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मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल मैदान में उतरीं तो अपर्णा बनेंगी बीजेपी कैंडिडेट ? - Mainpuri parliamentary seat

रामपुर और मैनपुरी में उपचुनाव कराए जाने के लिए आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अब दोनों सपा के गढ़ मानी जानी वाली इन सीटों पर जीत दर्ज करने को लेकर अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.

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Published : Nov 8, 2022, 5:59 PM IST

Updated : Nov 8, 2022, 10:48 PM IST

लखनऊः रामपुर और मैनपुरी में उपचुनाव(By-elections in Rampur and Mainpuri) कराए जाने के लिए आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अब दोनों सपा के गढ़ मानी जानी वाली इन सीटों पर जीत दर्ज करने को लेकर अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव के सामने जीत दर्ज करने के लिए चुनौती बड़ी है. भाजपा इन दोनों सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. ऐसे में अखिलेश के सामने उपचुनाव जीतना बड़ी चुनौती है.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद

दरअसल, रामपुर और मैनपुरी समाजवादी पार्टी के काफी लंबे समय से गढ़ रहे हैं और यहां पर समाजवादी पार्टी अपनी जीत दर्ज करती रही है. अब जब मुलायम सिंह यादव जीवित नहीं हैं, तो मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की संसदीय राजनीति की विरासत कौन संभालेगा, इसको लेकर तमाम तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. मैनपुरी में चुनाव लड़ने को लेकर शिवपाल सिंह यादव की तरफ से भी संकेत मिल रहे हैं.

समाजवादी पार्टी की तरफ से तेज प्रताप यादव को चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है. कुछ लोग डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतारने की बात अखिलेश यादव से कर रहे हैं. इसके अलावा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर सकती हैं. इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर तेजी से हो रही है. हालांकि इस पर बीजेपी की तरफ से अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं.

ऐसे में इन तमाम सियासी घटनाक्रम के चलते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मैनपुरी संसदीय सीट पर सियासत की साइकिल चलाना काफी मुश्किल लग रहा है. साइकिल का रास्ता रोकने के लिए उनके परिवार के लोग ही रोड़े अटका सकते हैं. ऐसे में अखिलेश यादव को अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए काफी कुछ संघर्ष करना पड़ सकता है. मैनपुरी संसदीय सीट 1996 से यादव परिवार के पास ही है.

वहीं, अगर बात रामपुर विधानसभा सीट की करें तो यह सीट भी समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है. रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान का दबदबा है. जब चुनाव हुए थे तो आजम खान विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन कोर्ट से 3 साल की सजा मिलने के बाद अब इस सीट पर भी उपचुनाव होना है. ऐसे में आजम खान को इस सीट पर सियासी विरासत किसे मिलेगी. यह भी देखने वाली बात होगी.

मैनपुरी व रामपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. इससे इन दोनों सीटों को समाजवादी पार्टी की झोली से खींचा जा सके. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मैनपुरी सीट पर मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को चुनाव मैदान में उतारने की पेशकश की जा रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी की तरफ से और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव मैदान में कौन होगा.

अखिलेश यादव इस पूरे घटनाक्रम पर न सिर्फ नजर बनाए हुए हैं, बल्कि परिवार के अंदर एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं और इसको लेकर वह परिवार के बड़े बुजुर्गों से राय मशविरा कर रहे हैं, जिससे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव में कोई मुसीबत न आने पाए. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि मैनपुरी समाजवादी पार्टी की सीट रही है. समाजवादी पार्टी लंबे समय से उस सीट पर जीत दर्ज करती रही है. रामपुर सीट पर भी समाजवादी पार्टी की जीत होती रही है. मोहम्मद आजम खान का पूरे क्षेत्र में दबदबा है. मैनपुरी और रामपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी बेहतरीन रणनीति के साथ चुनाव लड़ेगी और दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने का काम करेगी.

पढेंः भाजपा सांसद घनश्याम सिंह लोधी बोले, उपचुनाव दुर्भाग्यपूर्ण! यह तो होना ही नही चाहिए

लखनऊः रामपुर और मैनपुरी में उपचुनाव(By-elections in Rampur and Mainpuri) कराए जाने के लिए आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अब दोनों सपा के गढ़ मानी जानी वाली इन सीटों पर जीत दर्ज करने को लेकर अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव के सामने जीत दर्ज करने के लिए चुनौती बड़ी है. भाजपा इन दोनों सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. ऐसे में अखिलेश के सामने उपचुनाव जीतना बड़ी चुनौती है.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद

दरअसल, रामपुर और मैनपुरी समाजवादी पार्टी के काफी लंबे समय से गढ़ रहे हैं और यहां पर समाजवादी पार्टी अपनी जीत दर्ज करती रही है. अब जब मुलायम सिंह यादव जीवित नहीं हैं, तो मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की संसदीय राजनीति की विरासत कौन संभालेगा, इसको लेकर तमाम तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. मैनपुरी में चुनाव लड़ने को लेकर शिवपाल सिंह यादव की तरफ से भी संकेत मिल रहे हैं.

समाजवादी पार्टी की तरफ से तेज प्रताप यादव को चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है. कुछ लोग डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतारने की बात अखिलेश यादव से कर रहे हैं. इसके अलावा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर सकती हैं. इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर तेजी से हो रही है. हालांकि इस पर बीजेपी की तरफ से अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं.

ऐसे में इन तमाम सियासी घटनाक्रम के चलते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मैनपुरी संसदीय सीट पर सियासत की साइकिल चलाना काफी मुश्किल लग रहा है. साइकिल का रास्ता रोकने के लिए उनके परिवार के लोग ही रोड़े अटका सकते हैं. ऐसे में अखिलेश यादव को अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए काफी कुछ संघर्ष करना पड़ सकता है. मैनपुरी संसदीय सीट 1996 से यादव परिवार के पास ही है.

वहीं, अगर बात रामपुर विधानसभा सीट की करें तो यह सीट भी समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है. रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान का दबदबा है. जब चुनाव हुए थे तो आजम खान विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन कोर्ट से 3 साल की सजा मिलने के बाद अब इस सीट पर भी उपचुनाव होना है. ऐसे में आजम खान को इस सीट पर सियासी विरासत किसे मिलेगी. यह भी देखने वाली बात होगी.

मैनपुरी व रामपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. इससे इन दोनों सीटों को समाजवादी पार्टी की झोली से खींचा जा सके. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मैनपुरी सीट पर मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को चुनाव मैदान में उतारने की पेशकश की जा रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी की तरफ से और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव मैदान में कौन होगा.

अखिलेश यादव इस पूरे घटनाक्रम पर न सिर्फ नजर बनाए हुए हैं, बल्कि परिवार के अंदर एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं और इसको लेकर वह परिवार के बड़े बुजुर्गों से राय मशविरा कर रहे हैं, जिससे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव में कोई मुसीबत न आने पाए. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि मैनपुरी समाजवादी पार्टी की सीट रही है. समाजवादी पार्टी लंबे समय से उस सीट पर जीत दर्ज करती रही है. रामपुर सीट पर भी समाजवादी पार्टी की जीत होती रही है. मोहम्मद आजम खान का पूरे क्षेत्र में दबदबा है. मैनपुरी और रामपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी बेहतरीन रणनीति के साथ चुनाव लड़ेगी और दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने का काम करेगी.

पढेंः भाजपा सांसद घनश्याम सिंह लोधी बोले, उपचुनाव दुर्भाग्यपूर्ण! यह तो होना ही नही चाहिए

Last Updated : Nov 8, 2022, 10:48 PM IST
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