लखनऊ: वाणिज्य कर विभाग ने जीएसटी चोरी रोकने को लेकर एक नई रणनीति बनाने का फैसला किया है. इससे जो व्यापारी जीएसटी चोरी करने में सफल हो जाते हैं और विभाग को इसका भारी राजस्व का नुकसान होता है उससे बचने के लिए एक मास्टर डाटा बैंक तैयार करने का फैसला किया गया है. इसको लेकर बकायदा आदेश भी जारी किए गए हैं.
वाणिज्य कर कमिश्नर ने दिए आदेश
राज्य सरकार के निर्देश पर जीएसटी चोरी रोकने को लेकर वाणिज्य कर विभाग में मास्टर डाटा बैंक तैयार करने का फैसला किया गया है. इसको लेकर वाणिज्य कर कमिश्नर मिनिस्ती एस ने सभी एडिशनल कमिश्नर और कार्यपालक कारपोरेट सर्किल के ज्वाइंट कमिश्नर, डिप्टी व असिस्टेंट कमिश्नर और वाणिज्य कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले बड़े व्यापारी होंगे शामिल
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, जीएसटी चोरी करने वाले बड़े व्यापारियों द्वारा दाखिल किए जाने वाले रिटर्न का प्रभावी अनुश्रवण करने के लिए मास्टर डाटा बैंक तैयार किया जाएगा. इसमें 5 करोड़ से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को शामिल किया जाएगा. इस डाटा बैंक के आधार पर बड़े व्यापारियों द्वारा दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की स्क्रूटनी, मॉनिटरिंग, टैक्स ऑडिट और जांच करने में आसानी हो सकेगी.
जीएसटी लागू होने के बाद नहीं हो पा रही है मॉनिटरिंग
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक बड़े करदाताओं का कोई भी मास्टर डाटा बैंक नहीं बन पाया है. इसलिए बड़े मामलों में होने वाली कर चोरी की प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. इसी के मद्देनजर बड़े करदाताओं की मॉनिटरिंग करने को लेकर मास्टर डाटा बैंक तैयार किया जाएगा और इससे कर चोरी पर अंकुश लगाया जा सकेगा.
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पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारी होंगे चिह्नित
वाणिज्य कर कमिश्नर की तरफ से सभी अधिकारियों को भेजे गए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर देने वाले बड़े व्यापारियों को चिह्नित करते हुए उन्हें मास्टर डाटा बैंक में शामिल करने को लेकर मुख्यालय को एक रिपोर्ट भेजी जाए, जिसके आधार पर आगे की कार्यवाही जल्द पूरी कराई जा सके.