के परिसर के अंदर ई- बाइक से दो चक्कर लगाए और वे काफी खुश नजर आए। जब बैटरी बाइक चलाने के बाद वे ठहरे तो यहां पर उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधियों से इसकी खूबियों और बारीकियों को समझा। इसकी तकनीक के बारे में समझा। किस कंपनी की है और कहां बनती है इसकी भी जानकारी हासिल की। इतना ही नहीं कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम इस आकर्षक ई-बाइक के प्रति इतना आकर्षित हुए कि कई बार उन्होंने काफी ध्यान से देखा और समझा। कंपनी के प्रतिनिधि को उन्होंने खुद कहा कि जल्द से जल्द इसे शहरवासियों के लिए उपलब्ध कराएं। मेट्रो स्टेशन पर जब लोगों को ये ई- बाइक मिलेगी तो निश्चित तौर पर लोग इसे पसंद करेंगे।
Conclusion:इलेक्ट्रिक बाइक का लुत्फ उठाने के बाद कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम से 'ईटीवी भारत संवाददाता अखिल पांडेय' ने पूछा कि ई-बाइक चलाकर आपको कैसा लगा और क्या कहना चाहेंगे तो कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि इस समय बहुत ज्यादा तादाद में लोग मेट्रो यूज़ ही कर रहे हैं यहां पर। लखनऊ में इतना अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप हो चुका है। जहां घर से लेकर मेट्रो तक आने का अभी जो साधन है या तो रिक्शा या जो लोकल वेहिकल है वह यूज करें या फिर कोई छोड़ने के लिए आए या फिर अगर अपने साधन से आता है तो पार्किंग का इशू होता है। उसकी सेफ्टी सिक्योरिटी का इशू होता है। इस वजह से यह जो ई-बाइक है ये काफी अच्छी हैं। जो इन लोगों की रेजिडेंशियल कॉलोनीज होंगी, छोटी-छोटी पार्किंग अगर स्थापित की जाती हैं तो वहां से उठाकर के मेट्रो तक ले आएगा यहां पार्क कर दिया फिर अपने वर्किंग प्लेस पर चला गया वहां से लौटकर मेट्रो से उतरा फिर वापस इसको लेकर अपने घर के आस-पास जहां पार्क कर सकता वहां पार्क कर दी। इससे जो लास्ट माइल कनेक्टिविटी का कंसेप्ट जो है सिटी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को एक साथ मिलाकर के लोगों की सहूलियत पैदा की जाए, वह हो जाएगी। यह बहुत अच्छी ई-बाइक है।
प्रदूषण से भी मिलेगी निजात
ये ई बाइक है बिजली से चलने वाली इसलिए पॉल्युशन इससे घटेगा। जो लोग टू व्हीलर या फोर व्हीलर का इस्तेमाल करते हैं उसमें भी कमी आएगी, यह एक अच्छा इनिशिएटिव है। मजा आ गया।
अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
लखनऊ। आम हो या बेहद खास, इलेक्ट्रिक वाहन सभी को आ रहे हैं काफी रास। जी हां हम ये इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो वाहन अपनी तरफ आम आदमी को आकर्षित कर रहे हैं वही आकर्षक वाहन सीनियर आईएएस का भी ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं। दरअसल, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी लगी है और इस प्रदर्शनी में आम लोग आ रहे हैं तो काफी खास लोग भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। शनिवार को लखनऊ के कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम जब अपनी कार से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचे और जैसे ही उनकी नजर ई-बाइक पर पड़ी तो खुद को रोक नहीं सके। कार से उतरकर कमिश्नर सीधे ई-बाइक के पास जा पहुंचे और इसके बाद उन्होंने ई-बाइक चलाकर इसका लुत्फ भी उठाया। ई-बाइक चलाने के बाद कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत भी की।
Body:कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के परिसर के अंदर ई- बाइक से दो चक्कर लगाए और वे काफी खुश नजर आए। जब बैटरी बाइक चलाने के बाद वे ठहरे तो यहां पर उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधियों से इसकी खूबियों और बारीकियों को समझा। इसकी तकनीक के बारे में समझा। किस कंपनी की है और कहां बनती है इसकी भी जानकारी हासिल की। इतना ही नहीं कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम इस आकर्षक ई-बाइक के प्रति इतना आकर्षित हुए कि कई बार उन्होंने काफी ध्यान से देखा और समझा। कंपनी के प्रतिनिधि को उन्होंने खुद कहा कि जल्द से जल्द इसे शहरवासियों के लिए उपलब्ध कराएं। मेट्रो स्टेशन पर जब लोगों को ये ई- बाइक मिलेगी तो निश्चित तौर पर लोग इसे पसंद करेंगे।
Conclusion:इलेक्ट्रिक बाइक का लुत्फ उठाने के बाद कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम से 'ईटीवी भारत संवाददाता अखिल पांडेय' ने पूछा कि ई-बाइक चलाकर आपको कैसा लगा और क्या कहना चाहेंगे तो कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि इस समय बहुत ज्यादा तादाद में लोग मेट्रो यूज़ ही कर रहे हैं यहां पर। लखनऊ में इतना अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप हो चुका है। जहां घर से लेकर मेट्रो तक आने का अभी जो साधन है या तो रिक्शा या जो लोकल वेहिकल है वह यूज करें या फिर कोई छोड़ने के लिए आए या फिर अगर अपने साधन से आता है तो पार्किंग का इशू होता है। उसकी सेफ्टी सिक्योरिटी का इशू होता है। इस वजह से यह जो ई-बाइक है ये काफी अच्छी हैं। जो इन लोगों की रेजिडेंशियल कॉलोनीज होंगी, छोटी-छोटी पार्किंग अगर स्थापित की जाती हैं तो वहां से उठाकर के मेट्रो तक ले आएगा यहां पार्क कर दिया फिर अपने वर्किंग प्लेस पर चला गया वहां से लौटकर मेट्रो से उतरा फिर वापस इसको लेकर अपने घर के आस-पास जहां पार्क कर सकता वहां पार्क कर दी। इससे जो लास्ट माइल कनेक्टिविटी का कंसेप्ट जो है सिटी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को एक साथ मिलाकर के लोगों की सहूलियत पैदा की जाए, वह हो जाएगी। यह बहुत अच्छी ई-बाइक है।
प्रदूषण से भी मिलेगी निजात
ये ई बाइक है बिजली से चलने वाली इसलिए पॉल्युशन इससे घटेगा। जो लोग टू व्हीलर या फोर व्हीलर का इस्तेमाल करते हैं उसमें भी कमी आएगी, यह एक अच्छा इनिशिएटिव है। मजा आ गया।
अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096