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Swami Prasad Maurya को घेरने के लिए भाजपा ने बनाई ऐसी रणनीति, रामचरित मानस पर टिप्पणी का देना होगा जवाब

भारतीय जनता पार्टी ने रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की टिप्पणी को लेकर रणनीति तैयार कर ली है. विधान परिषद में स्वामी प्रसाद पर अटैक के लिए बीजेपी ने दलित और पिछड़े वर्ग के एमएलसी को तैयार किया है.

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Published : Feb 20, 2023, 2:56 PM IST

लखनऊ : रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी विधान परिषद में उन पर अटैक करेगी. जिसके लिए खास तौर पर दलित और पिछड़े एमएलसी आगे आएंगे. स्वामी प्रसाद मौर्य को इस मुद्दे पर सदन में घेरकर भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में एक संदेश देना चाहती है. दूसरी और अखिलेश यादव ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मुद्दे पर सदन में बातचीत होगी. यानी कि अब यह तय है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस की टिप्पणी पर आरोप-प्रत्यारोप से सदन तपेगा.

गौरतलब है कि 22 फरवरी को जब एक और भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी वहीं दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को लेकर बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे. इस संबंध में मीडिया के तमाम चैनलों में उन्होंने अपनी बाइट देकर कहा था कि श्री रामचरितमानस की चौपाइयां शूद्रों और नारियों के खिलाफ हैं. ऐसे ग्रंथ को बैन कर देना चाहिए. जिसके बाद में लगातार इस मुद्दे पर राजनीतिक चर्चा जोरों पर हैं. समाजवादी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है. भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर काफी सोच समझकर कदम आगे बढ़ा रही है. जिसमें बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण होगा.

भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा के चुने हुए एमएलसी विधान परिषद में स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोलेंगे. मसला श्री रामचरितमानस पर उनकी टिप्पणी को लेकर होगा. कुछ ख़ास सवाल तैयार किए गए हैं जिनके जरिए स्वामी प्रसाद मौर्य कोइस मुद्दे पर बैकफुट पर लाने का प्रयास भाजपा करेगी. जब से इस मुद्दे पर स्वामी प्रसाद मौर्य की पोल पूरी प्रदेश के सामने खोली जा सके. भारतीय जनता पार्टी खासतौर पर दलित और पिछड़े विधायकों को इस मोर्चे पर लगा रही है. ताकि स्वामी प्रसाद मौर्य के पास बचने का कोई अवसर ना रह जाए. ब्राह्मण और अगड़ी जाति के विधायकों को निर्देशित किया गया है कि वह इस मुद्दे पर ना बोलें. दूसरी और समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है. समाजवादी पार्टी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि रामचरितमानस के मुद्दे पर सदन में बात होगी. जिसका अर्थ यह है कि सपा भी इस मुद्दे पर भाजपा के सवालों से पीछे हटने को तैयार नहीं है.

लखनऊ : रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी विधान परिषद में उन पर अटैक करेगी. जिसके लिए खास तौर पर दलित और पिछड़े एमएलसी आगे आएंगे. स्वामी प्रसाद मौर्य को इस मुद्दे पर सदन में घेरकर भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में एक संदेश देना चाहती है. दूसरी और अखिलेश यादव ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मुद्दे पर सदन में बातचीत होगी. यानी कि अब यह तय है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस की टिप्पणी पर आरोप-प्रत्यारोप से सदन तपेगा.

गौरतलब है कि 22 फरवरी को जब एक और भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी वहीं दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को लेकर बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे. इस संबंध में मीडिया के तमाम चैनलों में उन्होंने अपनी बाइट देकर कहा था कि श्री रामचरितमानस की चौपाइयां शूद्रों और नारियों के खिलाफ हैं. ऐसे ग्रंथ को बैन कर देना चाहिए. जिसके बाद में लगातार इस मुद्दे पर राजनीतिक चर्चा जोरों पर हैं. समाजवादी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है. भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर काफी सोच समझकर कदम आगे बढ़ा रही है. जिसमें बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण होगा.

भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा के चुने हुए एमएलसी विधान परिषद में स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोलेंगे. मसला श्री रामचरितमानस पर उनकी टिप्पणी को लेकर होगा. कुछ ख़ास सवाल तैयार किए गए हैं जिनके जरिए स्वामी प्रसाद मौर्य कोइस मुद्दे पर बैकफुट पर लाने का प्रयास भाजपा करेगी. जब से इस मुद्दे पर स्वामी प्रसाद मौर्य की पोल पूरी प्रदेश के सामने खोली जा सके. भारतीय जनता पार्टी खासतौर पर दलित और पिछड़े विधायकों को इस मोर्चे पर लगा रही है. ताकि स्वामी प्रसाद मौर्य के पास बचने का कोई अवसर ना रह जाए. ब्राह्मण और अगड़ी जाति के विधायकों को निर्देशित किया गया है कि वह इस मुद्दे पर ना बोलें. दूसरी और समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है. समाजवादी पार्टी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि रामचरितमानस के मुद्दे पर सदन में बात होगी. जिसका अर्थ यह है कि सपा भी इस मुद्दे पर भाजपा के सवालों से पीछे हटने को तैयार नहीं है.

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